सोना 6700 रुपये सस्ता, क्या खरीदने का यही है सही समय… चांदी भी 13000 रुपये हुई सस्ती !
Gold Rate: ताजा भाव की बात करें तो शुक्रवार की शाम 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 68131 रुपये थी, जबकि 22 कैरेट गोल्ड का भाव 62408 रुपये था. वहीं चांदी फिलहाल 81271 प्रति किलो है.
सोना-चांदी में निवेश भारतीयों की पहली पसंद रही है. परंपरा भी है, और रिटर्न भी अच्छा मिलता है. आपके आसपास भी कई ऐसे लोग होंगे, जो बात-बात में कहते होंगे, जब वो मुसीबत में थे, तब सोना, चांदी और ज्वेलरी ने उनका साथ दिया. यानी सोने-चांदी को गिरवी रखकर, या फिर बेचकर वो संकट से बाहर निकले.
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या सोने में निवेश का ये सही वक्त है? क्योंकि सोना ऑल टाइम हाई से करीब 6700 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है, जबकि चांदी का भाव ऑल टाइम हाई से 13000 रुपये प्रति किलो घट चुका है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो थोड़ा-थोड़ा करके खरीद सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप सोने में एक लाख रुपये निवेश करना चाहते हैं तो अभी 40 हजार रुपये का सोना खरीद सकते हैं, बाकी 60 हजार रुपये रखें, क्योंकि अगर सोने की कीमतों में और गिरावट आती है तो उस बाकी बचे पैसों से तब खरीदें.
सोने-चांदी का ताजा भाव (Gold Silver Update Rate)
अगर ताजा भाव की बात करें तो शुक्रवार की शाम 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 68131 रुपये थी, जबकि 22 कैरेट गोल्ड का भाव 62408 रुपये था. वहीं चांदी फिलहाल 81271 प्रति किलो है.
बता दें, गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को भी सोने की कीमतों में गिरावट आई है, गुरुवार की शाम 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 68227 रुपये था, जो आज घटकर 68131 रुपये हो गया है. इसी तरह चांदी की कीमत गुरुवार को 81474 रुपये किलो थी, जो शुक्रवार को घटकर 81271 रुपये किलो हो गई.
सोने ने खूब बनाकर दिया है पैसा
सोने ने लोगों को जबर्दस्त रिटर्न बनाकर दिया है. Indian Post Gold Coin Services के अनुसार जिस समय देश आजाद हुआ था, उस समय सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 88 रुपये 62 पैसे थी. 1964 में पहली बार इसकी कीमतों में गिरावट आई और ये 63.25 रुपये प्रति 10 ग्राम आ गया. 1970 और 80 के दशक में इसकी कीमत 1184 से 1130 रुपये के आसपास रही. 1990 में सोने की कीमतों ने बड़ा छलांग लगाया और 3200 रुपये पर जा पहुंचा. फिर पांच वर्ष बाद 1995 में ये सीधा 4680 रुपये हो गया.
गौरतलब है कि सोने को संकट का सहारा माना जाता है, जब-जब दुनिया में आर्थिक संकट गहराया है, सोने में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. उदाहरण के तौर पर कोरोना संकट के दौरान शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को निराश किया था. बैंकों में लगातार ब्याज दरें घटती जा रही थीं. लेकिन उस दौरान सोने ने लोगों को जबर्दस्त रिटर्न दिया था.
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