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अब वर्दी पहनकर कलेक्ट्रेट पर अनशन करेगा सीआरपीएफ जवान

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अब वर्दी पहनकर कलेक्ट्रेट पर अनशन करेगा सीआरपीएफ जवान

सीकर. इसे विडंबना कहें या शासन- प्रशासन के लिए शर्म की बात…। सरहद पर देश की सुरक्षा करने वाले एक सीआरपीएफ जवान की जमीन भी प्रशासन अतिक्रमण से मुक्त नहीं करवा रहा। श्रीनगर में आमजन की आंतकियों से हिफाजत में जुटा ये जवान पिछले 10 साल से अपनी छुट्टियां तक परिवार के साथ बिताने की […]

सीकर

सीकर. इसे विडंबना कहें या शासन- प्रशासन के लिए शर्म की बात…। सरहद पर देश की सुरक्षा करने वाले एक सीआरपीएफ जवान की जमीन भी प्रशासन अतिक्रमण से मुक्त नहीं करवा रहा। श्रीनगर में आमजन की आंतकियों से हिफाजत में जुटा ये जवान पिछले 10 साल से अपनी छुट्टियां तक परिवार के साथ बिताने की बजाय अपने इसी हक के संघर्ष में बिता रहा है। पर कोर्ट के आदेश व हर स्तर पर गुहार के बाद भी उसे न्याय नहीं मिला है। अतिक्रमियों का हमला तक झेल चुके दांतारामगढ़ के डूकिया निवासी जवान राजपाल सिंह शेखावत ने अब अंतिम विकल्प के रूप में सेना की वर्दी में ही कलेक्ट्रेट पर आमरण अनशन करना तय किया है। जिसके लिए उसने मंगलवार को कलक्टर को ज्ञापन दिया है।

दो जमीनों पर कब्जा, कोर्ट के आदेश भी बेअसर

सिपाही राजपाल सिंह ने बताया कि उसकी आलोदा में सामेर चोराहे पर पुश्तैनी जमीन के दो हिस्से हैं। करीब तीन बीघा जमीन के एक हिस्से में से आधी उसने 2010 में पड़ौसी को बेच दी थी। पर उसे खरीदने वाले ने एक बीघा ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया। उसके लगती पीछे की डेढ बीघा जमीन भी कब्जाली। 2013 में छुट्टी पर आया तो सीमा ज्ञान में पुष्टि के बाद उसने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई तो 2019 में कोर्ट ने अतिक्रमी को दोषी मान उस पर 1500 रुपए का जुर्माना भी लगाया। पर अब तक उसे कब्जा नहीं मिला। आरोप है कि इस बीच 2014 में छुट्टी में आया तो आरोपियों ने उसे बांधकर मारपीट भी की।

नम आंखों से कहा, परिवार को भी समय नहीं दे पा रहा

सेना से छुट्टी मिलते ही अपने न्याय की जंग में जूझते- जूझते थक चुके राजपाल का दर्द अब उसकी आंखों में भी छलकने लगा है। अपनी पीड़ा बताते हुए ही ही राजपाल की आंखो में नमी उतर आई। रुंधे गले से लड़खड़ाते शब्दों से उसने कहा कि पिता व भाई को खोने के बाद घर में अकेला हूं। अतिक्रमी भी हमला कर चुके हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिए परिवार को भी जयपुर में रखना पड़ रहा है। छुट्टी मिलती है तो भी जमीन के इस संघर्ष में इधर— उधर भटकने की वजह से मां, पत्नी व बच्चों को भी समय नहीं दे पाता…।

कल से अनशन की चेतावनी

राजपाल अपनी समस्या को लेकर तहसीलदार, एसडीएम व कलक्टर से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक से व्यक्तिगत रूप से मिल चुका है। सीआरपीएफ के कमांडेंट,सीओ और आईजीपी भी सीकर कलक्टर को कई बार पत्र लिख चुके हैं। पर किसी भी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में एक महीने की छुट्टी पर आए राजपाल ने कलक्टर को 24 घंटे में न्याय नहीं मिलने पर एक जुलाई से कलेक्ट्रेट पर अनशन की चेतावनी भरा ज्ञापन दिया है।

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