तकनीकी गड़बड़ी के बाद हादसे से बाल-बाल बचा नौसेना का ड्रोन, कंट्रोल्ड लैंडिंग कामयाब
HALE ड्रोन यानी हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन, एक तरह का मानव रहित यूएवी होता है। ऐसे ही एक HALE RPA की कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई। तकनीकी गड़बड़ी के बाद ये कदम उठाया गया। HALE ड्रोन, तेज गति से उड़ सकते हैं। इनका इस्तेमाल खुफिया जानकारी, निगरानी जैसे कामों के लिए किया जाता है।
नई दिल्ली: चेन्नई के पास समुद्र में भारतीय नौसेना के एक हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस रिमोटली पायलट एयरक्राफ्ट (HALE RPA) की तकनीकी गड़बड़ी के चलते नियंत्रित लैंडिंग कराई गई। यह घटना बुधवार दोपहर करीब 2 बजे की है। हेल ड्रोन, आईएनएस राजाली, अराकोणम से एक नियमित निगरानी मिशन पर था। उड़ान के दौरान तकनीकी गड़बड़ी को ठीक नहीं किया जा सका। ऐसे में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई।
क्या है पूरा मामला जानिए
HALE ड्रोन को सुरक्षा के मद्देनजर, एयरक्राफ्ट को समुद्र के ऊपर एक सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया। चेन्नई से दूर समुद्र में नियंत्रित तरीके से उतारा गया। इस संबंध में ओरिजिनल एक्यूपमेंट निर्माता (OEM) से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। नौसेना ने इस HALE RPA को लीज पर लिया था। यह ड्रोन नियमित निगरानी अभियान के लिए INS राजाली से संचालित होता है। तकनीकी गड़बड़ी की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
चेन्नई के पास समुद्र में कंट्रोल्ड लैंडिंग
OEM से मिली रिपोर्ट के बाद ही इस बारे में कुछ स्पष्ट हो पाएगा। भारतीय नौसेना की ओर से किराए पर लिया गया हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट की सेफ लैंडिंग हुई है। तकनीकी गड़बड़ी के चलते एयरक्राफ्ट को उड़ान के दौरान रीसेट नहीं किया जा सका। ट्रोन को समुद्र के ऊपर एक सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया और चेन्नई के पास समुद्र में नियंत्रित लैंडिंग की गई।
क्या होते हैं HALE ड्रोन
HALE ड्रोन यानी हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस एयरक्राफ्ट एक तरह का मानव रहित यूएवी होता है। इन्हें खास तरह से डिजाइन किया गया है। HALE ड्रोन, तेज रफ्तार से उड़ सकते हैं। इनका इस्तेमाल खुफिया जानकारी, निगरानी आदि कामों के लिए किया जाता है। HALE ड्रोन ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकते हैं।
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