नोखा के जोरावरपुरा में प्रवचन कार्यक्रम आयोजित:साध्वी ने कहा-सेवा शब्द दो अक्षर का, पर करना बहुत कठिन
सेवा शब्द दो अक्षर का, पर करना बहुत कठिन है। ये विचार रविवार को नोखा के जोरावरपुरा में आचार्य महाश्रमण की सुशिष्य शासन साध्वी शशिरेखा ने अपने प्रवचन में रखें। उन्होंने कहा कि सेवा शब्द मात्र दो अक्षर का शब्द है, पर सेवा करना बहुत ही कठिन है। सेवा चाहे गुरु की हो, समाज की हो अपने माता पिता की हो। सेवा करना बहुत ही कठिन, सेवा करना अपने लक्ष्य को प्राप्त करने पर अपना मन एकाग्र करो। अपने हृदय को प्रेम से भर लो और सेवा में लग जाओ, जो मनुष्य दूसरों की सेवा नहीं कर सकता, वह मनुष्य ही नहीं है। हमें यह विचार करना चाहिए कि हमारा जन्म समाज की सेवा करने के लिए ही हुआ है।
आज कल के युवा सेवा शब्द से कुछ भटक रहे है कुछ नशे की बढ़ती प्रवृति के कारण युवा सेवा की भावना को गौण किए जा रहे हैं। अपने परिजनों की अच्छी तरह से सेवा नहीं कर पा रहे है जो कहा समाज की सेवा करेंगे।
तेरापंथ धर्म संघ में सेवा के अनके उदाहरण से श्रावक श्राविकाओं को अवगत करवाया कहा यदि सेवा भावना देखनी हो तो तेरापंथ धर्म संघ में देखे गुरु के द्वारा फरमाया एक शब्द सिरमौर बन जाता है चाहे कितनी भी कठिनाई आए वो कार्य को पूर्ण करने में जी जाने लुटा देते है।
साध्वी कांताप्रभा ने कहा कि भगवान ऋषभ के जीवन पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान ऋषभ की आराधना करने से मोह माया रूपी अंधकार मिटाया जा सकता है। अपने आराध्य की स्तुति करने से मन का मनोबल बढ़ाया जा सकता है और हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। आयाध्य शक्ति सम्पन होते है और उनकी स्तुति करने वाले भी शक्ति सम्पन बनते है।
साध्वी रोहितप्रभा ने म्हाने तपस्या कराने रो कोड घणों गीतिका के संगान से भवन परिसर को मधुमेह वातावरणमय बना दिया।
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