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यह साल भारतीय सेनाओं के लिए रहेगा खास आर्मी,नेवी और एयरफोर्स, डीआरडीओ को मिल सकते हैं नए चीफ , ये चेहरे हैं रेस में ! पढ़े ख़बर

BY SAHIL PATHAN

Defence: यह साल भारतीय सेनाओं के लिए रहेगा खास, नेवी और आर्मी को मिल सकते हैं नए चीफ, ये चेहरे हैं रेस में!

सार

आने वाले दिनों में भारत को थल सेना, वायु सेना और नौसेना के नए प्रमुखों के साथ-साथ डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) को भी एक नया अध्यक्ष भी मिलेगा। नौसेना, थल सेना और डीआरडीओ के नए प्रमुखों की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है।

विस्तार

साल 2024 चुनावी साल है। पूरा देश इन दिनों चुनावी रंग में सजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जहां तीसरे कार्यकाल के लिए एक बार फिर जनता के बीच है, वहीं अगले दो महीने देश के रक्षा क्षेत्र के लिए भी काफी अहम हैं। इसकी वजह है कि शीर्ष सेनाओं समेत बड़े रक्षा प्रतिष्ठान भी नए नेतृत्व की बाह जोट रहे हैं। भारतीय थल सेना, नौसेना और डीआरडीओ में प्रमुखों के पदों पर नई नियुक्तियां होने वाली हैं। वहीं इसके बाद अगले वायु सेना प्रमुख के चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। बता दें कि जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एडमिरल आर हरि कुमार, ये तीनों ही 61वें एनडीए कोर्स में बैचमेट रह चुके हैं। 

आने वाले दिनों में भारत को थल सेना, वायु सेना और नौसेना के नए प्रमुखों के साथ-साथ डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) को भी एक नया अध्यक्ष भी मिलेगा। नौसेना, थल सेना और डीआरडीओ के नए प्रमुखों की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। रक्षा सूत्रों का कहना है कि सेनाओं के लिए यह नेतृत्व परिवर्तन महत्वपूर्ण साबित होगा, जो रक्षा क्षेत्र में नए दृष्टिकोण और कई नई रणनीतियों को लेकर आएगा और भविष्य की सैन्य चुनौतियों के लिए देश की रक्षा तैयारियों पर असर डालेगा। 

30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार
वर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार का कार्यकाल 30 अप्रैल को पूरा हो रहा है। वह नौसेना के 25वें प्रमुख हैं, उन्होंने 30 नवंबर 2021 को एडमिरल करमबीर सिंह का स्थान लिया था, जो 30 महीने के कार्यकाल के बाद रिटायर हुए थे। रक्षा मंत्रालय की चयन समिति ने नौसेना प्रमुख के पद पर नियुक्ति के लिए पांच वरिष्ठ नौसेना अफसरों के नाम भेजे हैं। रक्षा सूत्रों का कहना है कि नौसेना स्टाफ के वर्तमान उप-प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी के नाम को हरी झंडी मिल सकती है। वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने 4 जनवरी, 2024 को नौसेना के उप प्रमुख का पदभार संभाला था। 

सैनिक स्कूल रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र रहे वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी 01 जुलाई 1985 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। उन्हें संचार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने बड़े युद्धपोतों पर सिग्नल कम्यूनिकेशन अफसर और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर अफसर के तौर पर अहम भूमिकाएं निभाईं हैं। इससे पहले वे विनाश, किर्च और त्रिशूल जैसे भारतीय नौसैनिक जहाजों कमान भी संभाल चुके हैं। एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्नातक रह चुके हैं, जहां उन्हें थिमैया पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने नेवल हायर कमांड कोर्स पूरा किया और 2007-08 में यूएस नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट, रोड आइलैंड्स में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने प्रतिष्ठित रॉबर्ट ई बेटमैन इंटरनेशनल पुरस्कार जीता था।

31 मई को खत्म हो रहा है जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल
थल सेना की करें, तो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। जनरल मनोज पांडे ने 30 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की जगह ली थी। वहीं नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर हलचल शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने नए सेना प्रमुख के लिए पांच नामों को शॉर्ट लिस्ट किया है। लेकिन उनमें सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 फरवरी, 2024 को उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। वे इससे पहले उधमपुर स्थित नॉर्दन आर्मी कमांडर के पद पर कार्यरत थे। वहीं सेना प्रमुख बनने की दौड़ में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का नाम सबसे आगे चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट कमेटी में उनके नाम को हरी झंडी मिल गई है, लेकिन सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी रीवा सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं और उन्हें 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में पहली नियुक्ति मिली थी।  

सूत्रों ने बताया कि केवल एक बार को छोड़ दिया जाए, तो सेना प्रमुख के शीर्ष पद वरिष्ठ अफसर का ही चयन होता रहा है। परंपरागत रूप से उप सेना प्रमुख की नियुक्ति भी ऐसे अधिकारी की होती है, जो सेना प्रमुख बनने वाला हो। हालांकि 2016 में सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख नियुक्त किया था। जिन्हें दो वरिष्ठ अफसरों (तत्कालीन पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और तत्कालीन दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज) की वरिष्ठता को लांघ कर सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया था।

जल्द मिल सकता है नया डीआरडीओ चीफ
वहीं इसके अलावा नए डीआरडीओ चीफ की नियुक्ति भी जल्द हो सकती है। डीआरडीओ के अध्यक्ष को लेकर चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जून तक डीआरडीओ को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। मौजूदा डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामथ का कार्यकाल तीन साल का था, वे 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। स्क्रीनिंग कमेटी ने तीन वरिष्ठ वैज्ञानिकों के नाम सुझाए हैं। इनमें डॉ. बीके दास, महानिदेशक (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली), सुमा वर्गीस, महानिदेशक (माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कम्प्यूटेशनल सिस्टम और साइबर सिस्टम), और उम्मालनेनी राजा बाबू, महानिदेशक (मिसाइल और रणनीतिक प्रणाली) प्रमुख हैं। इनमें डॉ. बीके दास सबसे वरिष्ठ हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि वे ही डॉ. समीर वी. कामथ के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरडीओ में बदलाव करने की बात कही थी। जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की समीक्षा के लिए प्रोफेसर के. विजयराघवन के नेतृत्व में नौ सदस्यीय विशेषज्ञों की समिति का गठन किया था। कमेटी को तीन माह में ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, जिसके बाद सरकार के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजयराघवन की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस साल जनवरी में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।

सितंबर में खत्म होगा वायु सेना प्रमुख का कार्यकाल
वहीं वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी के उत्तराधिकारी का कार्यकाल भी सितंबर 2024 तक है। वे वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के उत्तराधिकारी बने थे, जो 30 सितंबर 2021 को रिटायर हुए थे। उनका कार्यकाल तीन साल का था। हालांकि नए वायुसेना प्रमुख की चयन प्रक्रिया में अभी वक्त है, लेकिन माना जा रहा है कि वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल अमनप्रीत सिंह उनका स्थान ले सकते हैं। उन्होंने पिछले साल ही 01 फरवरी, 2023 को वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ का पदभार संभाला था।  एयर मार्शल एपी सिंह ने रूस के मास्को में ‘मिग 29 अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम’ का भी नेतृत्व किया। वह राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) भी रह चुके हैं। एयर मार्शल एपी सिंह परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) और अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित हो चुके हैं।

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