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CAA इसी महीने से लागू होने की संभावना:26 जनवरी से पहले अधिसूचित होगा; पाक-अफगानिस्तान से आए 32 हजार हिंदू-सिख शरणार्थियों को फायदा

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संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है। फोटो- फाइल - Dainik Bhaskar

संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है। फोटो- फाइल

केंद्र सरकार ने 2024 में अपने पहले बड़े कदम के तौर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का फैसला लगभग कर लिया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस कानून के नियम-कायदों को इसी महीने 26 जनवरी से पहले अधिसूचित कर दिया जाएगा।

केंद्र सरकार का यह फैसला बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए उम्मीद लेकर आएगा। वहीं, पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हिंदू-सिख शरणार्थियों को भी बड़ी राहत मिल जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, 2014 तक पाकिस्तान-अफगानिस्तान से 32 हजार लोग भारत आए हैं।

CAA लागू होने से इन्हें नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। गृह मंत्रालय से सीएए लागू करने के ठोस संकेत गृह मंत्री अमित शाह की बंगाल में 27 दिसंबर को हुई घोषणा से मेल खाते हैं। उन्होंने आम सभा में कहा था कि CAA देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता।

संसद ने सीएए पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है।

असम सहित देश के कई राज्यों में CAA के खिलाफ लंबे समय तक प्रदर्शन हुए थे।

असम सहित देश के कई राज्यों में CAA के खिलाफ लंबे समय तक प्रदर्शन हुए थे।

विदेशियों को निकालने का कानून नहीं, 3 देशों के प्रताड़ित हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता के लिए है

  • सीएए से किसे मिलेगी नागरिकता: CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। दूसरे देशों के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को CAA का लाभ नहीं मिलेगा।
  • सीएए भारतीय नागरिकों को प्रभावित करेगा: भारतीय नागरिकों से इसका कुछ सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।
  • आवेदन के लिए क्या प्रक्रिया होगी: आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज नहीं होगा, तब भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि पांच साल से अधिक रखी गई है। अन्य विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह समय अवधि 11 साल से अधिक है।
  • इन देशों के गैरकानूनी मुस्लिम इमिग्रेंट्स का क्या: CAA विदेशियों को निकालने के बारे में नहीं है। इसका गैरकानूनी शरणार्थियों को निकालने से लेना-देना नहीं है। ऐसे शरणार्थियों के लिए विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 पहले से लागू हैं। दोनों कानूनों के तहत किसी भी देश या धर्म के विदेशियों का भारत में प्रवेश या निष्कासन किया जाता है।
  • सीएए को अब तक क्यों टालती रही सरकार: भाजपा शासित असम-त्रिपुरा में सीएए को लेकर आशंकाएं रही हैं। सबसे पहले विरोध भी असम में हुआ। सीएए में व्यवस्था है कि जो विदेशी 24 मार्च 1971 से पहले असम आकर बस गए, उन्हें नागरिकता दी जाए। इसके बाद बांग्लादेश अलग देश बन गया था।
  • सीएए को लेकर लोगों को क्या आशंका थी: सीएए को देश में एनआरसी यानी नेशनल सिटीजनशिप रजिस्टर बनने की सीढ़ी के तौर पर देखा गया। लोगों को आशंका थी कि विदेशी घुसपैठिया बताकर बड़ी संख्या में लोगों को निकाल बाहर किया जाएगा। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आशंका व्यक्त की गईं कि सीएए के बाद एनआरसी लागू होने से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थी उसके यहां लौट आएंगे।

किन राज्यों में विदेशियों को नागरिकता दी जा रही है?
नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेट और गृह सचिवों को नागरिकता देने के अधिकार दिए हैं। ये राज्य हैं- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र।

दिल्ली का शाहीन बाग इलाका CAA के विरोध से जुड़े आंदोलन का केंद्र था। यहां प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

दिल्ली का शाहीन बाग इलाका CAA के विरोध से जुड़े आंदोलन का केंद्र था। यहां प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

4 साल में 3,117 अल्पसंख्यकों को मिली नागरिकता
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिसंबर 2021 में राज्यसभा में बताया था कि वर्ष 2018, 2019, 2020 और 2021 के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए कुल 3117 अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी गई।

हालांकि आवेदन 8244 मिले थे। वहीं गृह मंत्रालय की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2021 में कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई।

विरोध में भड़के दंगों में 50 से ज्यादा जानें गईं
लोकसभा में आने से पहले ही ये बिल विवाद में था, लेकिन जब ये कानून बन गया तो उसके बाद इसका विरोध और तेज हो गया। दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। 23 फरवरी 2020 की रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के इकट्ठा होने के बाद भड़की हिंसा, दंगों में तब्दील हो गई।

दिल्ली के करीब 15 इलाकों में दंगे भड़के। कई लोगों की हत्या हुई, कई लोगों को चाकू-तलवार जैसे धारदार हथियारों से हमला कर मार दिया गया। इन दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।

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