Defence: IPS अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी को BSF का अतिरिक्त प्रभार, अभी संभाल रहे SSB के महानिदेशक का पद
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) नितिन अग्रवाल और उनके डिप्टी विशेष डीजी (पश्चिम) वाईबी खुरानिया को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, दोनों के मूल राज्य कैडर में वापस भेज दिया गया है।
दलजीत सिंह चौधरी –
गृह मंत्रालय ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी को अगले आदेश तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। यह कदम बीएसएफ डीजी नितिन अग्रवार को उनके राज्य कैडर में वापस भेजे जाने के एक दिन बाद उठाया गया। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह ने इस साल जनवरी में एसएसबी महानिदेशक के तौर पर पदभार संभाला था। केंद्र सरकार ने 19 जनवरी को उन्हें एसएसबी का महानिदेशक नियुक्त किया था। एसएसबी महानिदेश नियुक्त होने से पहले वह सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक पद पर तैनात थे।
केंद्र सरकार ने नितिन अग्रवार को तत्काल प्रभाव से हटाया
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) नितिन अग्रवाल और उनके डिप्टी विशेष डीजी (पश्चिम) वाईबी खुरानिया को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, दोनों के मूल राज्य कैडर में वापस भेज दिया गया है। नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं, जबकि वाईबी खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं।
अग्रवाल ने पिछले साल जून में सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख का कार्यभार संभाला था। वहीं, विशेष डीजी (पश्चिम) के रूप में खुरानिया पाकिस्तान सीमा पर बल का नेतृत्व कर रहे थे। नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति (एसीसी) ने अलग-अलग जारी आदेशों में कहा कि उन्हें ‘तत्काल प्रभाव से और समय से पहले’ वापस भेजा जा रहा है। करीब 2.65 लाख कर्मियों वाले सुरक्षा बल बीएसएफ पर पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ लगने वाली भारतीय सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो अफसरों को वापस राज्य कैडर में भेजने का फैसला ऐसे समय में आया है, जब बीएसएफ के नियंत्रण वाली भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस साल ही राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिले में 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 11 सुरक्षाबलों के जवान हैं। हालांकि, सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात बीएसएफ ने घुसपैठ की किसी भी घटना से इनकार किया है।
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