जरूरत की खबर- 1750 करोड़ का साइबर फ्रॉड:हर दिन 7000 शिकायतें, विदेशों से चल रहा फ्रॉड का कारोबार, रहें सजग और सावधान
भारत में कोरोना महामारी के बाद डिजिटलाइजेशन बहुत तेजी से ग्रो किया है। फल-सब्जी खरीदने से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक सब कुछ बिना कैश पेमेंट के आसानी से खरीदा जा सकता है। डिजिटल होती इस दुनिया ने जिंदगी को इतना आसान बना दिया है कि अब न बैंक की लंबी लाइन में लगना है और न ही कहीं जाने की जरूरत है। घर बैठे 1 रुपए से लेकर लाखों तक का डिजिटल ट्रांजैक्शन महज एक क्लिक पर हो जाता है।
लेकिन यही डिजिटल दुनिया हमारे लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है।
इंडियन साइबर क्राइम काे-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक इस साल अप्रैल माह तक 7.40 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गईं हैं।
यानी कि हर दिन औसतन 7000 साइबर फ्रॉड की शिकायतें मिली हैं।
इन्हीं शुरुआती चार महीनों में साइबर क्रिमिनल्स ने भारतीयों से 1750 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है।
I4C की मानें तो देश में होने वाली साइबर क्राइम की कुल घटनाओं में से 45% घटनाओं को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में बैठकर अंजाम दिया जा रहा है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं का क्या कारण है?
साथ ही जानेंगे कि-
- साइबर फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है?
- भारत में होने वाली साइबर फ्रॉड की घटनाओं का इंटरनेशनल कनेक्शन क्या है?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर एडवाइजर (यूपी पुलिस)
ईशान सिन्हा, साइबर एक्सपर्ट (नई दिल्ली)
सवाल- साइबर क्रिमिनल्स लोगों को सबसे ज्यादा किन तरीकों से अपना शिकार बनाते हैं?
जवाब- I4C के मुताबिक हाल ही में प्राप्त अधिकांश शिकायतें लोन ऐप्स, गेमिंग ऐप्स, डेटिंग ऐप्स, फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स, इन्वेस्टमेंट ऐप्स और सेक्सटॉर्शन के जरिए फ्रॉड से जुड़ी हुई हैं। इस तरह के ऐप्स को इंस्टॉल करने से अधिकांश लोग साइबर क्रिमिनल्स के जाल में फंस जाते हैं।
इसे ऐसे समझिए कि ये ऐप्स पहले लोगों को बेहद कम ब्याज पर रूपए उधार देते हैं। फिर कुछ दिनों बाद ज्यादा ब्याज मांगते हैं। मन-मुताबिक ब्याज न देने पर आपका निजी डेटा लीक करने की धमकी देते हैं क्योंकि ऐप इंस्टॉल करने के दौरान आप कैमरा, कॉन्टैक्ट, गैलरी और माइक्रोफोन जैसी पर्सनल जानकारी का एक्सेस उन्हें पहले ही दे चुके होते हैं।
रिकवरी के लिए ये ऐप्स गाली-गलौज से लेकर ब्लैकमेलिंग करने तक कोई कसर नहीं छोड़ते।
सवाल- साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं के पीछे की वजह क्या है?
जवाब- साइबर एडवाइजर राहुल मिश्रा कहते हैं कि भारत में लोग ऑनलाइन पेमेंट्स और इंटरनेट का इस्तेमाल तो खूब कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश लोगों को इसका सही इस्तेमाल करना नहीं आता है। यही वजह है कि लालच में आकर लोग ऐसे फर्जी ऐप्स को डाउनलोड कर लेते हैं। इसी का नतीजा है कि चंद दिनों में साइबर ठग लोगों के अकाउंट्स से 1750 करोड़ रुपये उड़ा ले गए।
वहीं शिकायत रजिस्टर्ड कुल फ्रॉड के मामलों का एक छोटा सा हिस्सा है। बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि उन्हें शिकायत कहां और किस तरह करनी है।
सवाल- किन तरीकों से लोगों को साइबर ठग अपने जाल में फंसाते हैं?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि साइबर फ्रॉड के अधिकांश मामलों में ठग एक ही पैटर्न को फॉलो करते हैं, वह है लोगों को आसानी से पैसे बनाने का लालच देना।
आमतौर पर इन कारणों की वजह से लोग ठगी का शिकार बनते हैं। जैसेकि-
- किसी ऐप या फाइल को डाउनलोड करके मोटी कमाई का लालच देना।
- लॉटरी या गेम खेलकर आसानी से पैसे कमाने का झांसा देना।
- महंगे सामानों पर भारी डिस्काउंट दिखाकर लिंक पर क्लिक करने के लिए कहना।
- सस्ते दामों पर प्रॉपर्टी खरीदने का लोगों को सपना दिखाना।
- क्रेडिट कार्ड या लोन देने के नाम पर लोगों से पर्सनल जानकारी लेना।
- सगे संबंधी या दोस्त बनकर OTP या बैंक डिटेल पूछना।
- घर बैठे नौकरी का झांसा देकर लोगों से पैसे जमा कराना।
सवाल- साइबर फ्रॉड की इन घटनाओं से खुद को कैसे बचा सकते हैं?
जवाब- साइबर ठगी के मामलों से बचने के लिए जानकारी और जागरूकता ही बचाव है।
अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए हैं तो इसे तुरंत साइबर अपराध पोर्टल पर रिपोर्ट करें या 1930 पर कॉल करके शिकायत करें।
सवाल- भारत में साइबर ठगी की घटनाओं का इंटरनेशनल कनेक्शन क्या है?
जवाब- I4C के मुताबिक म्यामांर, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में बैठकर ठगों द्वारा फर्जी कंपनी बनाकर ऑपरेट की जा रही हैं। इन कंपनियों में दलालों द्वारा भारतीय नागरिकों को जॉब और अच्छी सैलरी का लालच देकर ले जाया जाता है। वहां पहुंचने पर युवाओं को साइबर क्राइम और पोंजी फ्रॉड करने के लिए मजबूर किया जाता है।
बीती 20 मई को ही भारतीय दूतावास ने कंबोडिया से 60 भारतीय नागरिकों को एक फ्रॉड एम्प्लॉयर से बचाया था। अब तक ऐसे करीब 360 लोगों को बचाया जा चुका है।
सवाल- भारतीय युवाओं को इसमें शामिल करने के पीछे क्या कारण है?
जवाब- भारतीय युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। भारत से जाने वाले लोग यहां की भाषा और एक्सेंट में बात कर सकते हैं। इससे आम लोगों को एक तरह की लैंग्वेज क्लैरिटी मिलती है। जिससे आसानी से उन्हें साइबर ठगी का शिकार बनाया जा सकता है।
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