अजीत डोभाल से मिले ब्रिटेन के NSA, हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय सुरक्षा; सहयोग पर चर्चा
ब्रिटिश हाई कमिशन ने एक ट्वीट में कहा कि एनएसए ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की और भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बदलने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके ब्रिटिश समकक्ष स्टीफन लवग्रोव ने गुरुवार को क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और साइबर सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक जैसे क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर चर्चा की। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि भारत-यूके रोडमैप 2030 के दृष्टिकोण के अनुरूप साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट और पर्याप्त परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
दोनों देशों के एनएसए की मीटिंग में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें क्षेत्रीय सुरक्षा, उग्रवाद से निपटना और साइबर सुरक्षा, समुद्री मामलों और हिंद-प्रशांत में सहयोग शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच चर्चा को आगे बढ़ाते हुए, एनएसए ने आत्मनिर्भर भारत पहल के प्रमुख उद्देश्यों पर ध्यान देने के साथ प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की।
पिछले साल मई में लॉन्च हुआ था रोडमैप
बता दें कि रक्षा और सुरक्षा सहयोग भारत-यूके रोडमैप 2030 के पांच खंडों में से एक है, जिसको पिछले साल मई में लॉन्च किय गया। रोडमैप के तहत भारत और यूके को साइबर, अंतरिक्ष, अपराध और आतंकवादी खतरों से निपटने और एक स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक विकसित करने के लिए मिलकर काम करने राय बनी है।
दोनों देश सहयोग का विस्तार करने पर हुए सहमत
एनएसए की हुई बैठक में दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष के लिए वैश्विक नियम निर्धारित करने में मदद करने और 2015 में सहमत रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा भागीदारी (डीआईएसपी) के तहत सहयोग का विस्तार करने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे पर सहयोग को भी बढ़ावा देंगे और विश्व स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे।
Add Comment