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नए सेना प्रमुख ने भाई के पैर छुए:गार्ड ऑफ ऑनर मिला; चीन सीमा विवाद पर बोले- सेना हर चुनौती के लिए तैयार

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नए सेना प्रमुख ने भाई के पैर छुए:गार्ड ऑफ ऑनर मिला; चीन सीमा विवाद पर बोले- सेना हर चुनौती के लिए तैयार

भारत सरकार ने 11 जून की रात उपेंद्र द्विवेदी को आर्मी चीफ बनाने का ऐलान किया था।

भारत सरकार ने 11 जून की रात उपेंद्र द्विवेदी को आर्मी चीफ बनाने का ऐलान किया था।

देश के नए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सोमवार (1 जुलाई) को सेरेमनी के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक में हुए इवेंट के बाद 30वें सेना प्रमुख ने अपने भाई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

जनरल द्विवेदी ने 30 जून को ही बतौर सेना प्रमुख कार्यभार संभाला है। वे जनरल मनोज पांडे के बाद आर्मी चीफ बनाए गए हैं। 19 फरवरी को उन्हें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बना गया था।

13 लाख सैनिकों की सेना का कार्यभार संभालने के बाद जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल बनाए रखने की दिशा में काम करना उनकी प्राथमिकता होगी।

लद्दाख में चीन से चल रहे सीमा विवाद पर आर्मी चीफ बोले भारतीय सेना हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार और सक्षम है।

देखिए गार्ड ऑफ ऑनर की तस्वीरें…

समारोह के शुरुआत से पहले सभी धर्मों के गुरुओं ने आर्मी चीफ से मुलाकात की। - Dainik Bhaskar

समारोह के शुरुआत से पहले सभी धर्मों के गुरुओं ने आर्मी चीफ से मुलाकात की।

सेना ने 30वें आर्मी चीफ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। - Dainik Bhaskar

सेना ने 30वें आर्मी चीफ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

आर्मी चीफ ने नेशनल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। - Dainik Bhaskar

आर्मी चीफ ने नेशनल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

आर्मी चीफ बोले- सेना परिवर्तन की राह पर
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना परिवर्तन की राह पर है और यह डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। जिओ पॉलिटिकल लैंडस्कैप तेजी से बदल रहा है और टेक्नोलॉजी में बहुत तेज डेवलपमेंट हो रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने सैनिकों को लगातार अत्याधुनिक हथियारों और प्रौद्योगिकी से लैस करें और अपनी वॉर स्ट्रेटेजी को डेवलप करना जारी रखें।

जनरल द्विवेदी के अपॉइंटमेंट में फॉलो किया गया सीनियरिटी कॉन्सेप्ट
जनरल द्विवेदी को चीफ ऑफ आर्मी बनाने में सरकार ने सीनियरिटी कॉन्सेप्ट फॉलो किया। इस वक्त आर्मी में जनरल द्विवेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह, दोनों को 30 जून को रिटायर होना था।

तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की उम्र तक या तीन साल, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक सेवा दे सकते हैं। हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायरमेंट एज 60 साल है, जब तक कि अधिकारी को फोर स्टार रैंक के लिए अप्रूव नहीं किया जाता है।

सेना में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर काम करते रहे हैं जनरल द्विवेदी
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर उत्साही होने के नाते, जनरल द्विवेदी ने नॉर्दर्न कमांड में सभी रैंकों की टेक्निकल बाउंड्रीज को बढ़ाने की दिशा में काम किया। उन्होंने बिग डेटा एनालिटिक्स, AI, क्वांटम और ब्लॉकचेन-बेस्ड समाधानों जैसी महत्वपूर्ण और उभरती हुई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया।

 - Dainik Bhaskar

जनरल द्विवेदी विदेशों में भी तैनात रहे
जनरल द्विवेदी अपने दो विदेशी कार्यकाल के दौरान सोमालिया हेडक्वॉर्टर UNOSOM II का हिस्सा रहे। साथ ही सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया। जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और AWC, महू में हाईकमांड सिलेबस में भी भाग लिया।

उन्हें USAWC, कार्लिस्ले, USA में विशिष्ट फेलो से सम्मानित किया गया था। उनके पास डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में MPhil की डिग्री है। इसके अलावा मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री हैं, जिनमें से एक USAWC USA से है।

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