DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

DRDO का नया ‘अभ्यास’… मिसाइल का टारगेट बनने वाले यान का छह बार लगातार परीक्षण

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

DRDO का नया ‘अभ्यास’… मिसाइल का टारगेट बनने वाले यान का छह बार लगातार परीक्षण

DRDO ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित आईटीआर से उन्नत बूस्टर के साथ हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) ‘अभ्यास’ के लगातार छह परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए. यह तेज स्पीड में उड़ने वाला टारगेट है, जिसपर सेना मिसाइल टेस्टिंग करती है.

ये है डीआरडीओ का अभ्यास यान. जिसपर सेनाएं अपनी मिसाइल टेस्टिंग करती हैं. (फोटो/वीडियोः DRDO)

ये है डीआरडीओ का अभ्यास यान. जिसपर सेनाएं अपनी मिसाइल टेस्टिंग करती हैं.

भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने मिसाइलों का टारगेट बनने वाले यान ‘अभ्यास’ का छह बार लगातार परीक्षण किया. पिछले एक साल में इस यान के 10 डेवलपमेंटल उड़ानें हो चुकी हैं. इन टेस्टिंग में परीक्षण उन्नत रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों की जांच की गई. 

‘अभ्यास’ को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु ने डिजाइन किया है. इसका उत्पादन एजेंसियों – हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने किया है. इसे लैपटॉप से उड़ाया जा सकता है.  यही वो यान है जो मिसाइल टेस्टिंग के दौरान उनका टारगेट बनता है. 

HEAT-अभ्यास का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में होता है. टेस्ट में इस विमान की निगरानी टेलीमेट्री, रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की गई. 

इस विमान के सारे हिस्सों ने तय लक्ष्य हासिल किए. वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत की गई है. यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए HEAT की जरूरतों को पूरा करेगा. 

DRDO, ABHYAS, Odisha, ITR

एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर से लॉन्च होता है. यहां से लॉन्चिंग के बाद इसके बूस्टर फिर इसे सबसोनिक गति से उड़ने में मदद करते हैं. इसकी सभी उड़ानें पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती हैं. इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे फ़ोर्स मल्टीप्लायर करार दिया. 

अभ्यास 180 मीटर प्रति सेकेंड की गति उड़ान भरता है. यानी एक सेकेंड में इतनी दूरी तय कर लेता है. यह अधिकतम 5 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर लेता है. इसकी लगातार उड़ान होती रहती है. ताकि मिसाइलों की टेस्टिंग की जा सके. इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट वारफेयर प्रैक्टिस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जैमर प्लेटफॉर्म, डिकॉय, पोस्ट लॉन्च रिकवरी मोड जैसे मिशन में होता है. 

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!