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जयपुर ग्रामीण के जूनसिया गांव के वीर सपूत भारतीय नेवी के मार्कोस कमांडो महेंद्र सिंह शेखावत शहीद

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जयपुर ग्रामीण के जूनसिया गांव के वीर सपूत महेंद्र सिंह शेखावत शहीद

मुम्बई में जहाज और बोट की टक्कर में हुआ हादसा, 13 की मौत, तीन नेवी जवानों समेत 10 नागरिक शामिल

जयपुर ग्रामीण जिले के किशनगढ़-रेनवाल थाना क्षेत्र के गांव जूनसिया के रहने वाले भारतीय नेवी के मार्कोस कमांडो महेंद्र सिंह शेखावत एक दर्दनाक हादसे में शहीद हो गए। यह हादसा बुधवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास समुद्र में जहाज और बोट की जोरदार टक्कर से हुआ। इस घटना में महेंद्र सिंह के अलावा तीन नेवी जवानों और 10 नागरिकों की भी मौत हो गई।

घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार हादसा उस समय हुआ जब एक बोट गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा की ओर जा रही थी। अचानक समुद्र में जहाज और बोट की भीषण टक्कर हुई, जिससे बोट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस हादसे में मौजूद 13 लोगों की जान चली गई, जिनमें महेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल थे। हादसे की जानकारी मिलते ही नेवी के उच्च अधिकारी और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया गया।

रेनवाल तहसीलदार कोमल यादव ने बताया कि महेंद्र सिंह भारतीय नौसेना में मार्कोस कमांडो के पद पर तैनात थे। बुधवार को हुए इस दर्दनाक हादसे में वह शहीद हो गए। महेंद्र सिंह के शहीद होने की सूचना से पूरे गांव में शोक की लहर है। गुरुवार दोपहर तक शहीद महेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने की संभावना है। वहां से उनके पैतृक गांव जूनसिया लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पूर्व कप्तान धोनी को दी थी गन चलाने की ट्रेनिंग
महेंद्र सिंह की बहादुरी और कौशल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को गन चलाने की विशेष ट्रेनिंग दी थी। गौरतलब है कि धोनी को भी नेवी की ओर से मानद लेफ्टिनेंट की उपाधि प्राप्त है। इस दौरान धोनी की विशेष प्रशिक्षण का जिम्मा महेंद्र सिंह को ही सौंपा गया था।

रिटायरमेंट से दो महीने पहले शहादत
महेंद्र सिंह के शहादत की खबर के बाद उनके परिवार और गांव में गम का माहौल है। तहसीलदार कोमल यादव ने बताया कि महेंद्र सिंह अगले दो महीने में नौसेना से रिटायर होने वाले थे। उनकी उम्र 34 वर्ष थी और उनके रिटायरमेंट के बाद घर लौटकर परिवार के साथ समय बिताने की योजना थी। लेकिन यह हादसा उनके सभी सपनों को अधूरा छोड़ गया।

पूरा गांव गर्व और गम में डूबा
महेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर से गांव में मातम पसरा हुआ है। उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने महेंद्र सिंह की बहादुरी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान किया है। यह पूरे गांव के लिए गर्व का क्षण है, लेकिन उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो पाएगी।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शहीद महेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव जूनसिया में किया जाएगा। सेना के जवानों की टुकड़ी उन्हें सलामी देगी और हजारों लोग इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मौजूद रहेंगे।

देश के लिए सदा याद रहेंगे महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह की वीरता, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा सदा देशवासियों को प्रेरणा देती रहेगी। उन्होंने अपने जीवन में अदम्य साहस और अनुशासन का परिचय दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर अमर हो गए।


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