परफेक्ट स्कोर 720 में 720 मिलने के बाद भी एम्स-दिल्ली में एडमिशन मिल सके जरूरी नहीं
बीकानेर

- एनटीए ने नीट यूजी में मनमर्जी से बदला टाइ-ब्रेकिंग का क्राइटेरिया
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी नई दिल्ली द्वारा नीट-यूजी 2024 परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद उपजे विवाद से संबंधित शंकाओं को दूर करने के लिए 9 पेजों में 37 एफएक्यू जारी किए गए हैं। फ्रिक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चंस-एफएक्यू जारी करने पर ज्ञात हुआ कि एजेंसी द्वारा इनफॉरमेशन-ब्रोशर तथा रिवाइज्ड इनफॉरमेशन ब्रोशर में जारी किए गए टाइ-ब्रेकिंग क्राइटेरिया के नियमों का पालन नहीं किया गया है।
ऐसे में परफेक्ट स्कोर 720/720 होने के बाद भी एम्स-दिल्ली मिलने में संशय है। एजेंसी ने नियमों का उल्लंघन किया है तथा नीट-यूजी,2024 की मेरिट सूची नीट यूजी,2023 के टाइ ब्रेकिंग नियमों का पालन करते हुए जारी की है। वहीं क्वालीफाइंग कट ऑफ बढ़कर 137-से 164 कैसे हुई? इस प्रश्न का जवाब देते हुए एजेंसी ने 4 कारण बताएं है। एक्सपर्ट ने बताया कि सिलेबस का कम होना, प्रश्न पत्र का स्तर सामान्य होना, विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि तथा परीक्षा के अवसरों की असीमित संख्या क्वालीफाइंग कट ऑफ बढ़ने के कारण बताए गए हैं।
यूं समझें: क्या हैं टाइ-ब्रेकिंग नियम और एजेंसी ने क्या किया
नीट-यूजी 2024 के रिवाइज्ड इनफॉरमेशन-ब्रोशर में कुल 7 बिंदु हैं तथा इनमें कहीं भी एप्लीकेशन नंबर के बढ़ते हुए क्रम में रैंक आवंटित करने का नियम नहीं है। लेकिन एजेंसी ने अपनी मनमर्जी से इस नियम का पालन करते हुए रैंक आवंटित की है। एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि क्योंकि पहले इस नियम को सार्वजनिक नहीं किया गया था इसलिए विद्यार्थियों ने अपनी सुविधा अनुसार रजिस्ट्रेशन किया, किसी ने देर से तो किसी ने पहले।
अब स्थिति यह है कि परफेक्ट स्कोर 720/720 प्राप्त करने के बाद भी किसी विद्यार्थी की रैंक इसलिए पीछे है कि बाद में ऑनलाइन-आवेदन करने के कारण उसका एप्लीकेशन नंबर अधिक है एवं उसकी रैंक पीछे है और इस कारण हो सकता है कि उसे देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थान एम्स-दिल्ली में एमबीबीएस-सीट आवंटित नहीं हो पाए। यदि एजेंसी द्वारा पूर्व में ही इस नियम बताए गए होते तो विद्यार्थी ऑनलाइन-आवेदन में है तत्परता बरतते फलस्वरुप उन्हें बेहतर रैक प्राप्त होती।
टाप 100 रैंक्स में 73 विद्यार्थी सीबीएसई से, 27 अन्य स्टेट बोर्ड से :
एजेंसी द्वारा जारी किए गए एफएक्यू में दी गई जानकारी के अनुसार नीट-यूजी की मेरिट सूची के टॉप-100 विद्यार्थियों में 73 विद्यार्थी सीबीएसई से तथा 27 विद्यार्थी अन्य स्टेट बोर्ड से हैं। एजेंसी ने पेपर-लीक एवं मास-चीटिंग की घटनाओं के संबंध में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि टॉप-100 विद्यार्थियों ने 89 अलग-अलग परीक्षा-केंद्रों से परीक्षा में सम्मिलित हुए हैं। ये विद्यार्थी देश के 17 राज्यों तथा 55 शहरों से संबंध रखते हैं।












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