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CAPF: केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के मुख्यालयों में क्यों चर्चा का केंद्र बना एक आदेश, क्या मिलेगी ITBP जैसी राहत?

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CAPF: केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के मुख्यालयों में क्यों चर्चा का केंद्र बना एक आदेश, क्या मिलेगी ITBP जैसी राहत?

सीजीओ कॉम्प्लेक्स में कई केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के मुख्यालय हैं। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी व सीआईएसएफ आदि शामिल हैं। सूत्रों का कहना है, कुछ दिन पहले ही आईटीबीपी मुख्यालय में कहा गया कि वे सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े छह-सात बजे तक ही काम करें…

सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के मुख्यालयों में एक खास आदेश चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आईटीबीपी मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों और जवानों को देर रात तक काम करने से कुछ निजात मिली है। शाम छह-सात बजे तक अपना काम निपटाने के बाद स्टाफ, मुख्यालय छोड़ सकता है। ये सब इसलिए किया गया है कि ताकि अफसर व जवान, तनावमुक्त रहें। वे अपने परिवार को भी पर्याप्त समय दें। इससे उनकी कार्यकुशलता बढ़ेगी और स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। अब दूसरे बलों में कार्यरत, अधिकारी व जवान भी ऐसी ही व्यवस्था चाह रहे हैं।

सीजीओ कॉम्प्लेक्स में कई केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के मुख्यालय हैं। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी व सीआईएसएफ आदि शामिल हैं। सूत्रों का कहना है, कुछ दिन पहले ही आईटीबीपी मुख्यालय में कहा गया कि वे सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े छह-सात बजे तक ही काम करें। हालांकि आधिकारिक टाइम टेबल भी शाम छह से सात बजे के बीच ही रहता है। जनवरी में राहुल रसगोत्रा ने आईटीबीपी के नए डीजी का कार्यभार संभाला था। उन्होंने बल के अधिकारियों व जवानों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मुख्यालय में काम करने का समय निर्धारित कर दिया। सामान्य परिस्थितियों में शाम को सात बजे के बाद कोई अधिकारी या जवान, मुख्यालय में न ठहरें।

दूसरे बलों के ऐसे अधिकारी या जवान, जिन्हें देर रात तक मुख्यालय में बैठना पड़ता है, उन्होंने भी आईटीबीपी जैसी व्यवस्था लागू करने की मांग की है। स्टाफ का कहना है कि सामान्य दिनों में अगर शाम सात बजे तक उन्हें घर जाने की इजाजत मिल जाए, तो वे परिवार के साथ पर्याप्त समय बिता सकते हैं। उन्हें आराम करने का पूरा समय मिलेगा। जब ऐसा होगा तो वे अगले दिन कहीं ज्यादा जोश व उत्साह के साथ काम कर सकेंगे। वे तनाव से दूर रहेंगे। अधिकारियों व जवानों का कहना है, आईटीबीपी जैसी व्यवस्था, दूसरे बलों के मुख्यालय में भी हो जाए तो उन्हें राहत मिल सकती है।

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