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तिरंगा यात्रा और विभाजन की विभीषिका की याद: SHANA इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया

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तिरंगा यात्रा और विभाजन की विभीषिका की याद: SHANA इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया

बीकानेर : SHANA इंटरनेशनल स्कूल ने CBSE की दिशा-निर्देशों के अनुसार 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा का आयोजन भव्य और प्रेरणादायक तरीके से किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीयता और स्वतंत्रता की भावना को प्रोत्साहित करना था।

आज सुबह, स्कूल के प्रांगण में छात्रों ने तिरंगे झंडे को हाथ में लेकर एक रंगीन और उत्साहपूर्ण रैली निकाली। इस रैली में छात्रों ने “वन्दे मातरम” और अन्य देशभक्ति के गीतों के साथ जोश भरपूर उद्घोष किया। उनके हाथ में तिरंगा झंडा और चेहरे पर उत्साहपूर्ण मुस्कान ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

रैली के बाद, विद्यालय में विभाजन की विभीषिका पर आधारित एक विशेष नाटिका का मंचन किया गया। इस नाटिका को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा द्वारा तैयार किया गया था, और यह विभाजन की त्रासदी और स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष को एक यथार्थपरक और भावनात्मक तरीके से प्रस्तुत करती है। नाटिका ने विभाजन के दौरान हुए मानवाधिकार उल्लंघनों, विस्थापन, और सांस्कृतिक संघर्ष की दुखद कहानियों को उजागर किया, जिससे उपस्थित सभी दर्शक गहरे भावनात्मक प्रभाव में आ गए।

प्रधानाचार्या डॉ. पुष्पलता ने इस कार्यक्रम की महत्वपूर्णता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “यह आयोजन हमारे छात्रों के लिए एक विशेष अवसर है। वे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हमारे पूर्वजों द्वारा झेली गई कठिनाइयों और बलिदानों को समझ सकते हैं। यह कार्यक्रम हमारे बच्चों को राष्ट्रीय एकता, स्वतंत्रता, और देशभक्ति के महत्व को सिखाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।”

विद्यालय की इस पहल ने न केवल छात्रों को स्वतंत्रता संग्राम की वीरगाथाओं से परिचित कराया बल्कि उन्हें एकजुटता और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का अहसास भी कराया।

कल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी विद्यालय में एक विशेष नाटिका का आयोजन किया जाएगा। इस नाटिका का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं को उजागर करना और बच्चों में देशभक्ति की भावना को और मजबूत करना है।

SHANA इंटरनेशनल स्कूल की यह पहल न केवल छात्रों के लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव रही, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी बनी है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल ऐतिहासिक घटनाओं की याद ताजा करते हैं, बल्कि राष्ट्र के प्रति सम्मान और एकता की भावना को भी बढ़ावा देते हैं।

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