REPORT BY SAHIL PATHAN
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) अफगानिस्तान में छोटे जिहादी ग्रुप्स को सपोर्ट कर रही है। इन जिहादी ग्रुप्स की विचारधारा ज्यादा कट्टर है। इनका इस्तेमाल तालिबान को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। ये दावा फॉरेन पॉलिसी की एक रिपोर्ट के आधार पर किया गया है।न्यूज रिपोर्ट में एक डॉक्युमेंट के आधार पर कहा गया है, ISI फंडेड इस्लामिक इनविटेशन एलायंस (IIA) को तालिबान की जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 2020 की शुरुआत में बनाया गया था। अब इसका उद्देश्य पूरे अफगानिस्तान में चरमपंथ को सशक्त बनाकर तालिबान को अस्थिर करना है। IIA एक साल से ज्यादा समय से अमेरिकी खुफिया विभाग के रडार पर भी है।
तालिबान पर दबाव बनाकर रखना चाहता है पाक
न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि IIA में करीब 4,500 लड़ाके हैं। इसके जरिए ISI अफगानिस्तान में जिहाद आंदोलन को जीवित रखकर तालिबान पर अपना दबाव बनाकर रखना चाहती है। इसमें ये भी कहा गया है कि ISI से मिलने वाली फंडिंग को IIA अपने मेंबर ग्रुप्स को दे रहा है। इससे आतंकी संगठन IS-K को बूस्ट मिल रहा है। मेंबर ग्रुप्स के किए हमलों की जिम्मेदारी लेकर IS-K को खुद को एक मजबूत संगठन के तौर पर दिखाने में मदद मिल रही है।
राजनीतिक परिदृश्य बना ज्यादा जटिल
IIA के उदय ने तालिबान में राजनीतिक परिदृश्य को और ज्यादा जटिल बना दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि तालिबान के भीतर पहले से ही मतभेद दिखाई दे रहे हैं। तालिबान का डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर और गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के बीच दरार लगातार बढ़ रही है। अमेरिका के साथ शांति समझौते में मुल्ला बरादर की अहम भूमिका रही है। वहीं सिराजुद्दीन आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है। अफगानिस्तान में हक्कानी ने कई सुसाइड अटैक को अंजाम दिया था।
तालिबान के बीच दरार से क्षेत्रीय शांति खतरे में
अफगानिस्तान की पूर्व सरकार में इंटेलिजेंस हेड रहे रहमतुल्लाह नबील ने कहा, ‘बरादर का झुकाव अमेरिका की तरफ माना जाता है। वहीं हक्कानी को सबसे कड़े पश्चिमी विरोधी चेहरे के रूप में देखा जाता है।’ उन्होंने कहा कि दो लोगों के बीच की ये दरार तालिबान के सैनिकों को इस्लामिक स्टेट की तरफ धकेल रहे हैं और देश की स्थिरता और संभावित क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहे हैं।’
तालिबान के अंदर शुरू होगी बड़ी जंग
पिछले दिनों दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के ग्रुप की ओर से शेयर की गई जानकारी से भी पता चलता है कि आने वाले दिनों में तालिबान के अंदर बड़ी जंग शुरू हो सकती है।
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