राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 3 जुलाई से शुरू होगा:नई भर्तियों की घोषणा होने के आसार; भजनलाल सरकार फुल बजट पेश करेगी
जयपुर
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 3 जुलाई से शुरू होगा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब विधानसभा सचिवालय सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी करने के साथ ही विधायकों को इसकी सूचना देगा। विधानसभा का यह बजट सत्र महीनेभर तक चलने की संभावना है।
भजनलाल सरकार बजट सत्र में अपना पहला फुल बजट पेश करेगी। इससे पहले भजनलाल सरकार ने फरवरी में चार महीने का लेखानुदान पेश किया था। लेखानुदान अप्रैल से जुलाई तक के खर्चों के लिए पेश किया गया था। अब सरकार फुल बजट पेश करेगी। बजट पेश करने की तारीख बाद में तय होगी। 3 जुलाई को विधानसभा में कार्य सलाहकार समिति (BAC) की बैठक में बजट सत्र का कामकाज तय किया जाएगा।
बजट में कई बड़ी घोषणाएं करेंगी भजनलाल सरकार
भजनलाल सरकार का फुल बजट लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद आ रहा है। पिछली बार पूरी 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 14 सीटों पर आ गईं। इस बार शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान में बीजेपी को भारी नुकसान हुआ है। बीजेपी को हुए इस नुकसान को पाटने के लिए अब पूर्वी राजस्थान और शेखावाटी पर सरकार का खास फोकस हो सकता है।
इन इलाकों के लिए बजट में कुछ पोपुलर डिमांड को शामिल किया जा सकता है। बजट में नई भर्तियों की घोषणा होने के आसार हैं। कई इलाकों की मांगों को भी शामिल किया जाएगा। भजनलाल सरकार बजट के जरिए बिगड़े हुए सियासी समीकरणों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेगी।
राजस्थान विधानसभा का सत्र हंगामेदार रहने की संभावना।
कांग्रेस बिजली, पानी और कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगी
विधानसभा के बजट सत्र में इस बार कांग्रेस हमलावर रहेगी। लोकसभा चुनावों में खुद की 8 और गठबंधन के साथ 11 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस के विधायकों का मनोबल बढ़ा हुआ है। इस मनोवैज्ञानिक बढ़त का असर विधानसभा के बजट सत्र में देखने को मिलेगा। कांग्रेस बिजली, पानी और अस्पतालों की व्यवस्थाओं के डिरेल होने को मुद्दा बनाएगी। इस बार कांग्रेस बीजेपी के बीच कई मुद्दों पर सदन में गतिरोध बनने के आसार बन गए हैं।
ओपीएस और गहलोत सरकार की योजनाओं पर सरकार का रुख साफ होगा
बजट सत्र के दौरान गहलोत सरकार की योजनाओं को आगे जारी रखने या बंद करने के मुद्दे पर भी तनातनी होगी। भजनलाल सरकार इस पर सदन के भीतर अपना रुख साफ करेगी। अभी तक गहलोत सरकार के आखिरी छह महीने के फैसलों पर कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है। नए जिलों के रिव्यू के लिए भी कमेटी बन चुकी है। इन मुद्दों पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच सदन के भीतर हंगामा होना तय माना जा रहा है।
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