आयकर विभाग ने उत्तर भारत में सक्रिय एक प्रमुख रियल एस्टेट समूह के मामले में 14.03.2022 को तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। तलाशी अभियान के तहत दिल्ली और एनसीआर, चंडीगढ़, लुधियाना, लखनऊ और इंदौर में 45 से अधिक परिसरों को शामिल किया गया।
तलाशी के दौरान दस्तावेजों की हार्ड कॉपी और डिजिटल डेटा सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं और इन्हें जब्त कर लिया गया हैं। जब्त किए गए साक्ष्यों में 10 से अधिक वर्षों के लिए विभिन्न ग्राहकों से समूह की ‘ऑन-मनी’ नकद प्राप्ति डेटा शामिल है। विभिन्न परियोजनाओं के प्रमुख कर्मचारियों/व्यवसाय प्रमुखों ने स्वीकार किया है कि समूह ने अपने ग्राहकों से ‘ऑन-मनी’ के माध्यम से बेहिसाब नकदी स्वीकार करते हुए बेहिसाब आय अर्जित की है जिसे खाते की नियमित पुस्तकों में दर्ज भी नहीं किया गया है। अब तक तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की ‘ऑन-मनी’ की प्राप्ति के प्रमाण मिल चुके हैं।
साक्ष्यों को देखने से यह पता चलता है कि उनमें उन निवेशकों का विवरण है जिनसे समूह ने 450 करोड़ रुपये का नकद ऋण प्राप्त किया है।
तलाशी अभियान में 25 करोड़ की नगदी और 5 करोड़ मूल्य के आभूषण भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा, 11 लॉकरों को जब्त कर दिया गया है, और उनकी जानकारी जुटाना अभी बाकी है।
इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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