चीन ने बनाया रहस्यमयी युद्धपोत, समुद्री ट्रायल में Photo आई सामने… क्या ये भारत के लिए खतरनाक है?
China के नए रहस्यमयी युद्धपोत की तस्वीर सामने आई है. यह दिखने में अमेरिकी जमवॉल्ट क्लास विध्वंसक और स्वीडन के विस्बी क्लास कॉर्वेट की तरह दिखता है. अगर ये इनके जैसा हुआ तो भारत और दुनिया के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है.
ये है चीन का वो रहस्यमयी युद्धपोत जिसकी फोटो समुद्री ट्रायल्स के दौरान सामने
चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी नेवी (PLAN) के नए युद्धपोत की तस्वीर लीक हुई है. यह समुद्री ट्रायल के दौरान की फोटो है. इसका नाम, क्लास, ताकत, रेंज, मारक क्षमता आदि का कोई खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन देखने में यह अमेरिका के जमवॉल्ट क्लास हाइपरसोनिक मिसाइल डेस्ट्रॉयर और स्वीडन की विस्बी क्लास कॉर्वेट जैसा दिख रहा है.
चीन लगातार अपनी नौसेना को ताकतवर बना रहा है. लगातार नई तकनीक और युद्धपोत ला रहा है. चीन ने हाल ही में मुख्य युद्धपोत बनाए हैं. जैसे- टाइप 052डीएल, टाइप 055 डेस्ट्रॉयर, टाइप 054ए और टाइप 054बी फ्रिगेट और टाइप 075 और टाइप 076 एंफिबियस असॉल्ट शिप. इसके अलावा शैनडॉन्ग और फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर.
इस साल 054बी फ्रिगेट के समुद्री ट्रायल्स भी देखने को मिले. लेकिन इसी दौरान नए फ्रिगेट मॉडल को समुद्र में देखा गया. यह फ्यूचर का डिजाइन है. इसका सुपरस्ट्रक्चर बेहद स्लीक है. यह अमेरिका के जमवॉल्ट और स्वीडन के विस्बी क्लास युद्धपोतों की तरह दिखता है. इसमें हथियारों को लगाने की जगह भी अमेरिकी और स्वीडिश युद्धपोतों की तरह ही छोड़ी गई है.
डिजाइन ऐसा कि राडार की पकड़ में न आए
जहाज पर जो गन लगी है, वो टाइप 054बी क्लास के फ्रिगेट जैसी ही है. स्टेल्थ टरेट है. डिजाइन ऐसा है कि राडार की पकड़ में न आए. जब यह युद्धपोत बना था, तब लगा था कि चीन इस युद्धपोत को बनाकर किसी अन्य देश को देगा. जैसे-पाकिस्तान से उसे ऑर्डर मिलते रहते हैं.
और भी देश चीन से बनवाते हैं युद्धपोत
चीन ने ही पाकिस्तान को टाइप 054ए फ्रिगेट और अल्जीरिया को टाइप सी-28ए कॉर्वेट्स दिए थे. चीन अक्सर युद्धपोतों का बेस डिजाइन बनाकर उन्हें एक्सपोर्ट करता है. ताकि खरीदने वाला देश उसमें अपने हिसाब से हथियार लगा सके. लेकिन समुद्री ट्रायल देखकर लगता है कि चीन इस रहस्यमयी युद्धपोत को अपनी नौसेना में शामिल करने जा रहा है. किसी अन्य देश ने ऐसे युद्धपोत बनाने का ऑर्डर चीन को नहीं दिया है.
वॉरशिप को लेकर चीन का मकसद साफ नहीं
इस युद्धपोत को बनाने का मकसद अब तक क्लियर नहीं है. हो सकता है कि इसका इस्तेमाल प्रायोगिक हो. ताकि नई तकनीकों का परीक्षण किया जा सके. जैसे- अपीयरेंस, राडार, मास्ट, मुख्य बंदूक… या फिर इसे पूरी तरह से जांच लेने के बाद इसे चीन अपनी नौसेना में शामिल करने जा रही है. एकदम नए तरह का युद्धपोत.
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