बीकानेर। न्याय तक सरल, सुलभ और त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में वर्ष की अंतिम लोक अदालत का बीकानेर में आयोजन किया गया। इसमें तालुका स्तर पर 8 और मुख्यालय स्तर पर 9 बेंचों का गठन कर कुल 17 बेंचों के माध्यम से लंबित प्रकरणों के निस्तारण का प्रयास किया गया।
इस लोक अदालत में पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस (एनआई एक्ट), घरेलू विवाद, सिविल व अन्य समझौतायोग्य प्रकरणों पर विशेष फोकस रहा। अधिकारियों के अनुसार, समझौते के आधार पर हुए निस्तारण से न केवल पक्षकारों का समय और खर्च बचा, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया पर बढ़ते बोझ में भी कमी आई।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मांडवी राजवी ने बताया कि लोक अदालत एक ऐसी वैकल्पिक विवाद निवारण प्रणाली है, जहां त्वरित न्याय के साथ-साथ सौहार्दपूर्ण समाधान को प्राथमिकता दी जाती है। विशेषकर पारिवारिक और घरेलू विवादों में, जहां भावनात्मक पहलू जुड़े होते हैं, वहां लोक अदालत प्रभावी और संवेदनशील समाधान उपलब्ध कराती है।
उन्होंने आमजन से अपील की कि वे लोक अदालत का अधिकतम उपयोग करें, ताकि लंबित प्रकरणों का शीघ्र और संतोषजनक निस्तारण हो सके। इससे न केवल न्यायालयों पर भार घटता है, बल्कि पक्षकारों को वर्षों तक चलने वाले मुकदमों से भी राहत मिलती है।










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