पुतिन बोले- यूक्रेन से बातचीत के लिए राजी:कहा- जंग रोकने के लिए भारत-चीन मध्यस्थता कर सकते हैं; यूक्रेन की जमीन छोड़ने को तैयार नहीं
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में जंग की शुरुआत हुई थी। (फाइल)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वे जंग में समझौते को लेकर यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन ने कहा है कि भारत, चीन या ब्राजील दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं।
रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEZ) में बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि 2022 में जब जंग शुरू हुई थी, तब तुर्किये ने दोनों देशों के बीच समझौता कराने की कोशिश की थी। हालांकि, उन शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया था। अब नए सिरे से बातचीत शुरू करने के लिए पिछली कोशिश को आधार बनाया जा सकता है।
तस्वीर मार्च 2022 की है, जब तुर्किये ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता करवाने की कोशिश की थी।
जंग रोकने के लिए पुतिन की शर्तें
फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के एक महीने बाद रूस और यूक्रेन के बीच तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल में कई दौर की बातचीत हुई थी। इसका मकसद जंग रोकना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जंग रोकने के लिए दो शर्तें रखी थीं।
उन्होंने कहा था कि यूक्रेन को दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन और जपोरजिया से अपने सैनिक हटाने होंगे। इसके अलावा यूक्रेन कभी भी नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा। हालांकि यूक्रेन ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था।
जेलेंस्की ने कहा था- भारत में करवा सकते हैं पीस समिट
पुतिन का यह बयान तब आया है जब PM मोदी करीब 2 महीने पहले 8 जुलाई को रूस के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने पुतिन से जंग रोकने पर चर्चा की थी। इसके कुछ समय बाद PM मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का भी दौरा किया था। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भारत में दूसरा पीस समिट करवाने की इच्छा जाहिर की थी।
वहीं जेलेंस्की के साथ बैठक में PM मोदी ने कहा था, ‘भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने मीडिया के सामने उनकी आंख से आंख मिलाकर कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।’
ढाई साल में कहां पहुंची रूस-यूक्रेन जंग
24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग को ढाई साल पूरे हो चुके हैं। इस बीच अब तक यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं।
रूस-यूक्रेन जंग में 6 अगस्त 2024 को पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन ने रूस में घुसकर उसके कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया। तभी से यूक्रेन लगातार रूस पर हमलावर है। RT की रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिनों में यूक्रेन के हमलों में रूस के 31 नागरिकों की जान जा चुकी है।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहली बार है, जब रूस की धरती पर किसी विदेशी ताकत ने कब्जा किया हो। यूक्रेन ने दो हफ्ते में रूस के 1263 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था। यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 2024 के 8 महीने में जितने इलाके पर कब्जा किया है, उससे ज्यादा जमीन पर यूक्रेन ने 2 हफ्तों में कब्जा कर लिया है।
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