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WFI को चलाएगा तीन मेंबर का पैनल:पीटी उषा ने कहा- सड़क पर धरना अनुशासनहीनता; बजरंग बोले- कड़े बयान की उम्मीद नहीं थी

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WFI को चलाएगा तीन मेंबर का पैनल:पीटी उषा ने कहा- सड़क पर धरना अनुशासनहीनता; बजरंग बोले- कड़े बयान की उम्मीद नहीं थी

दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने के पांचवें दिन पहलवानों का साथ देने के लिए किसान संगठन भी पहुंचे। - Dainik Bhaskar

दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने के पांचवें दिन पहलवानों का साथ देने के लिए किसान संगठन भी पहुंचे।

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने का आज पांचवां दिन है। इनका समर्थन करने हरियाणा और पश्चिमी UP की कई खाप पंचायतें जंतर-मंतर पहुंचीं। पहलवानों का पक्ष लेते हुए पंचायतों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की।

इस बीच भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- पहलवानों का सड़कों पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है। IOA ने पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा को WFI चलाने के लिए तीन सदस्यीय एडहॉक पैनल में शामिल किया है। तीसरा मेंबर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे। इनका नाम अभी तय नहीं है।

पीटी उषा के बयान पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा- उनसे इतने कड़े बयान की उम्मीद नहीं थी। बजरंग बोले- खेल मंत्री कह रहे है कि उन्होंने 12 घंटे खिलाड़ियों से बातचीत की। वे कुछ मिनट ही मीटिंग में रहे। हमने तीन-चार लोगों के नाम दिए थे। बबीता का नाम उन्होंने ही कमेटी में चुना था।

बबीता ने खुद बोला कि उनके हाथ से रिपोर्ट छीनी गई। कमेटी के लोग जब उनसे बुरा बर्ताव कर रहे हैं तो हमसे वो कैसा व्यवहार करेंगे, ये सोचिए। वे कह रहे हैं कि एक महिला खिलाड़ी ने ही यौन शोषण का आरोप लगाया है, तो एक के शोषण पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

विनेश फोगाट ने कहा- खेल मंत्री जब बैठक कर रहे थे, वे एक मिनट के लिए चेहरा दिखाने आते थे। बैठक में उनके अफसर हमें डरा रहे थे, लेकिन हम डरे नहीं। बैठक में क्या समझौता हुआ था, ये बातें अभी हमने क्लियर नहीं किया है। खेल मंत्री ने हमारा फोन तक नहीं उठाया। हमने अनुशासन में रहकर ही मेडल जीते हैं, हमें ही अनुशासनहीन कहा जा रहा है। हमारे देश का संविधान हमें कहीं भी धरने पर बैठने का अधिकार देता है।

साक्षी मलिक ने कहा- पीटी उषा हमारे लिए प्रेरणा थी, उन्हें बताना होगा कि हमने कहां अनुशासनहीनता की है। लेकिन, जब किसी ने हमारी नहीं सुनी तब हमें मजबूरन धरने पर बैठने को मजबूर हुए। हमारी सुनी गई होती तो हम क्यों बैठते।

बजरंग ने मोदी के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया से हटाई

सोशल मीडिया फैंस के एतराज जताने के बाद बजरंग ने सोशल मीडिया अकाउंट से PM मोदी से हाथ मिलाने वाली तस्वीर हटाकर अपनी लगा ली है।

सोशल मीडिया फैंस के एतराज जताने के बाद बजरंग ने सोशल मीडिया अकाउंट से PM मोदी से हाथ मिलाने वाली तस्वीर हटाकर अपनी लगा ली है।

धरने के दौरान बजरंग पूनिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट का कवर बदल दिया है। इसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते हुए खड़े थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी सिंगल फोटो लगा ली है।

दंगल गर्ल इंटरनेशनल रेसलर गीता फोगाट भी पहलवानों के समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं। उनकी बहन बबीता फोगाट भी यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी पर सवाल खड़ी कर चुकी हैं।

खेल मंत्री बोले- कोई भी किसी भी थाने में FIR करा सकता है
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के साथ मैं 12 घंटे बैठा। उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। पहलवानों के कहने पर ही बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया।

हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। किसी भी थाने में कोई भी FIR दर्ज करा सकता है। पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।

विनेश-साक्षी के साथ कुछ गलत नहीं हुआ: राकेश
हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा- विनेश और साक्षी के साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ। फोगाट परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहता है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर पहलवानों को भड़काने का आरोप लगाया। साथ ही कहा- बजरंग पूनिया सरकारी अधिकारी हैं। वे बिना अनुमति धरने पर नहीं बैठ सकते।

बृजभूषण की कविता- जिस दिन महसूस करूंगा कि मैं लाचार हूं, बेचारा हूं, ऐसी जिंदगी जीना पसंद नहीं करूंगा

पहलवानों के धरने के बीच भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह एक कविता पढ़ रहे हैं। भाजपा सांसद इसमें खुद के डटे रहने और संघर्ष की बात कर रहे हैं। वो कह रहे हैं, “जिस दिन मेरा संघर्ष खत्म हो जाएगा। उस दिन मेरी मृत्यु नजदीक आ जाएगी।” 

