48 डिग्री में भी निगहबान मुस्तैद:तपती रेत, जलाती धूप और झुलसाती हवाओं में भी 24 घंटे चौकन्ने हैं बीएसएफ के जवान
बीकानेर
48 डिग्री तापमान में भी पश्चिमी सरहद पर मुस्तैद बीएसएफ की महिला जवान।
भीषण गर्मी में राजस्थान तप रहा है। लेकिन पश्चिमी सरहद महफूज है। 48 से 50 डिग्री तापमान के बीच भी बीएसएफ के जवान मुस्तैद हैं। नीचे जूतों के सोल पिघला देने वाली गर्म रेत, ऊपर अंगारे बरसाता सूरज और झुलसाती हवाओं के थपेड़े भी उनका हौसला नहीं डिगा पा रहे।
बीकानेर से सटी भारत-पाक सीमा। मंगलवार को आग की लपटों जैसी सूरज की किरणें। तापमान 48.3 डिग्री और गर्मी का अहसास 50 डिग्री से भी ज्यादा था। ऐसे हालात में खुद को सिर से लेकर पांव तक कपड़ों से ढके हुए बीएसएफ की महिला और पुरुष जवान तारबंदी के पास गश्त करते नजर आए।
वर्दी के साथ मुंह पर स्कार्फ, आंखों पर धूप का चश्मा पहने हुए थे। केवल हाथ नंगे थे। क्योंकि राइफल थामे हुए थे। उसकी लोहे की नाल इतनी गर्म थी कि गलती से भी छू लो तो हाथ जल जाए। दो जवान गाड़ी पर तो दो ऊंटों पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। इन जवानों को सीमा पार खड़े दुश्मन के साथ-साथ गर्मी के विपरीत हालात से भी लड़ना पड़ रहा है।
ऐसे हालात में देश की सीमा की रक्षा के लिए तैनात इन जवानों ने खुद को गर्मी से बचाने के लिए उपाय भी कर रखे हैं। सुरक्षा के लिए राइफल के साथ-साथ नींबू और जलजीरा भी इन दिनों जवानों के हथियार बने हुए हैं। हर एक किमी पर ओपी टावर है, जहां इनके पीने के लिए पानी की व्यवस्था है।
इसके अलावा बाइकर्स भी तैनात किए गए हैं, जो लगातार जवानों को पानी पिलाने का काम कर रहे हैं। इस भीषण गर्मी में शहर से करीब सैकड़ों किमी दूर भास्कर रिपोर्टर ने पांच घंटे जवानों के बीच बिताए। द्वितीय कमान अधिकारी मदन सिंह ने बताया कि रोज सुबह सभी जवानों को छाछ दी जाती है। लू से खुद को बचाए रखेंगे तो बीमार नहीं पड़ेंगे।
चुनाव में नफरी कम होने से ड्यूटी हार्ड
बीएसएफ की चार कंपनियां लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में भेज दी गई हैं। इससे बॉर्डर पर नफरी कम हो गई है। जो जवान तैनात हैं उनकी ड्यूटी हार्ड हो गई है। सभी को 6-6 घंटे से चार शिफ्ट करनी पड़ रही है। रात में भी गर्म हवाओं के थपेड़े बेचैन कर देते हैं। अधिकारियों का कहना है कि दो कंपनियां जल्दी ही लौट आएंगी।
पाक चौकियों पर हलचल नहीं
सीमा पार पाक की चौकियों पर हलचल नहीं है। दूरबीन से पाक चौकियों पर नजर रख रहे जवानों ने बताया कि ओपी टावर सूने हैं। पाकिस्तान आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है। चौकियों पर एक-दो रेंजरों को छोड़ शेष को शहरों में भेज दिया गया है। सुबह खुर्रा चेकिंग के समय कभी कभार रेंजर नजर आ जाते हैं। उन्हें भारत से खतरा नहीं, गर्मी भी तेज है ऐसे में वे बाहर भी नहीं आते।
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