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MHA: खुफिया एजेंसी में 53 IPS एसपी के पद खाली, तो CBI को भी 54 SP का इंतजार, क्यों नहीं आ रहे युवा आईपीएस?

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MHA: खुफिया एजेंसी में 53 IPS एसपी के पद खाली, तो CBI को भी 54 SP का इंतजार, क्यों नहीं आ रहे युवा आईपीएस?

आईबी में केवल आईपीएस एसपी के ही पद खाली नहीं पड़े हैं, बल्कि डीआईजी के पद भरने की स्थिति भी अच्छी नहीं है। खुफिया एजेंसी में आईपीएस डीआईजी के 63 पद स्वीकृत किए गए हैं। हैरानी की बात है कि इनमें से 29 पद खाली पड़े हैं।

खुफिया एजेंसियों में पद खाली

देश की टॉप इंटेलिजेंस (खुफिया) एजेंसी यानी आईबी में काम करने के लिए युवा ‘आईपीएस’ मन नहीं बना पा रहे हैं। नतीजा, केंद्र में बतौर प्रतिनियुक्ति पर आने वाले ‘आईपीएस’ अफसरों का तय कोटा भर नहीं पा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट बताती है कि इस वर्ष एक मार्च की स्थिति के अनुसार, खुफिया एजेंसी में आईपीएस ‘एसपी’ के 83 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 53 पद रिक्त पड़े हैं। केंद्र सरकार द्वारा हर साल आईपीएस को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया जाता है, लेकिन युवा आईपीएस, आईबी में बतौर एसपी ज्वाइन करने के लिए राजी नहीं होते। यही हाल देश की शीर्ष केंद्रीय जांच एजेंसी ‘सीबीआई’ का है। यहां पर भी आईपीएस एसपी के लिए स्वीकृत 73 पदों में से 54 पद खाली पड़े हैं। आईपीएस के सभी रैंकों को मिलाकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए 683 पद स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान में उक्त संख्या में से 239 पद खाली पड़े हैं।

आईपीएस-डीआईजी को भी प्रतिनियुक्ति से गुरेज
आईबी में केवल आईपीएस एसपी के ही पद खाली नहीं पड़े हैं, बल्कि डीआईजी के पद भरने की स्थिति भी अच्छी नहीं है। खुफिया एजेंसी में आईपीएस डीआईजी के 63 पद स्वीकृत किए गए हैं। हैरानी की बात है कि इनमें से 29 पद खाली पड़े हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ‘एनआईए’ में भी आईपीएस एसपी के 36 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 13 पद खाली हैं। एनपीए में भी आईपीएस एसपी के करीब पचास फीसदी पद रिक्त हैं। 14 स्वीकृत पदों के मुकाबले एनपीए में आठ पद खाली हैं। बीपीआरएंडी में भी आईपीएस एसपी के चार पद रिक्त हैं, जबकि कुल पद 13 हैं।

केंद्रीय बलों में भी रिक्त पड़े हैं आईपीएस के पद
बीएसएफ में डीआईजी स्तर पर आईपीएस के लिए स्वीकृत 26 पदों में से नौ पद खाली पड़े हैं। सीआईएसएफ में डीआईजी स्तर पर आईपीएस के लिए स्वीकृत 20 पदों में से 12 पद खाली पड़े हैं। आईटीबीपी में डीआईजी स्तर पर आईपीएस के लिए स्वीकृत 11 पदों में से सात पद खाली पड़े हैं। एसएसबी में डीआईजी स्तर पर आईपीएस के लिए स्वीकृत 24 पदों में से तीन पद खाली पड़े हैं। सीआरपीएफ में डीआईजी स्तर पर आईपीएस के लिए स्वीकृत 38 पदों में से छह पद रिक्त हैं। सीबीआई में आईजी स्तर पर भी आईपीएस के लिए स्वीकृत सभी पद नहीं भरे जा सके हैं। 18 पदों में से चार पद खाली पड़े हैं। आईबी में आईजी स्तर पर आईपीएस के लिए स्वीकृत 37 पदों में से सात पद खाली पड़े हैं।

समाप्त कर दी गई थी पैनल प्रक्रिया
लंबे समय से विशेषकर आईपीएस डीआईजी और एसपी, केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आने का मन नहीं बना पा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक कमेटी ने दो वर्ष पूर्व यह सुझाव दिया था कि डीआईजी के लिए पैनल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाए। इसके पूरा होने में काफी समय लगता है। सरकार के इस कदम का मकसद, केंद्र में डीआईजी-रैंक के अधिकारियों की भारी कमी को दूर करना था। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उक्त प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसके बाद यह उम्मीद जगी थी कि आईपीएस डीआईजी-रैंक के अधिकारियों के लिए पैनल सिस्टम को खत्म करने से अब प्रतिनियुक्ति पर अधिक अफसर केंद्र में आ सकेंगे। पहले मनोनयन प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक साल लगता था। इतना ही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा था कि जो भी आईपीएस एसपी या डीआईजी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं आएंगे, उन्हें बाकी सेवा के दौरान केंद्रीय नियुक्ति से प्रतिबंधित किया जा सकता है। इससे पहले केंद्र ने ‘अखिल भारतीय सेवा’ नियमों में संशोधन भी किया था। उसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार, आईएएस व आईपीएस अधिकारी को राज्य की अनुमति या बिना अनुमति के भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुला सकती है।

डीआईजी के पद पर क्यों नहीं आना चाहते आईपीएस
जानकारों का कहना है कि राज्य पुलिस से ज्यादातर आईपीएस बतौर डीआईजी या एसपी, केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आने के लिए तैयार नहीं होते। इसकी एक बड़ी वजह यह रही है कि उन्हें यहां पर पोस्टिंग में च्वाइस नहीं मिलती। जब मन मुताबिक पोस्टिंग नहीं मिलती, तो वे क्यों आएंगे। युवा आईपीएस को जिले में पुलिस कप्तान बनने का क्रेज रहता है। ऐसे में वे प्रतिनियुक्ति से गुरेज करते हैं। आईबी और सीबीआई में भी इसी वजह से आईपीएस एसपी के ज्यादातर पद खाली पड़े रहते हैं। मौजूदा समय में स्टेट पुलिस में डीआईजी का ज्यादा रोल नहीं बचा है। अब तो कई राज्यों में आईएएस के पदों पर भी आईपीएस लगाए जाने लगे हैं। पहले तो सबसे खराब स्थिति सीएपीएफ में रही है। यहां तो डीआईजी के अधिकांश पद रिक्त ही पड़े रहते थे। मजबूरन, आईपीएस डीआईजी के खाली पदों को कैडर अफसरों से भरा जाता था। सीएपीएफ में डीआईजी की सख्त पोस्टिंग होती है, इसलिए वे प्रतिनियुक्ति पर नहीं आते थे। सरकार की सख्ती के चलते अब इन बलों में डीआईजी के पद पर आईपीएस आने लगे हैं।

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