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औद्योगिक भूखंडों की आरक्षित दरों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी नए निवेश के मार्ग का रोड़ा

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पचीसिया और किराडू ने लिखा मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री को पत्र
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराडू ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह को रीको द्वारा मनमानी करते हुए औद्योगिक भूखंडों की आरक्षित दरों में की गई अप्रत्याशित बढ़ोतरी के आदेश को वापिस लेने हेतु पत्र लिखा | पत्र में बताया गया कि जहां एक और राज्य सरकार प्रदेश में निवेश बढाने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को आकर्षित करने के प्रयास कर रही है वहीं दूसरी और राजस्थान औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) द्वारा बीकानेर जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में बेचने हेतु पर्याप्त भूखंड उपलब्ध ना होने पर भी भूखंडों की आरक्षित दर को 60% तक बढाकर राज्य सरकार की मंशा के मार्ग में रूकावट पैदा कर दी गई | जबकि राजस्थान पहले से ही अन्य राज्यों की तुलना में ऐसे राज्यों में शामिल है जहां उद्योगों के लिए जमीन व बिजली महंगी है | रीको द्वारा भूखंडों की आरक्षित दरों में अप्रत्याशित वृद्धि प्रदेश में औद्योगिक विकास के प्रयासों को गहरा झटका है | पूर्व में प्रदेश की सरकार द्वारा थोड़े दिन पहले ही उद्योगों के लिए रेगुलेटरी सरचार्ज बढाकर बिजली महंगी की थी और अब जमीनों की आरक्षित दर बढाकर सरकार की ओर से प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे उद्योगों के लिए नई समस्या पैदा कर दी है | पचीसिया ने यह भी बताया कि राजस्थान में पहले से ही औद्योगिक भूखंडों की कीमत पडौसी राज्यों से ज्यादा है जिसके कारण हम नए निवेश को आकर्षित करने में पिछड़ जाते हैं और यदि सरकार को प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढाना है तो बढी हुई आरक्षित दर को तुरंत वापस लेना चाहिए क्योंकि आरक्षित दर में वृद्धि से उद्योगों पर लागू विभिन्न शुल्कों की दरों में भी इजाफा हो जाएगा | इससे उद्योगों की परिचालन लागत बढ़ेगी और इसका सीधा असर उत्पादकता व प्रतिस्पर्द्धा पर पड़ेगा |

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