X का दावा-भारत जरूरत के लिए रूसी तेल खरीदता है:अमेरिका भी रूस से यूरेनियम लेता है और भारत पर प्रतिबंध लगाता है, यह डबल स्टैंडर्ड
वॉशिंगटन डीसी

डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने हाल ही में भारत को लेकर कई दावे किए थे। इन्हें X के फैक्ट चेक ने नकार दिया।
मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के फैक्ट चेक फीचर ने ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो के भारत के रूसी तेल खरीद से जुड़े दावों को गलत बताया है।
X ने एक नोट में लिखा-
भारत रूस से तेल अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए खरीदता है, न कि सिर्फ मुनाफे के लिए। यह खरीद अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करती। अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और दूसरी चीजें खरीदता है, भारत पर प्रतिबंध अमेरिकी प्रशासन का दोहरा रवैया दिखाता है।
दरअसल, पीटर नवारो ने भारत पर रूस से तेल खरीदकर मुनाफा कमाने और यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया था।

नवारो बोले- भारत मुनाफे के लिए रूसी तेल खरीदता है
पीटर नवारो ने X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘भारत के ऊंचे टैरिफ अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचाते हैं। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है, जिससे रूस की युद्ध मशीन को मदद मिलती है। इससे यूक्रेन और रूस के लोग मर रहे हैं और अमेरिकी करदाताओं का पैसा बर्बाद हो रहा है। भारत सच को स्वीकार नहीं कर सकता।’
नवारो के इस पोस्ट की X के फैक्ट चेक फीचर ने तुरंत जांच की । इसके बाद X ने एक कम्युनिटी नोट में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए नवारो के दावों को गलत बताया।
X फैक्ट चैक का जबाव- ये भारत का निजी फैसला, अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं
नवारो X की इस जांच से भड़क गए। उन्होंने मस्क पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘मस्क पोस्ट में प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। यह नोट पूरी तरह बकवास है। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है।’
उन्होंने कहा- रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले भारत ऐसा नहीं करता था। भारत की सरकारी मशीनरी झूठ फैला रही है। भारत यूक्रेन में लोगों की मौत रोके और अमेरिकी नौकरियां छीनना बंद करें।
X ने नवारो की इस पोस्ट की भी जांच की और लिखा, ‘भारत का रूस से तेल खरीदना उसका खुद का फैसला है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता।’

यूक्रेन जंग को ‘मोदी वॉर’ बता चुके नवारो
इससे पहले नवारो ने यूक्रेन जंग को ‘मोदी वॉर’ बताया था। नवारो ने 27 अगस्त को ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में भारत पर जंग को बढ़ावा देने और दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया था।
नवारो ने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और ऊंची कीमत पर बेचता है। इससे रूस को जंग के लिए पैसा मिलता है और वो यूक्रेन पर हमला करता है।
नवारो ने चेतावनी देते हुए कहा था कि रूस और चीन के साथ भारत के बढ़ते संबंध दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं।
उन्होंने कहा- भारत तुम तानाशाहों के साथ मिल रहे हो। चीन ने अक्साई चिन और तुम्हारे कई इलाके पर कब्जा कर लिया। और रूस? जाने भी दो। ये आपके दोस्त नहीं हैं।

नवारो बोले थे- रूसी तेल खरीदना अमेरिका के लिए नुकसानदायक
नवारो ने कहा था, ‘भारतीय नेता हमारी आंखों में आंखें डालकर कहते हैं कि हम रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करेंगे। अब इसका क्या मतलब है?’ उन्होंने रूस पर भारत को बेचे गए तेल के बदले मिलने वाले पैसों से युद्ध मशीनरी को चलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा- रूस, यूक्रेन पर हमले कर वहां के लोगों को मारता है। फिर यूक्रेन हमारे और यूरोप के पास आकर कहता है कि हमें और पैसा दो। इस तरह अमेरिकी टैक्सपेयर्स को नुकसान होता है।
नवारो ने अमेरिकी सामानों पर लगने वाले भारतीय टैरिफ की भी आलोचना की। उन्होंने कहा था-
भारत की नीतियों से अमेरिका में सभी को नुकसान हो रहा है। अमेरिकी जनता, कारोबार, कामगार सब हार रहे हैं, क्योंकि भारत ने बहुत ऊंचे टैरिफ लगा रखे हैं। इसकी वजह से अमेरिका में नौकरियां जा रही हैं, कारखाने बंद हो रहे हैं, लोगों की आमदनी और बढ़ी हुई मजदूरी भी खत्म हो रही है। अमेरिकी टैक्सपेयर्स को भी घाटा उठाना पड़ रहा है, क्योंकि उनका पैसा आखिरकार मोदी की जंग में इस्तेमाल हो रहा है।
भारतीय ब्राह्मणों पर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था
नवारो ने 2 सितंबर को भारतीय ब्राह्मणों पर रूसी तेल खरीद कर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि भारत के ब्राह्मण रूसी तेल से मुनाफा कमा रहे हैं, जिसकी कीमत पूरा भारत चुका रहा।
नवारो ने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदकर के कारण सबसे ज्यादा टैरिफ झेल रहा है। इससे रूस और अमेरिका को नुकसान नहीं हो रहा है, बल्कि आम भारतीयों को हो रहा है। यह बात उन्हें समझनी चाहिए।
नवारो ने भारत को ‘रूस की धुलाई मशीन’ कहा और आरोप लगाया कि भारत न सिर्फ व्यापार असंतुलन बढ़ा रहा है, बल्कि ऐसे गठजोड़ भी मजबूत कर रहा है, जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं।

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