बीकानेर पुलिस की बड़ी सफलता:खाजूवाला में दलित महिला से गैंगरेप और हत्या का मुख्य अभियुक्त दिनेश बिश्नोई सीकर से गिरफ्तार, रोडवेज बस से जा रहा था
खाजूवाला में दलित महिला के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त दिनेश बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है। दिनेश को सीकर में एक रोडवेज बस में सफर करते हुए पुलिस ने दबोच लिया। उसे अब बीकानेर पुलिस अपनी कस्टडी में लेने के लिए सीकर रवाना हो गई है।
इस मामले में दिनेश बिश्नोई के अलावा खाजूवाला पुलिस के इन दो कांस्टेबल पर भी गंभीर आरोप लगा। इसमें मनोज को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि भागीरथ को सस्पेंड किया गया है।
बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि दिनेश नोखा में छिपा हुआ था। नोखा के बाद वो नवलगढ़ चला गया। बीकानेर पुलिस लगातार उस पर नजर रखे हुए थी। मुखबीर ने पुलिस को जब ये बताया कि वो नवलगढ़ से रोडवेज की बस में सवार होकर सीकर के लिए निकल गया है तो सीकर पुलिस को सूचना दी गई। सीकर के पास ही पुलिस ने रोडवेज बस को रोककर दिनेश बिश्नोई को दबोच लिया। बीकानेर से पुलिस की एक टीम को सीकर के लिए रवाना किया गया है, जहां से शाम तक उसे बीकानेर लाया जाएगा।
ये वो मकान है, जहां महिला के साथ गैंगरेप और मर्डर का आरोप है। इस मकान को बाद में पुलिस ने सीज कर दिया था।
लास्ट लोकेशन नोखा थी
दरअसल, पुलिस छानबीन में ये साफ हो गया था कि वो नोखा में छिपा हुआ है। उसका फोन बीकानेर के गंगाशहर में बंद हो गया था। जिसके बाद वो नोखा चला गया। एक बार नोखा में भी उसका फोन ऑन हुआ। इसके बाद फोन बंद ही रहा। इसीलिए पुलिस की पकड़ में नहीं आया। दिनेश बिश्नोई को भी भनक लग गई थी कि पुलिस नोखा आ सकती है। ऐसे में वो वहां से नवलगढ़ चला गया। यहीं से पुलिस के एक मुखबीर ने सूचना दी कि वो नवलगढ़ में है। पुलिस ने जल्दबाजी करने के बजाय उसका पीछा करवाया। फिर पता चला कि वो नवलगढ़ से रोडवेज की बस में बैठकर सीकर के लिए रवाना हो गया है। इस पर बीकानेर एसपी ने सीकर पुलिस को फोन करके बस को रोकने और दिनेश को पकड़ने के लिए कहा। इसी पर दोपहर में करीब एक बजे उसे पकड़ लिया गया।
मौत के बाद परिजनों ने चार दिन तक खाजूवाला अस्पताल में मोर्चरी के पास ही धरना दिया। जहां भाजपा का तीन सदस्यीय दल भी पहुंचा।
ये है मामला
बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित युवती को किराए के मकान पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप करने और बाद में उसकी हत्या करने का मामला 20 जून को दर्ज हुआ। इस घटनाक्रम में पुलिस के दो सिपाहियों पर गंभीर आरोप लगे। जिसमें एक मनोज को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है जबकि दूसरा भागीरथ सस्पेंड है। दोनों पुलिसकर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा दिनेश बिश्नोई मुख्य अभियुक्त है जो घटना के बाद से ही फरार हो गया। दिनेश के पिता ओम प्रकाश को उसे भगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा पीड़ित महिला को अस्पताल तक पहुंचाने वाले कार चालक राकेश को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा जस्सा नाई नामक युवक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जस्सा ने ही ये मकान किराए पर लिया हुआ था।
इस मकान को सीज करके एफएसएल टीम ने वहां से सबूत भी एकत्र किए हैं।
महिला को छोड़कर भाग गए
जब महिला को एक मकान पर ले जाया गया, तब वो एक दम स्वस्थ बताई गई। वापस लौटते समय उसके शरीर से खून बह रहा था। उसे खाजूवाला के सीएचसी पहुंचाया गया। तब भी खून निकल रहा था। उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोटों के निशान होने का आरोप है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। महिला को लेकर ये लोग अस्पताल पहुंचे और वहां डॉक्टर व नर्सिंगकर्मियों के संभालते ही दिनेश बिश्नोई सहित अन्य फरार हो गए।
भारी हंगामा हुआ था खाजूवाला में
दिनेश बिश्नोई को गिरफ्तार करने के बाद ही शव उठाने की मांग पर अड़े परिजनों ने खाजूवाला में हंगामा किया। उनका आरोप था कि पुलिस उसे पकड़ नहीं रही है। तब आईजी ओम प्रकाश और एसपी तेजस्वनी गौतम ने अविलंब गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था। संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के हस्तक्षेप के बाद ही परिजनों ने शव उठाया और अंतिम संस्कार किया।
पुलिस का लाड़ला रहा दिनेश
दिनेश बिश्नोई खाजूवाला पुलिस का लाडला रहा। इसी कारण वो थाने में काफी वक्त गुजारता था। यहां तक कि तत्कालीन थानेदार अरविन्द सिंह के ट्रांसफर की पार्टी में भी वो साथ में था। पुलिस की गाड़ियों में उसने कई बार सेल्फी खींची और सोशल मीडिया पर पोस्ट की। बताया जा रहा है कि दिनेश बिश्नोई के साथ खाजूवाला थाने के कांस्टेबल मनोज और भागीरथ रहते थे। ऐसे में वो हर किसी पर धौंस जमाता था।
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