सेना की जासूसी कर दुबई भेजता था संदेश, पाकिस्तान में की नौकरी; ISI एजेंटों के संपर्क में था इमरान
90 के दशक में पाकिस्तान में रहकर वह ISI एजेंटों के संपर्क में आ गया था। मुन्ना यहां सोमदत्त प्लाजा की एक कोरियर कम्पनी के द्वारा संदेशों का कोरियर दुबई के एक पोस्ट बॉक्स नम्बर पर भेजता था।
Pakistani agent arrested: मोहम्मद इमरान उर्फ मुन्ना पाकिस्तानी रहने वाला तो मूलगंज का था लेकिन 90 के दशक में पाकिस्तान में रहकर वह आईएसआई एजेंटों के संपर्क में आ गया था। पुलिस के अनुसार मुन्ना यहां सोमदत्त प्लाजा की एक कोरियर कम्पनी के द्वारा संदेशों का कोरियर दुबई के एक पोस्ट बॉक्स नम्बर पर भेजता था। जो किसी महेन्द्र के नाम था। गिरफ्तारी के समय मुन्ना के पास से जो फोन बरामद हुए थे। उससे पता चला था कि वह कराची के नम्बरों पर मैसेज आदि भेजता था। भारतीय सेना की जानकारियां दुबई भेजता था।
बता दें कि आईएसआई एजेंट मोहम्मद इमरान उर्फ मुन्ना पाकिस्तानी दस साल की सजा काटने के बाद शुक्रवार को फतेहगढ़ की जेल से रिहा हो गया। उसे जेल से लेने के लिए उसकी पत्नी और भाई पहुंचे। मुन्ना पाकिस्तानी को परिजन कानपुर ले आए। मो. इमरान उर्फ मुन्ना कमाल खां हाता थाना मूलगंज का रहने वाला है। वह नब्बे के दशक में पाकिस्तान गया था, जहां वह आईएसआई एजेंटों के संपर्क में आ गया था।
विमानों की जानकारी भी जुटानी थी
पुलिस के अनुसार मुन्ना पर आरोप था कि उसे आईएसआई ने सेना के दस्तावेज लीक करने के लिए इस्तेमाल किया था। वह इस दौरान प्रयागराज, लखनऊ, फैजाबाद, कानपुर और दिल्ली भी गया था। उसे मुख्य तौर पर सेना की अंतरराज्यीय गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटानी थी। साथ ही उसे यह भी पता लगाना था कि भारतीय विमानों की सर्विस कहां पर होती है।
दो आईएसआई एजेंटों के संपर्क में था
पुलिस के अनुसार नब्बे के दशक में मुन्ना कराची की रेडीएटर बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करने चला गया था। इस दौरान उसकी मुलाकात पाकिस्तान आर्मी के एक अफसर से हुई थी। जिसके जरिए यह जिशान और एहसान नाम के दो आईएसआई एजेंट्स से मिला। इन लोगों ने मुन्ना को पैसे और परिवार की सुरक्षा के बहकावे में लेकर अपने साथ मिला लिया था। 90 के दशक में ही वह पाकिस्तान में लगातार सात साल रहा था। इसके बाद भारत आया था।
हमारे रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं
मुन्ना पाकिस्तानी के भाई रियाजुद्दीन ने बताया कि उनका परिवार कभी पाकिस्तान में नहीं रहा। पिता नसीमुद्दीन, मां, मुन्ना और अन्य परिवार के लोग यहीं रहते हैं। उनके रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। सन 1990 और 1994 में मुन्ना उन्हीं से मिलने पाकिस्तान गया था। रियाजुद्दीन के अनुसार मुन्ना चप्पल का काम करता था। वह अलीगढ़, एटा में चप्पल सप्लाई करता था। काम में नुकासन होने के बाद वह ठेला लगाने लगा था। रियाजुद्दीन के अनुसार सन 2003 में उन्होंने ही हाईकोर्ट से उसकी जमानत कराई थी। उसके बाद वह तारीख में कोर्ट नहीं पहुंच पाता था। उसका पासपोर्ट, राशन कार्ड सब भारत का बना हुआ था। मुन्ना ने यहीं पर शादी की थी और उसके दो बच्चे हैं।
इन धाराओं में दर्ज हुई थी रिपोर्ट
एसटीएफ ने 10 मई 2002 को मुन्ना पाकिस्तानी को गिरफ्तार किया था। कानपुर में तैनात रहे एक अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि मोहम्मद इमरान उर्फ मुन्ना पाकिस्तानी के खिलाफ 3/9 ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (जासूसी करना), 120 बी (षड्यंत्र रचना), 121ए (भारत के अंदर या बाहर रहते हुए केन्द्र सरकार या राज्य सरकार पर आपराधिक बल का प्रयोग करके षड्यंत्र करना), 124ए (देशद्रोह देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप), 417 (छल करना), 420 (धोखाधड़ी) और 3/6/12 पासपोर्ट अधिनियम में एफआईआर दर्ज की गई थी।
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