जयपुर: राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishr) ने कहा है कि महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) ने मातृभूमि के लिए प्रतिबद्धता पूर्वक संघर्ष, स्वाभिमान और सभी वर्ग के लोगों को संगठित कर उन्हें देश के लिए जागरूक करने का जो कार्य किया, उसे इतिहास कभी भुला नहीं सकेगा. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपनी वीरता और साहस से पूरे देश में प्रखर राष्ट्रवाद का शंखनाद किया.
महाराणा पताप को इतिहास में याद किया जाएगा:
राज्यपाल मिश्र रविवार को मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (Mohan Lal Sukhadia University), उदयपुर द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप (Veer Shiromani Maharana Pratap) की जयंती के अवसर आयोजित राष्ट्रीय समारोह में ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने कहा कि महाराणा प्रताप के स्वाधीनता संघर्ष में उनका नैतिक और चारित्रिक बल (Character Force) ही सबसे बड़ी शक्ति था. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप को उनके असाधारण साहस, अपरिमित शौर्य, मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा, अदम्य संघर्ष, त्याग और बलिदान के साथ ही कुशल नेतृत्व क्षमता, समानता तथा उदारता के लिए भी सदा याद किया जाता रहेगा. उन्होंने कुशल संगठन कौशल से मातृभूमि के संघर्ष के लिए राजपूत वीरों को ही नहीं आदिवासी भील, ब्राह्मण पुरोहित, वैश्य व्यापारी, हिन्दू ,मुसलमान सभी को साथ लिया.
प्रताप एक वीर योद्धा थे जिन्होने अकबर के सामने अपना सिर नहीं झुकाया:
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि महाराणा प्रताप ऎसे वीर शिरोमणि थे, जिनका पूरा जीवन ही आदशोर्ं से ओत-प्रोत और प्रेरणा देने वाला है. उन्होंने राज-पाट का वैभव त्याग कर पहाड़ों और वनों में संघर्षमय जीवन जिया लेकिन अकबर के समक्ष कभी अपना सर नहीं झुकाया. उन्होंने आदिवासी और वनवासी भीलों के साथ रहते हुए और उन्हीं की तरह जीवन जीते हुए मुगलों को हर मोर्चे पर टक्कर ही नहीं दी बल्कि उन्हें बार-बार परास्त भी किया.
राज्यपाल मिश्र ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में मेवाड़ की गौरवशाली विरासत के अकादमिक संरक्षण के लिए मेवाड़ शोधपीठ की स्थापना की घोषणा साकार होने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा अपने संघटक महाविद्यालयों के परिसर भवन और सभा कक्षों का नामकरण मेवाड़ के यशस्वी और पावन चरित्रों के नाम पर किए जाने की भी सराहना की.
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