मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण जयपुर ने किए नोटिस जारी, प्रेमलता आलियास उर्मिला बनाम भारत सरकार के मामले में नोटिस जारी कर किया जवाब तलब, प्रार्थी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हरेंद्र नील ने बताया-“पहले सरकार स्थिति साफ नहीं कर रही थी कि क्या वह महिलाएं फैमिली पेंशन की हकदार होंगी, जिनके मामले में डायवोर्स पिटिशन अपने पिता व माता के जीवन काल में प्रस्तुत हो चुकी थी लेकिन तलाक की डिक्री उनके पिता व माता की मृत्यु के पश्चात कोर्ट ने पारित की हो, पेंशन डिपार्टमेंट मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल भारत सरकार ने ऑफिस मेमोरेंडम 19.07.2017 से किया स्पष्ट कि तलाक प्रोसेडिंग्स काफी लंबी चलती है इसलिए वह महिलाएं फैमिली पेंशन की हकदार होंगी, जिनके मामले में डायवोर्स पिटिशन माता-पिता के जीवन काल में प्रस्तुत हो चुकी हो, यह जरूरी नहीं कि डायवोर्स डिक्री उनके माता-पिता की मृत्यु के बाद न्यायालय ने पारित की हो, प्रार्थी के पिता लोको फुलेरा में भारतीय रेलवे में ड्राइवर थे और उनका निधन 4.3.2002 को हो गई थी, उनकी मौत के पश्चात उनकी पत्नी को फैमिली पेंशन मिल रही थी, प्रार्थी की डायवोर्स पिटिशन न्यायालय में 7.3.2003 को प्रस्तुत हो गई थी, प्रार्थी की मां का निधन 31.01.2007 को हो गया था और डायवोर्स डिक्री 28.8.2008 को हुई पारित, इसलिए प्रार्थी फैमिली पेंशन पाने की संपूर्ण रूप से हकदार है, भारत सरकार के द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार हकदार है”, प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरेंद्र नील ने की पैरवी

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