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जय श्रीराम…लिखने पर छात्र को क्यों दिए 56% मार्क्स:कुलपति का प्रेशर था…कॉपी चेक करने वाले पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का दावा

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जौनपुर

UP की पूर्वांचल यूनिवर्सिटी में डी फार्मा कोर्स के फर्स्ट ईयर के चार छात्र कॉपी में जय श्री राम और विराट कोहली, हार्दिक पांड्या के नाम लिखने पर भी पास कर दिए गए। पिछले साल का पूरा मामला RTI से सामने आया। जय श्री राम लिखने वाले छात्र को तो 56% अंक मिले। बाद में राज्यपाल के आदेश पर मामले की जांच हुई और सभी को जीरो अंक मिले। पूरे मामले की पड़ताल की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

सबसे हैरान करने वाला खुलासा उस प्रोफेसर ने किया जिसने जय श्री राम लिखने वाले छात्र को 56% अंक दिए। ये हैं जौनपुर की पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. विनय वर्मा। इन्हें बर्खास्त करने की तैयारी है। इन्हें पहले से ही यूनिवर्सिटी के कामों से अलग कर दिया गया है।

डॉ. वर्मा कहते हैं, कुलपति ने मुझसे कहा था- उपद्रवी स्टूडेंट हैं। जब-तब धरना प्रदर्शन करते रहते हैं। कैसे भी पास कर देना। हमें इस मामले में कुछ भी बोलने को मना किया गया है। यह सब एक टीचर अकेले नहीं कर सकता, जब तक उस पर कुलपति का प्रेशर न हो।

यह मामला जौनपुर में राजकीय वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का है। यहां फर्स्ट ईयर के छात्रों ने आंसर शीट में कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ और क्रिकेटरों के नाम लिखकर परीक्षा दी और पास कर दिए गए। अब इस मामले में कार्रवाई की गई है। यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसरों को गीत, संगीत और धार्मिक नारे लिखी आंसर शीट्स पर अंकों के बदले छात्रों से कथित तौर पर पैसे वसूलने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आइए, अब पूरे मामले को सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं…

यह प्रोफेसर डॉ. विनय वर्मा हैं, जिन्हें बर्खास्त करने की तैयारी है।

यह प्रोफेसर डॉ. विनय वर्मा हैं, जिन्हें बर्खास्त करने की तैयारी है।

डॉ. विनय वर्मा का कहना है- पूर्व कुलपति और परीक्षा नियंत्रक इन बच्चों से परेशान हो गए थे। जिन बच्चों को पास किया गया, उनकी यूनिवर्सिटी विरोधी कामों में ज्यादा दिलचस्पी रहती थी। जो आंसर शीट दिखाई जा रही है, वह मेरी चेक की हुई नहीं है। इसमें एक कॉपी मैंने चेक की है, जबकि 3 कॉपी मेरे कलीग ने चेक की हैं।

इस ड्यूरेशन की सभी कॉपियां दिखाई जाएं, क्योंकि उनमें ऐसा ही मिलेगा। मुझे पिछले 8 महीनों से परेशान किया जा रहा है। मेरे पक्ष में कुछ ठीक नहीं हो रहा। मैं अभी बहुत परेशान हूं।

डॉ. वर्मा आगे कहते हैं- डी फार्मा में 50% पासिंग मार्क्स हैं। 56% नंबर बड़ी बात नहीं है। सिर्फ हमारी ही क्यों, और टीचर की भी कॉपी निकाली और री-चेकिंग की जाएं। अगर बच्चे फेल होते हैं, तो उन्हें फेल का सर्टिफिकेट दिया जाए।

यूनिवर्सिटी के एक स्टूडेंट ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया, दूसरे ने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री तक शिकायत पहुंचाई

उद्देश्य सिंह ने अगस्त 2023 में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी।

उद्देश्य सिंह ने अगस्त 2023 में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी।

फर्जीवाड़े को सामने लाने वाले पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के ही छात्र उद्देश्य सिंह हैं। वे MBA करने के बाद LLB कर रहे हैं। नशा मुक्त भारत अभियान के मास्टर ट्रेनर रह चुके उद्देश्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काशी के प्रांत सह मंत्री रह चुके हैं।

इस मामले में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित 8 जगह पत्राचार करने वाले छात्र दिव्यांशु सिंह भी फार्मेसी के स्टूडेंट रहे हैं।