वीडियो बुधवार शाम का बताया जा रहा है।

बुधवार के बाद गुरुवार को भी पहलवानों ने गद्दों व सड़क पर वर्कआउट किया।

बुधवार के बाद गुरुवार को भी पहलवानों ने गद्दों व सड़क पर वर्कआउट किया।

किसान नेता टिकैत बोले- गांवों में गुस्सा, न्याय मिले
गुरुवार को खिलाड़ियों के समर्थन में कई हस्तियों ने ट्वीट किए। इतना ही नहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने संदेश जारी कर कहा कि खिलाड़ी पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। वे 2-3 महीने पहले भी धरने पर थे। सरकारों की उनके साथ बातचीत हुई थी। यौन शोषण का मामला है। एक कमेटी बनी थी। उस कमेटी ने कोई रिपोर्ट नहीं दी। दोबारा उन्हें फिर धरने पर बैठना पड़ा।

समाज के सामने अपनी बात कहनी पड़ी और गांवों में इस मुद्दे पर बहुत गुस्सा है। खिलाड़ी किसी जाति, समाज या क्षेत्र के नहीं है, बल्कि हम सबके हैं। खिलाड़ियों को न्याय मिलना चाहिए।

आज राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत भी खिलाड़ियों के बीच जंतर-मंतर पर पहुंचेंगे।

जंतर-मंतर पर धरने के दौरान पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सड़क पर प्रैक्टिस करती हुईं।

जंतर-मंतर पर धरने के दौरान पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सड़क पर प्रैक्टिस करती हुईं।

जंतर-मंतर पर धरने के दौरान टेंट में रह रहे पहलवान बजरंग पूनिया और उनकी पत्नी संगीता फोगाट।

जंतर-मंतर पर धरने के दौरान टेंट में रह रहे पहलवान बजरंग पूनिया और उनकी पत्नी संगीता फोगाट।

जंतर-मंतर पर धरने के दौरान टेंट के बाहर बैठीं साक्षी मलिक।

जंतर-मंतर पर धरने के दौरान टेंट के बाहर बैठीं साक्षी मलिक।

ओलिंपियन अभिनव बिंद्रा का समर्थन में ट्वीट
रेसलर्स को समर्थन देते हुए ओलिंपियन अभिनव बिंद्रा ने भी ट्वीट किया है। अभिनव बिंद्रा ने लिखा कि एथलीटों के रूप में, हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं। भारतीय कुश्ती प्रशासन में उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में हमारे एथलीटों का सड़कों पर विरोध करना आवश्यक समझते हुए यह बहुत ही चिंताजनक है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मुद्दे को ठीक से संभाला जाए, एथलीटों की चिंताओं को सुना जाए और निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से जांच हो।

यह घटना एक उचित सुरक्षा तंत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर उजागर करती है, जो उत्पीड़न को रोक सके और प्रभावित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित कर सके। हमें सभी एथलीटों के विकास के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।

उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम-360 के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने जंतर-मंतर पर पहुंचकर पहलवानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया।

उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम-360 के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने जंतर-मंतर पर पहुंचकर पहलवानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
7 महिला रेसलर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, ‘पहलवानों ने याचिका में यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन पर विचार किए जाने की जरूरत है।’ बुधवार को इसी मामले में FIR दर्ज न करने पर सुप्रीम कोर्ट से जारी नोटिस का दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया। इसमें कहा गया कि पुलिस केस दर्ज करने से पहले जांच कर रही है। आरोपों की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज करने की ओर बढ़ा जाएगा।

देश के सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने भी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करनी जरूरी है।

पहलवानों के हक में संयुक्त किसान मोर्चे की मीटिंग 28 को
सोनीपत से बुधवार को ही सैकड़ों की संख्या में किसान रेसलर्स के समर्थन में दिल्ली रवाना हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा कि वह खिलाड़ियों के समर्थन में जा रहे हैं। 28 अप्रैल को इसी मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक भी होगी।

WFI अध्यक्ष बृजभूषण पर निशाना साधते हुए कुहाड़ ने कहा कि केंद्र सरकार खिलाड़ियों का अपमान कर रही है। देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ी आज फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं। महिला पहलवानों की शिकायत के बावजूद FIR दर्ज न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

जम्मू-कश्मीर समेत 4 राज्यों के गवर्नर रह चुके सत्यपाल मलिक और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता वृंदा करात भी पहलवानों के बीच पहुंचकर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर समेत 4 राज्यों के गवर्नर रह चुके सत्यपाल मलिक और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता वृंदा करात भी पहलवानों के बीच पहुंचकर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं।

3 महीने में दूसरी बार पहलवान धरने पर
18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत 30 पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था। विनेश फोगाट ने आरोप लगाए थे कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। आरोपों की जांच के लिए दो कमेटियां बनाई गई थीं। इसके बाद पहलवानों ने प्रोटेस्ट खत्म कर दिया था। 23 अप्रैल को वे फिर से धरने पर बैठ गए।

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