*NIA ने IPS अरविंद दिग्विजय नेगी को किया गिरफ्तार, लश्कर-ए-तैयबा से निकला लिंक*राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को अपने पूर्व पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी।प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2011 बैच में पदोन्नत नेगी को पिछले साल छह नवंबर को एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।यह मामला भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश और अंजाम देने में मदद करने के लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेटवर्क के प्रसार से संबंधित है। एनआईए ने इस मामले में पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया था।प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए से लौटने के बाद शिमला में तैनात नेगी की भूमिका की जांच की गयी और उनके घरों की तलाशी ली गयी। उन्होंने कहा कि यह भी पाया गया कि एनआईए के आधिकारिक गोपनीय दस्तावेज नेगी द्वारा एक अन्य आरोपी व्यक्ति को लीक किए गए थे, जो लश्कर का सदस्य है।
NIA में बिताए 11 साल
गौरतलब है कि नेगी ने 26/11 के मुंबई हमलों के बाद एनआईए की स्थापना के बाद से 11 साल से अधिक समय बिताया और एजेंसी में प्रमुख जांच में शामिल थे। 2017 के जम्मू-कश्मीर में एजेंसी की बड़ी साजिश टेरर फंडिंग जांच के अलावा नेगी उस जांच दल का हिस्सा थे, जिसने एनजीओ-टेरर फंडिंग मामले के तहत अक्टूबर 2020 में अधिकार कार्यकर्ताओं खुर्रम परवेज के आवास पर तलाशी ली थी।उन्हें हुर्रियत नेतृत्व से जुड़े जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले की जांच के लिए वीरता पदक मिला था। हुर्रियत मामले में उनके द्वारा दायर एक चार्जशीट में पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई की भूमिका को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए घाटी के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल किया गया था, जिसमें पथराव, धरना आदि आयोजित करना शामिल था, जिसके लिए हुर्रियत नेताओं द्वारा धन प्राप्त किया गया था।अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह की भी जांच की थी, जो अपनी कार में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को घाटी से जम्मू ले जाते हुए पकड़ा गया था। सिंह को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था।
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