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आरएसवी ने किया पद्मश्री अली गनी का सम्मान

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पद्मश्री अली गनी बीकानेर की शान – सुभाष स्वामी

आरएसवी ने किया पद्मश्री अली गनी का सम्मान

बीकानेर : आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के तत्वावधान में जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित आरएसवी हायर सेकेंडरी स्कूल के ऑडिटोरियम में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मांड गायक पद्मश्री अली गनी ब्रदर्स को सम्मानित किया गया। यह आयोजन संगीत के प्रति विद्यार्थियों को प्रेरित करने और बीकानेर की मांड गायकी को सम्मानित करने के उद्देश्य से किया गया था।

कार्यक्रम की शुरुआत में आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीईओ आदित्य स्वामी एवं कार्यक्रम संयोजक रविंद्र भटनागर ने अली गनी ब्रदर्स का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर अली गनी ब्रदर्स ने विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा किए और मांड गायकी के महत्व को बताया।

संगीत के प्रति समर्पण का संदेश

पद्मश्री अली गनी ने अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने और उनके भाई ने छह वर्ष की आयु में अपने पिता से संगीत की शिक्षा लेना शुरू किया था। उन्होंने यह भी कहा कि बचपन से ही उनके मन में यह स्पष्ट था कि उनका जीवन संगीत के माध्यम से ही समृद्ध होगा, और इसी समर्पण के कारण वे इस क्षेत्र में सफल हो सके।

अली गनी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर वे अपने जीवन में किसी लक्ष्य का निर्धारण कर उसे पूरा करने के लिए ईमानदारी और समर्पण से काम करें, तो किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी अपील की कि वे हमेशा अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करें और संगीत जैसे कला क्षेत्र में अपने हुनर को निखारें।

माल्यार्पण और स्वागत

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के सीएमडी सुभाष स्वामी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि आज का यह अवसर विद्यार्थियों के लिए बहुत विशेष है, क्योंकि यह देखने का मौका मिल रहा है कि कैसे एक साधारण गांव का लड़का बीकानेर से निकलकर बॉलीवुड तक पहुंच सकता है और संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान प्राप्त कर सकता है। यह विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है।

अली गनी को उनके पद्मश्री सम्मान के बाद आरएसवी स्कूल परिवार की ओर से शाल पहनाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने अपनी मांड गायकी से विद्यार्थियों और शिक्षकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मधुर स्वर लहरियों से गूंजे ऑडिटोरियम

अली गनी ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय मोहम्मद रफी के गुरु को समर्पित गीत से की। इसके बाद उन्होंने फिल्म पाकीज़ा के प्रसिद्ध गीत “ठाडे रहियो, छाप तिलक सब छीनी रे” और “बलम थारी ओलु घनी आवे” के साथ अन्य मांड गीतों का प्रदर्शन किया। उनका गायन इतना प्रभावशाली था कि ऑडिटोरियम में उपस्थित सभी लोग झूम उठे और तालियों से उनका स्वागत किया।

विशेष रूप से “पधारो म्हारे देश” गीत पर विद्यार्थियों और शिक्षकों का उत्साह दोगुना हो गया। इसके बाद अली गनी ने विद्यार्थियों के सवालों का भी जवाब दिया और संगीत से जुड़ी विभिन्न जिज्ञासाओं को शांत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संगीत की बारीकियों से परिचित कराया और बताया कि संगीत एक बहुत ही शुद्ध और दिव्य कला है, जो मन और आत्मा को शांति देती है।

कार्यक्रम में शामिल हुए विशेष अतिथि

कार्यक्रम में विद्यालय की ज्वाइंट डायरेक्टर तान्या कृष्ण गुप्ता, प्रशासनिक अधिकारी नौशिदा परवीन, संयोजक रविंद्र भटनागर, लोकेश शर्मा, विनय कुमार बिश्नोई, आईटी प्रभारी रियाज मोहम्मद, संगीत अकादमी के सोमेश जावा, गोकुल व्यास और जसदेव सिंह सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संयोजन विद्यालय की शिक्षिका ऋतु शर्मा द्वारा प्रभावशाली तरीके से किया गया, जिसने इस पूरे कार्यक्रम को संरचित और आकर्षक बनाया।

संगीत की दुनिया में बीकानेर की महत्वपूर्ण पहचान

यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को अपनी कला और संस्कृति से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर था। अली गनी ब्रदर्स का योगदान न केवल बीकानेर बल्कि भारतीय संगीत जगत में अतुलनीय है। उनके संगीत से ना केवल बीकानेर बल्कि भारत भर में मांड गायकी की पहचान बनी है।

आरएसवी विद्यालय ने इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि कला, संस्कृति और समर्पण से ही व्यक्ति अपनी पहचान बना सकता है और समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकता है।

यह आयोजन बीकानेर की संगीत धारा को सम्मानित करने के साथ-साथ छात्रों को यह प्रेरणा भी देता है कि वे अपनी कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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