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पॉर्श कार एक्सीडेंट केस में बड़ा ऐक्शन, पुणे सेशन कोर्ट ने नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

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पॉर्श कार एक्सीडेंट केस में बड़ा ऐक्शन, पुणे सेशन कोर्ट ने नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

Porsche Car Accident: पुणे के कल्याणीनगर दुर्घटना मामले में पुणे सत्र न्यायालय ने नाबालिग लड़के के बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट के नाबालिग के पिता के अलावा बाकी दो आरोपियों को भी 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

हाइलाइट्स

  • पॉर्श कार एक्सीडेंट केस में पुणे सत्र न्यायालय का आदेश
  • नाबालिग के बिल्डर पिता को 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा
  • अग्रवाल समेत तीनों को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया
Porsche Car Accident Case.

पुणे: पुणे के कल्याणीनगर दुर्घटना मामले में पुणे सत्र न्यायालय ने नाबालिग लड़के के बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अग्रवाल समेत तीनों को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। सरकारी पक्ष ने विशाल अग्रवाल की सात दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी। हादसे के बाद अग्रवाल ने किसे फोन किया? छत्रपति नगर जाने का उनका कारण क्या है? वह वहां किससे मिलना चाहता था? पुलिस ने पुणे सत्र न्यायालय से ऐसी और अन्य जांचों के लिए सात दिनों की पुलिस हिरासत देने की मांग की। लेकिन अदालत ने अग्रवाल को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

क्या है मामला?
पुणे के कल्याणीनगर में नाबालिग लड़के के एक्सीडेंट मामले में उसके बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल को छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार किया गया। पुणे के कल्याणीनगर इलाके में इस बिल्डर के बेटे ने शनिवार आधी रात को दोपहिया वाहन पर सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी। इसमें एक युवक और एक युवती की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने जब नाबालिग को कोर्ट में पेश किया तो पता चला कि वह नाबालिग है। नाबालिग को कार चलाने की इजाजत देने के मामले में बिल्डर विशाल अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


विशाल अग्रवाल पर हमले की कोशिश

पुलिस ने जब केस दर्ज किया तो विशाल अग्रवाल पुणे से फरार हो गया। आखिरकार पुणे पुलिस ने विशाल अग्रवाल को मंगलवार सुबह छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया। बुधवार दोपहर बाद उन्हें पुणे सेशन कोर्ट में पेश करने से पहले वंदे मातरम संगठन ने उन्हें थप्पड़ मारने की कोशिश की।

सरकारी वकील की दलील
ब्लैक पब के कर्मचारी नितेश शेवानी और जयेश बोनकर जिनकी सदस्यता ने नाबालिग को वहां प्रवेश की इजाजत दी? विशाल अग्रवाल ने बिना नंबर प्लेट के कार चलाने की इजाजत क्यों दी? पिता ने बेटे को पब में जाने की इजाजत क्यों दी? बच्चे को खर्च के लिए पॉकेट मनी किस रूप में दी जाती है? केस दर्ज कराने के बाद विशाल अग्रवाल क्यों हो गया फरार? जब वह संभाजीनगर में मिला तो उसके पास साधारण मोबाइल मिला, उसके अन्य मोबाइल कहां हैं? सरकारी वकील ने उपरोक्त सभी बातों की जांच के लिए 7 दिन की पुलिस हिरासत मांगी थी।

ये भी सवाल किएकार चालक ने जवाब दिया कि उसने गाड़ी चलाने के लिए कहा था लेकिन नाबालिग ने कहा कि तुम उसके बगल में बैठो। कार का रजिस्ट्रेशन नहीं था, फिर सड़क पर कैसे खड़ी थी कार? ऐसे सवाल सरकारी वकील ने पूछे।

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