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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और वार्षिक अधिवेशन – “विकसित भारत 2047”

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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और वार्षिक अधिवेशन – “विकसित भारत 2047”

बीकानेर, 16 अक्टूबर 2024 – महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू), बीकानेर, और भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद (आईपीएसए) के संयुक्त तत्वाधान में 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2024 तक एक भव्य अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का विषय “विकसित भारत 2047” रखा गया है और इसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत के विकास की परिकल्पना और योजना को साकार करने में शैक्षणिक और राजनीतिक योगदान सुनिश्चित करना है। यह आयोजन विश्वविद्यालय के मीराबाई सभागार में सम्पन्न होगा और इसकी भव्यता को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने इसे विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे बड़े शैक्षणिक आयोजनों में से एक बताया है।

प्रो. मनोज दीक्षित के अनुसार, भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद के आग्रह पर यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है, जिसमें लगभग 1500 प्रतिभागी शामिल होंगे। इनमें भारत एवं विदेशों से आए शिक्षाविद, शोधार्थी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और राजनीतिक विज्ञान के विशेषज्ञ शामिल हैं। संगोष्ठी के दौरान विभिन्न सत्रों में देश-विदेश के विद्वान अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे और विकसित भारत 2047 की संकल्पना को लेकर गहन विचार-विमर्श करेंगे।

विशेष सत्र और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन के दौरान 17 अक्टूबर को एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भी रखा गया है, जिसमें “भारतीय ज्ञान परंपरा” पर केंद्रित चर्चा होगी। इस सत्र में विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे और प्रतिभागियों को प्राचीन भारतीय ज्ञान एवं परंपराओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

इसके अतिरिक्त, 18 अक्टूबर की शाम 6 बजे बीकानेर की समृद्ध कला और संस्कृति से परिचित कराने के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकार विशेष प्रस्तुतियां देंगे। साथ ही, बीकानेर की खानपान परंपरा को उजागर करने के लिए एक कान्क्लेव का आयोजन भी होगा, जिसमें स्थानीय “उस्ता आर्ट” और पारंपरिक व्यंजनों को प्रदर्शित किया जाएगा।

तैयारियों की व्यापकता

इस आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं। कुलसचिव श्री हरि सिंह मीणा ने बताया कि प्रतिभागियों के ठहरने, भोजन और परिवहन के लिए अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। बीकानेर के करीब 25 होटलों और सामुदायिक भवनों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालय में स्वच्छता, सजावट और कला प्रदर्शन की भी विशेष व्यवस्था की गई है ताकि प्रतिभागियों को एक आरामदायक और प्रेरणादायक माहौल मिल सके।

विशेष प्रकाशन और रिपोर्ट प्रस्तुति

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा “मक्रू गंगा स्मारिका” का भी प्रकाशन किया जाएगा, जो इस आयोजन की विशेषताओं और इसके विभिन्न सत्रों का संकलन होगी। आईपीएसए के महासचिव एवं पूर्व कुलपति डॉ. संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि परिषद अपने वार्षिक अधिवेशन के दौरान समसामयिक विषयों पर विचार-विमर्श करती है और इस चर्चा के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर संबंधित संस्थाओं को भेजती है। इस वर्ष भी संगोष्ठी के समापन के बाद एक विशेष जनरल का प्रकाशन किया जाएगा, जिसमें शिक्षाविदों के विचार और सुझाव संकलित किए जाएंगे।

विकसित भारत 2047 पर विचार-विमर्श

“विकसित भारत 2047” विषय पर आधारित इस संगोष्ठी में भाग लेने वाले विद्वान भारत के विकास और प्रगति की दिशा में अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करेंगे। आयोजन सचिव डॉ. मेघना शर्मा और डॉ. धर्मेश हरवानी ने बताया कि इस संगोष्ठी में अलग-अलग तकनीकी सत्रों का आयोजन होगा, जहां शिक्षाविद और शोधार्थी अपने विचार साझा करेंगे। इन सत्रों के माध्यम से विकसित भारत की संकल्पना पर विचार-विमर्श के बाद एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो भारत सरकार को प्रेषित की जाएगी।

समापन

इस भव्य आयोजन का उद्देश्य न केवल शैक्षणिक विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी बढ़ावा देना है। बीकानेर का यह आयोजन न केवल प्रतिभागियों के लिए एक शैक्षिक मंच साबित होगा, बल्कि भारतीय ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करने में सहायक सिद्ध होगा।

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