IMA: सेना हमारे खून में.. 4 पीढ़ियों के नक्शेकदम पर लेफ्टिनेंट अर्जुन सेन, पिता की यूनिट में मिली तैनाती
ब्रिगेडियर देबकुमार सेन और अपर्णा सेन के लिए शनिवार को गर्व का दिन था। उनका बेटा अर्जुन सेन सेना में अधिकारी बन रहा था। अर्जुन सेन के पिता बिग्रेडियर हैं। वहीं अब अर्जुन सेन लेफ्टिनेंट बन गया है। अर्जुन ने वीआईटी से अपनी पढ़ाई पूरी की और विदेश से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की। वह सेना में जाने का सपना देखते थे और अब उसे पूरा किया। देहरादून के आईएमए पासिंग आउट परेड में वह शामिल हुए।
हाइलाइट्स
- कोलकाता के रहने वाले हैं अर्जुन सेन
- पासिंग आउट परेड में हुए शामिल
- पिता भी सेना में हैं ब्रिगेडियर
- अर्जुन सेन बने सेना में लेफ्टिनेंट
कोलकाता: ब्रिगेडियर देबकुमार सेन और अपर्णा सेन के लिए शनिवार को बेहद गर्व का दिन था। उनका इकलौता बेटा सेना में अधिकारी बन रहा था। हालांकि इस परिवार के लिए या उनके बेटे अर्जुन सेन के लिए आर्मी कोई नई नहीं है। अर्जुन अपने परिवार की चौथी पीढ़ी होंगे जो सेना में अधिकारी बने हैं। अर्जुन से पहले उनके पिता, दादा और परदादा भी सेना में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं। भारतीय सेना अर्जुन को अपनी पारिवारिक विरासत में मिली है। अर्जुन ने सेना में जाने का सपना देखा। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। अर्जुन ने पढ़ाई पूरी की। विदेश से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की। किसी कॉर्पोरेट सेक्टर में हाई पैकेज वाली जॉब की जगह अर्जुन ने सेना में जाना चुना।
अर्जुन ने कहा कि वह अपने परदादा, दादा और पिता की तरह भारतीय सेना में ही जाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे परदादा डॉ. आर. सी. सेन ने भारतीय राष्ट्रीय सेना में एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में सेवा की।’
पिता के रेजिमेंट में मिली तैनाती
मेरे दादा मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डीके सेन ने भारतीय सेना में डॉक्टर के रूप में सेवा की। मेरे पिता, देबकुमार सेन, 74वीं मीडियम रेजिमेंट आर्टिलरी में हैं। अब मैं सेना में अधिकारी बना है। दिलचस्प बात यह है कि अर्जुन को भी वही यूनिट रेजिमेंट आर्टिलरी मिली है, जो उनके पिता की थी।
लेफ्टिनेंट अर्जुन सेन (23) ने पिपिंग समारोह के बाद कहा। ‘मैं चौथी पीढ़ी का सेना अधिकारी हूं, और यह मुझे बेहद गर्व महसूस कराता है। मैं और कहां जा सकता था? यह मेरे खून में बहता है।’
वीआईटी से की पढ़ाई
कोलकाता के रहने वाले लेफ्टिनेंट अर्जुन सेन ने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में 9.4 के प्रभावशाली सीजीपीए स्कोर के साथ वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) से स्नातक किया। इंटेल जैसे कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी के प्रस्तावों के बावजूद, उन्होंने सेना में शामिल होने के अपने बचपन के सपने को पूरा करने का विकल्प चुना।
माता-पिता खुश
अपने प्रशिक्षण के दौरान आईएमए में इनोवेटिव क्लब के एक सक्रिय सदस्य के रूप में, अर्जुन ने आगे की चुनौतियों और सेना में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘मैदान पर हम जो सफलता हासिल करते हैं, वह उस तकनीक के सीधे आनुपातिक है जिसका हम सफलतापूर्वक उपयोग कर सकते हैं।’ ब्रिगेडियर सेन ने कहा, ‘हमारा बेटा मेरे हाथ और मेरी यूनिट में शामिल हो गया है। चौथी पीढ़ी का राष्ट्र की सेवा करना अभिभूत करने वाला है।
अर्जुन की मां अपर्णा सेन ने कहा, ‘वह हमेशा से यही करना चाहता था। आज, उसके सपने और इच्छाएं पूरी हो गई हैं, और मैं बस कामना और प्रार्थना करता हूं कि इस नई यात्रा की शुरुआत करते समय उनके दिल और दिमाग में हमेशा देश रहे।
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