
लेखिका की रचनात्मकता प्रतिभा का प्रतिबिंब है यह उपन्यास : मालचन्द तिवाड़ी
बीकानेर, 29 दिसंबर। बीकानेर के साहित्य जगत की ख्यातनाम हस्तियों द्वारा शिव वैली स्थित होटल कला मंदिर में रेणु बाला चौहान की प्रथम साहित्यिक कृति हिन्दी उपन्यास डीएम रश्मि रिपोर्टिंग सर का लोकार्पण समारोह पूर्वक किया गया। वी आर फाउण्डेशन, वॉयस ऑफ एज्यूकेशन “ज्ञानायाम” तथा सूर्य प्रकाशन मन्दिर द्वारा आयोजित इस लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार श्री मालचंद तिवाड़ी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि यह उपन्यास लेखिका रेणु बाला की रचनात्मक दृष्टि का बहुत अच्छा प्रमाण है। स्वयं के अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने लेखन के समय काम में ली जाने वाली कुछ बारीकियों की ओर लेखिका का ध्यान इंगित करवाया और आगे भी लेखन करते रहने की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ख्यातनाम व्यंग्यकार श्री बुलाकी शर्मा ने लेखिका को लेखन कार्य निरन्तर जारी रखने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि उपन्यास लिखना बहुत दुष्कर कार्य है। रेणु बाला ने अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत ही उपन्यास के माध्यम से कर अपनी लेखन – प्रतिभा को सिद्ध कर दिया है। विशिष्ट अतिथि लेखक एवं पत्रकार श्री हरीश बी शर्मा नेे सांकेतिक माध्यम से आज के समय में उपन्यास लेखन और पठन में कम हो रही रुचि को दर्शाते हुए उपन्यास लेखन के लिए लेखिका को बधाई देते हुए बताया कि सबसे बड़ा और सबसे छोटा उपन्यास इसी छोटी काशी बीकानेर की देन है। उन्होंने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को इस उपन्यास को पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि बी टी यू की रजिस्ट्रार रचना भाटिया ने इस उपन्यास को प्रेरक बताते हुए स्वयं के प्रशासनिक क्षेत्र के अनुभवों को मंच से साझा किया। श्रीमती भाटिया ने महिला शक्ति को समर्पित अपनी लगभग 25 वर्ष पुरानी एक प्रेरक कविता भी सुनाई।विशिष्ट अतिथि डॉ. मेघना शर्मा ने उपन्यास के कुछ अंशों के माध्यम से पात्र रश्मि के सफलता पाने की जद्दोजहद का जिक्र कर लड़कियों को आगे बढ़ने और बाधाओं पर जीत प्राप्त करने की बात कहते हुए लेखिका का उत्साह वर्धन किया। लेखक डॉ. नमामी शंकर आचार्य और कवयित्री श्रीमती मनीषा आर्य सोनी ने पत्र वाचन करते हुए उपन्यास के उजले और धुंधले पक्षों को उजागर किया।
लेखिका रेणु बाला चौहान ने अपने उद्बोधन में उपन्यास लेखन के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्य पात्र रश्मि के संघर्ष की दास्तान और सफलता की कहानी पाठकों तक पहुंचाई। लेखिका ने खुले मन से स्वीकार किया कि उनके लेखन कार्य में सबसे बड़ा सहयोग उनके पति विशाल सोलंकी का रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत में ज्ञानायाम के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने स्वागत वक्तव्य देते हुए सभी अतिथियों एवं लेखिका का परिचय दिया। उपन्यास के टिप्पणीकार साहित्यकार डॉ. नीरज दईया ने भी उपन्यास को आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरक बताया। वी आर फाउण्डेशन के विशाल सोलंकी ने सभी अतिथियों, उपस्थित प्रबुद्ध गणमान्य जनों एवं सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन डॉ. धनपत जैन ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को लेखिका रेणु बाला चौहान ने लोकार्पित उपन्यास की प्रति भेंट की तथा उपस्थित गुणीजनों द्वारा ओपरना, शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। उपन्यास के टिप्पणीकार डॉ. नीरज दईया और मुद्रण त्रुटि सुधार हेतु श्री राजेंद्र सिंह देपावत तथा मंच उद्घोषक डॉ. धनपत जैन का भी शॉल, स्मृति चिन्ह एवं लोकार्पित उपन्यास देकर सम्मान किया गया।
माँ को समर्पित उपन्यास की पहली प्रति माताजी को की भेंट
उपन्यास की प्रथम प्रति लेखिका ने अपनी माताजी श्रीमती कृष्णा देवी चौहान को भेंट की। लेखिका ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा उनकी माँ ही है और यह पहला उपन्यास भी उन्हीं को समर्पित किया है।
लेखिका का हुआ अभिनंदन
इस मौके पर लेखिका रेणु बाला चौहान का अभिनंदन किया गया। ज्ञानायाम, उत्कर्ष संस्थान, पैपा, श्री गोपेश्वर विद्यापीठ एवं डिसेंट किड्स डिसेंट किड्स द्वारा लेखिका को अभिनंदन पत्र एवं शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, सोनगिरि कुंआ की प्रधानाचार्य इरम भाटी एवं स्टाफ द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर लेखिका का अभिनंदन किया गया। सेवानिवृत्त शिक्षाधिकारी प्रदीप कुमार कच्छावा, साहित्यकार डॉ. नीरज दैया एवं लेखिका के परिवार जनों द्वारा भी लेखिका को सम्मानित किया गया।
ये रहे साक्षी
कार्यक्रम में बीकानेर की समृद्ध साहित्य परंपरा के श्री कमल रंगा, श्री ओम प्रकाश सारस्वत, श्री दीपचंद सांखला, श्री राजाराम स्वर्णकार, डॉ. अजय जोशी, डॉ. नृसिंह बिन्नानी, श्री नवनीत पांडे, श्री गोविंद माथुर, श्री रवि पुरोहित, नदीम अहमद, इरशाद अजीज, भवानी सिंह देपावत, भवानी सोलंकी, मो. फारूक चौहान, हरिदास हर्ष, प्रमोद शर्मा, डॉ. बसंती हर्ष, डॉ कृष्णा आचार्य, श्रीमती इरम भाटी, सरोज भाटी, डॉ. संध्या सक्सेना, इंद्रा व्यास, सुनीता बिश्नोई, भंवरी देवी, कमल चौहान, विमल चौहान, शैलेन्द्र कच्छावा शारदा देवी, कन्हैयालाल कच्छावा सहित बीकानेर के प्रतिष्ठित साहित्यकार और गणमान्य नागरिकों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।कार्यक्रम के दौरान वर्षा चौहान देविका और रिद्धिमा सोलंकी ने व्यवस्था संबंधित समस्त दायित्वों का कुशल संपादन किया।















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