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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM मोदी को फोन किया:स्विटजरलैंड के पीस समिट में शामिल होने की अपील की, यूक्रेन आने का न्योता दिया

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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM मोदी को फोन किया:स्विटजरलैंड के पीस समिट में शामिल होने की अपील की, यूक्रेन आने का न्योता दिया

बातचीत के दौरान मोदी और जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। - Dainik Bhaskar

बातचीत के दौरान मोदी और जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने गुरुवार को PM मोदी को फोन कर लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी। इसके बाद उन्होंने 15-16 जून को स्विटजरलैंड में होने वाले शांति सम्मेलन में भारत की भागीदारी की अपील की।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “मैंने PM मोदी को भारत में जल्द से जल्द सरकार बनाने के लिए शुभकामनाएं दीं, जिससे वे भारतीयों के विकास के लिए काम करते रहें। हमने ग्लोबल पीस समिट पर भी बात की। मुझे उम्मीद है कि भारत इसमें जरूर शामिल होगा।”

इसके अलावा जेलेंस्की ने PM मोदी को यूक्रेन का न्योता भी दिया। जेलेंस्की के बधाई संदेश पर PM मोदी ने उनका शुक्रिया अदा किया। सोशल मीडिया पर पोस्ट में मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके खुशी हुई। मैंने आम चुनाव में NDA की ऐतिहासिक जीत पर बधाई के लिए उन्हें धन्यवाद कहा। हम दोनों ने भारत और यूक्रेन की साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति जताई।”

स्विस पीस समिट के लिए यूक्रेन ने बनाया 10 पॉइंट का प्लान
इससे पहले जेलेंस्की ने 5 जून को भी PM मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी थी। स्विटजरलैंड में होने वाली यूक्रेन की पीस समिट का मकसद रूस-यूक्रेन के बीच ढाई साल से जारी जंग को खत्म करवाने से जुड़े विकल्पों पर चर्चा करना है। इसके लिए यूक्रेन ने 10 पॉइंट का प्लान भी तैयार किया है। इस प्लान में यूक्रेन से रूसी सेना की वापसी और युद्ध अपराध के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने की बात कही गई है।

हालांकि, इस सम्मेलन में रूस को न्योता नहीं दिया गया है। स्विटजरलैंड के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अब तक 80 देश इस सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि कर चुके हैं। वहीं जेलेंस्की के प्रवक्ता के मुताबिक सम्मेलन में 107 देश और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने शामिल होने के लिए सहमति दी है।

वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने इस सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उनकी जगह अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस इस समिट में शामिल होंगी।

‘सम्मेलन में दूसरे देशों को रूस के खिलाफ भड़काना चाहता है यूक्रेन’
इसके अलावा पिछले महीने के आखिर में चीन ने भी इस समिट में शामिल होने से इनकार कर दिया। 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पिछले महीने चीन के दौरे पर गए पुतिन ने कहा था कि स्विस समिट के जरिए यूक्रेन दुसरे देशों को रूस के खिलाफ भड़काकर अपने पक्ष में करना चाहता है।

इसके बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सुझाव दिया था कि चीन को एक कॉन्फ्रेंस करवानी चाहिए, जिसमें यूक्रेन और रूस दोनों को आमंत्रित किया जाए। इसके जरिए शांति पर बातचीत की जा सकेगी।

इससे पहले 20 मार्च को PM मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को एक ही दिन फोन किया था। चंद घंटों के अंतर पर दोनों नेताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने जंग रोकने की बात कही थी।

पुतिन को 5वीं बार राष्ट्रपति बनने की बधाई देने के बाद PM मोदी ने कहा था कि रूस-यूक्रेन को कूटनीति और बातचीत के जरिए मसले का हल निकालना चाहिए। भारत ने हमेशा से जंग जल्द खत्म करने और शांति का समर्थन किया है। कॉल के दौरान पुतिन और जेलेंस्की ने मोदी को लोकसभा चुनाव के बाद अपने-अपने देश आने का न्योता भी दिया था।

जंग के 15 महीने बाद मई 2023 में PM मोदी ने हिरोशिमा में G7 समिट के दौरान जेलेंस्की से मुलाकात की थी।

जंग के 15 महीने बाद मई 2023 में PM मोदी ने हिरोशिमा में G7 समिट के दौरान जेलेंस्की से मुलाकात की थी।

जेलेंस्की से एक बार मिले PM मोदी, कहा- यह जंग इंसानियत का मुद्दा
रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से PM मोदी ने अब तक सिर्फ एक बार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की है। यह पिछले साल जापान के हिरोशिमा शहर में G7 समिट के दौरान हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से कहा था- यूक्रेन जंग इकोनॉमी और पॉलिटिक्स का नहीं, इंसानियत का मुद्दा है। भारत इस जंग को खत्म करने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।

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