बीकानेर। पूर्व बीकानेर राजपरिवार की अरबों की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। अपर जिला न्यायाधीश (Dispute Adjudicator) ने पूर्व महाराजा डॉ. करणी सिंह की पुत्री राजकुमारी राज्यश्री कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए, उनकी भतीजी और बीकानेर पूर्व से विधायक राजकुमारी सिद्धि कुमारी व अन्य सहयोगियों के खिलाफ महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।
कोर्ट ने राजकुमारी राज्यश्री कुमारी के पक्ष में अस्थाई निषेधाज्ञा (Temporary Injunction) जारी करते हुए निर्देश दिया है कि महाराजा डॉ. करणी सिंह और राजमाता सुशीला कुमारी से संबंधित विवादित चल-अचल संपत्तियों को अगली सुनवाई तक खुर्द-बुर्द, रहन, विक्रय या हस्तांतरण नहीं किया जाएगा।
राजकुमारी राज्यश्री कुमारी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर दावा किया था कि वह महाराजा डॉ. करणी सिंह और राजमाता सुशीला कुमारी की वसीयत के अनुसार संपत्तियों की कानूनी एडमिनिस्ट्रेटर हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी भतीजी सिद्धि कुमारी और अन्य पक्षकार विवादित संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने का प्रयास कर रहे हैं।
दूसरी ओर, विधायक सिद्धि कुमारी पक्ष ने तर्क दिया कि राजमाता सुशीला कुमारी की वसीयत के अनुसार वह स्वयं उन संपत्तियों की एडमिनिस्ट्रेटर हैं।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद यह माना कि संपत्ति के ‘खुर्द-बुर्द’ होने की आशंका है, जिससे संपत्ति के स्वरूप को बदला जा सकता है।
न्यायालय ने सी.पी.सी. की धारा 39 नियम 1 व 2 के तहत राजकुमारी राज्यश्री कुमारी के पक्ष में अस्थाई निषेधाज्ञा प्रदान की।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रतिवादीगण (सिद्धी कुमारी व अन्य) महाराजा डॉ. करणी सिंह की वसीयत से संबंधित समस्त चल-अचल संपत्तियों को न्यायालय के अग्रिम आदेश तक किसी भी प्रकार से खुर्द-बुर्द, बेचेंगे, गिरवी रखेंगे या हस्तांतरित नहीं करेंगे।
यह आदेश बीकानेर राजपरिवार के दो प्रमुख सदस्यों, बुआ राज्यश्री कुमारी और भतीजी सिद्धि कुमारी के बीच चल रहे संपत्ति विवाद में राज्यश्री कुमारी के लिए एक बड़ी राहत और सिद्धी कुमारी के लिए तात्कालिक कानूनी झटका माना जा रहा है।
बीकानेर राजपरिवार संपत्ति विवाद: विधायक सिद्धि कुमारी को झटका, कोर्ट ने बुआ राज्यश्री कुमारी के पक्ष में दिया ‘खुर्द-बुर्द’ रोकने का आदेश











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