आचार संहिता से पहले तबादले:एसएमएस के 78 डॉक्टर्स गए तो मरीजों को परेशानी तय, रद्द हो सकते हैं कई ट्रांसफर

एसएमएस अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को आने वाले दिनों में परेशान होना तय है। वजह है- एसएमएस के 78 डॉक्टर्स का ट्रांसफर अन्य मेडिकल कॉलेजों में कर दिया गया है। इनमें मेडिसिन, सर्जरी, डर्मोटोलॉजी, ऑप्थोमोलॉजी, एनेस्थीसिया, गायनी, नेफ्रोलॉजी और पीडियाट्रिक के सीनियर प्रोफेसर हैं। अब जबकि अस्पताल में पहले ही डॉक्टर्स की कमी है तो अस्पतालों में आने वाले मरीजों को इलाज में दिक्कत हाेगी।
सरकार ने 22 फरवरी 2024 को लिस्ट जारी की थी, जिसमें इन डॉक्टर्स का ट्रांसफर किया था। लेकिन आचार संहिता लगने की वजह से ये नहीं गए। आचार संहिता हटने के बाद सरकार ने 8 जून को लिस्ट को लेकर फिर आदेश जारी किए हैं।
सरकार के लिए काफी मुश्किल है डॉक्टरों को बाहर भेजना
भले ही चिकित्सा विभाग ने ट्रांसफर कर दिए हों, लेकिन इनमें से अधिकांश डॉक्टर्स को एसएमएस से ट्रांसफर करना काफी मुश्किल है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि इन डॉक्टर्स में आईएएस, आईपीएस के पत्नी भी हैं। वहीं एसएमएस में बरसों से जमे डॉक्टर्स की एप्रोच के चलते उन्हें भेजा जाना काफी मुश्किल है।
मेडिसन सहित इन पर असर अधिक
मेडिसन और जनरल मेडिसन के 14 और जनरल सर्जरी के 6 डॉक्टर्स का ट्रांसफर किया है। इन दोनों विभागों में सबसे अधिक मरीज आते हैं और इलाज के लिए सीनियर डॉक्टर्स की कमी महसूस होती है। पहले से कमी वाले इन विभागों में ट्रांसफर होने से मरीजों के इलाज और सर्जरी में देरी होगी।
इन विभागों के डॉक्टर्स भी जाएंगे
नेफ्रोलॉजी के 2, सीटीवीएस सर्जरी 2, पीडियाट्रिक 3, पीडियाट्रिक सर्जरी 1, ऑप्थोलॉजी 4, ईएनटी 3, एनेस्थीसिया 5, गायनी 6, रेडियोडायग्नोसिस 3, डर्मेटोलॉजी 1, माइक्रोबायोलॉजी 2, फार्माकोलॉजी 5, बायोकेमिस्ट्री 2, फिजियोलॉजी 9 और एनॉटामी के 6 डॉक्टर्स हैं।
ट्रांसफर लिस्ट आने के साथ ही सरकार तक पहुंची बात
ट्रांसफर लिस्ट आने के साथ ही सरकार स्तर पर वार्ता की जा रही है कि क्या ये सभी ट्रांसफर किया जाना तय है। मामले में चिकित्सा मंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा है और इस मामले को लेकर सोमवार को भी एक बैठक भी रखी गई है। यानि कि यह तय है कि ट्रांसफर लिस्ट के सभी डॉक्टर्स अन्य मेडिकल कॉलेज में नहीं जाएंगे।
“मामले को लेकर वार्ता हुई है। मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, ऐसे ही इंतजाम किए जाएंगे। इसे लेकर बैठक रखी गई है और उचित निर्णय लिया जाएगा।”
-शुभ्रा सिंह, एसीएस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग।
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