फार्मेसी के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित 8 लोगों को लिखा पत्र।

फार्मेसी के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित 8 लोगों को लिखा पत्र।

उद्देश्य सिंह ने RTI से 18 स्टूडेंट्स की 58 कॉपियां निकलवाईं
यह मामला अगस्त 2023 से चल रहा है। यूनिवर्सिटी के ही छात्रों की RTI से इसका खुलासा हुआ। पूरा मामला समझने के लिए हमने उद्देश्य सिंह से बात की।

उद्देश्य ने बताया- फार्मेसी के 2021-22 सत्र के सेमेस्टर एग्जाम में 20 स्टूडेंट फेल हो गए। इनका बैक पेपर कराया गया, जिसमें एक स्टूडेंट पास हो गया, लेकिन 19 फिर फेल हो गए। नियमों के तहत बैक पेपर के बाद छात्र सप्लिमेंट्री डाल सकता है, जिसमें सिर्फ दो पेपर ही चेक हो सकते हैं। लेकिन, यहां नियम तोड़कर 19 स्टूडेंट्स के ही स्पेशल बैक पेपर कराए गए। फर्स्ट ईयर के 4 और सेकेंड ईयर के 6 सब्जेक्ट की परीक्षा ली गई।

उद्देश्य बताते हैं- स्पेशल बैक पेपर परीक्षा में सभी स्टूडेंट पास हो गए। तभी हमें सूचना मिली कि पास करवाने के नाम पर रिश्वत ली गई है। इस पर 30 अगस्त 2023 को RTI लगाई और फर्स्ट ईयर की कॉपियां निकलवाईं। हमने 18 रोल नंबर दिए थे, जिसकी 58 कॉपियां निकाली गईं। इसमें हमने देखा कि कॉपियों में सब्जेक्ट से संबंधित कुछ लिखा ही नहीं गया है। फर्जी नंबर दिए गए हैं। केवल कॉपी भरने के नाम पर कुछ भी लिखा गया है।

डी-फार्मा की इसी कॉपी में लिखा मिला जय श्री राम

डी-फार्मा की इसी कॉपी में लिखा मिला जय श्री राम

कॉपी में जय श्रीराम के अलावा विराट, हार्दिक और अनुष्का के भी नाम

कॉपी के इस पेज पर जय राम जी पास हो जाएं, लिखा है।

कॉपी के इस पेज पर जय राम जी पास हो जाएं, लिखा है।

इस पेज पर क्रिकेटर रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या और विराट कोहली का नाम लिखा है।

इस पेज पर क्रिकेटर रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या और विराट कोहली का नाम लिखा है।

उद्देश्य ने बताया- हमने बार कोड संख्या 4149113 की कॉपी देखी। यह डी फार्मा फर्स्ट ईयर की है। इसमें 75 में 42 नंबर दिए गए। इसमें पेज नंबर-3 के उत्तर नंबर-2 की तीसरी लाइन में लिखा है- ‘जय रामजी पास हो जाएं।’

उद्देश्य कहते हैं- इसी उत्तर के नीचे के हिस्से में विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, हार्दिक पांड्या और रोहित शर्मा का भी नाम लिखा गया है। इस उत्तर पर एग्जामनर ने 4 नंबर दिए हैं, जबकि पूरा उत्तर ही गलत है। बार-कोड नंबर 4149158, 4149154, 4149217 में भी बिना सही उत्तर के क्रमशः 38, 33 और 54 नंबर दिए गए हैं।

कॉपियों के साथ कुलपति से मिले पर उन्होंने टाल दिया
उद्देश्य ने कहा- इन चार कॉपियों के साथ हमने कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह से मुलाकात की। उन्होंने हमसे कहा, ऐसा नहीं है कि बच्चों ने कुछ लिखा नहीं हो और उन्हें इतने नंबर दिए गए हों। उन्होंने हमें लौटा दिया।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित 8 ऑफिसों में शिकायत, राज्यपाल ने जांच कराई

यह राजभवन से कुलपति के नाम आया लेटर है, जिसमें जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

यह राजभवन से कुलपति के नाम आया लेटर है, जिसमें जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

