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RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को राज्यपाल ने किया सस्पेंड:सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में हुआ था गिरफ्तार

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RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को राज्यपाल ने किया सस्पेंड:सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में हुआ था गिरफ्तार

राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) के सदस्य बाबूलाल कटारा को राज्यपाल कलराज मिश्र ने सस्पेंड कर दिया है। राज्यपाल ने शुक्रवार शाम को यह आदेश जारी किए।

एसओजी ने कटारा को 18 अप्रैल को गिरफ्तार किया था, वह तभी से न्यायिक हिरासत में है। उसके खिलाफ पहले ईडी ने जेल में उससे पूछताछ के बाद उसकी संपत्ति अटैच की। कटारा के साथ ही उसके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि बाबूलाल कटारा ने 24 दिसंबर 2022 को होने वाली सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर अक्टूबर में ही लीक कर दिया था। कटारा के पास विशेषज्ञों से पेपर सेट कराने की जिम्मेदारी थी। लेकिन पेपर तैयार होते ही वह सभी सेट की मूल प्रति अपने सरकारी आवास पर ले गया। वहां उसके भांजे विजय डामोर से सभी सवाल उतरवा लिए। सवाल उतरवाने के बाद उसने प्रिंटिंग के लिए पेपर कार्यालय में जमा करा दिया।

पुलिस के अनुसार- विजय के लिखे पर्चे की फोटो पेपर लीक गिरोह के शेर सिंह ने मोबाइल में ली थी, जिसके बाद पर्चा कई आरोपियों तक पहुंचा।

यह था मामला
उदयपुर पुलिस ने 24 दिसंबर (2022) को बेकरिया (उदयपुर) थाने के बाहर 49 अभ्यर्थियों से भरी बस को पकड़ा था। ये सभी चलती बस में आरपीएससी के सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती का जीके का लीक पेपर सॉल्व कर रहे थे। पुलिस की सूचना पर आरपीएससी ने पेपर को रद्द कर दिया था।

कौन है बाबूलाल कटारा
डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा ने 15 अक्टूबर 2020 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के मेंबर का कार्यभार संभाला था। कटारा का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग के पद पर हुआ था।

इसके बाद उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में काम किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाड़ा, डूंगरपुर, सागवाड़ा, सुमेरपुर और उदयपुर में काम किया। वह साल 2013 में सचिवालय में आयोजना विभाग संयुक्त निदेशक के अलावा उदयपुर में आदिम जाति शोध संस्थान निदेशक के पद पर भी रहा। इसके बाद आरपीएससी के मेंबर के रूप में सरकार ने नियुक्ति दी।

दो करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति
एसीबी ने बाबूलाल कटारा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जुटाने की एफआईआर दर्ज की है। एसीबी ने पड़ताल में माना कि कटारा ने आय से दो करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। पेपर लीक मामले में एसओजी कटारा सहित करीब 65 आरोपी गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी सुरेश ढाका फरार है।

बर्खास्त करने की यह रहती है प्रक्रिया
राज्य सरकार सदस्य को हटाने के लिए राज्यपाल के माध्यम से रेफरेंस बनाकर राष्ट्रपति को भेजती है। राष्ट्रपति उसे सुप्रीम कोर्ट के जज को भेजते हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज उसको रिकमंड करते हैं, जिसके बाद ही आरपीएससी सदस्य को हटाने के आदेश जारी होते हैं।

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