उद्देश्य ने कहा- दिव्यांशु सिंह (इसी विभाग के एक्स-स्टूडेंट) ने इन्हीं 4 कॉपियों को आधार बनाते हुए लेटर भेजे। ये लेटर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित 8 ऑफिस को भेजे गए।

30 अक्टूबर, 2023 को राज्यपाल के यहां से दिव्यांशु को लेटर मिला। आरोप के बारे में एफिडेविट के साथ सबूत पेश करने को कहा गया। इस पर 23 नवंबर, 2023 को एफिडेविट के साथ बार-कोड नंबर 4149113, 4149158, 4149154, 4149217 की आंसर शीट राजभवन भेजीं।

राजभवन में कॉपियों की चेकिंग में 2 स्टूडेंट को मिले जीरो मार्क्स
उद्देश्य ने बताया- जब राजभवन में कॉपियों को चेक किया गया, तो दो कॉपियों में 0 और दो में क्रमशः 3 और 4 नंबर मिले। इसके बाद राजभवन ने 21 दिसंबर, 2023 को कुलपति के नाम एक लेटर लिखा। इसमें आदेश दिया गया कि मामले में जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाए, साथ ही साक्ष्य सहित रिपोर्ट राजभवन भेजी जाए।

राज्यपाल के आदेश के तीन महीने बाद बनाई जांच समिति

जांच समिति के सदस्य उप-कुलसचिव डॉ. अमृत लाल (बाएं), प्रोफेसर राजेश शर्मा (बीच में) और डॉ. मनोज शर्मा।

जांच समिति के सदस्य उप-कुलसचिव डॉ. अमृत लाल (बाएं), प्रोफेसर राजेश शर्मा (बीच में) और डॉ. मनोज शर्मा।

राजभवन से लेटर मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मार्च 2024 में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई। इसमें प्रोफेसर राजेश शर्मा, डॉ. मनोज मिश्रा और डिप्टी रजिस्ट्रार (उप-कुलसचिव) डॉ. अमृत लाल शामिल हैं। कमेटी ने अप्रैल में रिपोर्ट सौंपी, जिसे राजभवन भेजा गया। इस पर संज्ञान लेते हुए कुलपति की अध्यक्षता वाली परीक्षा समिति ने डॉ. विनय वर्मा और डॉ. आशीष गुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की। अब जब भी कार्य परिषद की बैठक होगी, उसमें केस रखा जाएगा। वहां इसका निर्णय किया जाएगा कि उन्हें बर्खास्त किया जाए या नहीं।

कुलपति बोलीं- चुनाव बाद दोषी टीचर बर्खास्त होंगे

कुलपति डॉ. वंदना सिंह ने कहा कि चुनाव बाद कार्य परिषद की बैठक में लिया जाएगा फैसला।

कुलपति डॉ. वंदना सिंह ने कहा कि चुनाव बाद कार्य परिषद की बैठक में लिया जाएगा फैसला।

यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा- इस मामले में बनाई गई जांच समिति ने दोनों असिस्टेंट प्रोफेसर को दोषी पाया है। परीक्षा समिति ने नियमावली के अनुसार उन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। यह बर्खास्तगी कार्य परिषद की अगली बैठक में कर दी जाएगी।

कुलपति से जब डॉ. विनय वर्मा के आरोपों के बारे में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यह परीक्षा कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य के कार्यकाल में 16 अगस्त, 2023 के पहले हुई थी। इस मामले में अगर डॉ. वर्मा लिखित शिकायत करेंगे, तो हम राजभवन से संपर्क करेंगे, क्योंकि यह हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं है।

पूर्व कुलपति निर्मला एस मौर्या बोलीं- मुझसे कोई मतलब नहीं

यह पूर्व कुलपति निर्मला एस मौर्या हैं, जिन पर डॉ. विनय वर्मा ने दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

यह पूर्व कुलपति निर्मला एस मौर्या हैं, जिन पर डॉ. विनय वर्मा ने दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

पूर्व कुलपति निर्मला एस मौर्या ने कहा- मेरा इस मामले से कोई मतलब नहीं है। अब मैं वहां की VC नहीं हूं। जब उनसे कहा गया कि आरोप है कि आपने दबाव बनाया था, इस पर उन्होंने बिना कोई जवाब दिए फोन काट दिया और दोबारा कॉल रिसीव नहीं किया। निर्मला एस मौर्या जौनपुर यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति थीं।

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