लगातार 4 घंटों से अधिक समय तक टी एम आडिटोरियम में पैर रखने तक की जगह नहीं मिली
बीकानेर। नेशनल ग्रीन कोर (इको क्लब), राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड तथा करुणा इंटरनेशनल संस्था, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में ऊर्जा संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम के तहत “स्पंदन” कार्यक्रम का आयोजन गंगाशहर स्थित टी. एम. आडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम – समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के मुताबिक इस अवसर पर आईटीआई के उपनिदेशक कैलाश शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा संरक्षण आज के समय की महती आवश्यकता है। उन्होंने अपने संबोधन में ऊर्जा संरक्षण के अनेकानेक टिप्स देते हुए कहा कि हम छोटी छोटी आदतें अपनाकर रोजाना ऊर्जा संरक्षण कर सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विख्यात अंक व अंग ज्योतिषी, वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डॉ. कुमार गणेश ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में मानसिक ऊर्जा की व्याख्या करते हुए मनोबल के बल पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।
इस अवसर पर टाटा सोलर सिस्टम के बीकानेर के प्रतिनिधि योगेश वर्मा ने सोलर एनर्जी संबंधित औउपयोगी जानकारी दी।
स्काउट व गाइड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विमला मेघवाल, बीकानेर प्रेस क्लब के अध्यक्ष व स्थानीय संघ गंगाशहर के प्रधान भवानीशंकर जोशी एवं सहायक लोक अभियोजक धीरज चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सी. ओ. (स्काउट) जसवंत सिंह राजपुरोहित ने स्काउट व इको क्लब के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा आयोजन की उपादेयता प्रस्तुत की। करुणा इंटरनेशनल के शिक्षा अधिकारी घनश्याम साथ ने करुणा इंटरनेशनल संस्था के संबंध में जानकारी दी तथा संस्था की आगामी प्रस्तावित गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। खैरीवाल ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए उनके संक्षिप्त परिचय भी प्रस्तुत किए। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण संबंधी जानकारी भी दी।
मंच उद्घोषक राकेश कुमार जोशी ने भी ऊर्जा संरक्षण के जरूरी उपाय बताए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी मेघराज बोथरा ने की।
29 करुणा क्लब्स की मनभावन प्रस्तुतियों ने खिलाए विविध रंग, “स्पंदन” ने किया सभी को सम्मोहन रूपी ऊर्जा से सराबोर
इस अवसर पर आयोजित हुए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में नगर की 29 स्कूल्स के करुणा क्लब्स के 311 स्टूडेंट्स ने प्रभावी प्रस्तुतियां देकर उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों, अतिथियों व शिक्षकों को सम्मोहित कर दिया। कार्यक्रम की शुरूआत करुणा प्रार्थना, करुणा गीत एवं अणुव्रत गीत की प्रभावी प्रस्तुति के साथ श्री पूर्णेश्वर ज्ञान मंदिर द्वारा हुई। श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल के सरस्वती वंदना नृत्य तथा बालगोविंदम माध्यमिक विद्यालय के स्वागत नृत्य की मनमोहिनी प्रस्तुतियों से शुरू हुई करतल ध्वनि व दाद लगभग सभी कार्यक्रमों को निरंतर मिलती रही। एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देखकर दर्शक विस्मय से प्रफुल्लित हो रहे थे। उनकी लगातार बज रही तालियां बच्चों का हौंसला आफजाई कर रही थी।
दिव्यांग सेवा संस्थान के दिव्यांग स्टूडेंट्स के कार्यक्रम को बहुत सराहना मिली। समाज सेवी जतनलाल दूगड़ ने दिव्यांग सेवा संस्थान को 2100/- की राशि के चैक से पुरस्कृत किया। शांति विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय के छोटे छोटे स्टूडेंट्स द्वारा प्रस्तुत नाटक “मैं भारत की संतान हूँ” को जमकर प्रशंसा मिली। उनके इस शानदार प्रदर्शन पर विक्टोरियस पब्लिक स्कूल के संस्थापक मनोज व्यास ने 2100/- की राशि से पुरस्कृत किया। इसी तरह से प्रभात बाल मंदिर द्वारा प्रस्तुत योगमयी नृत्य ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। डिसेंट किड्स के राजस्थान की महिमा का बखान करते हुए प्रस्तुत नृत्य ने भी जमकर सराहना हासिल की।
सनराईज अकादमी की देश की सीमा रक्षा को समर्पित प्रस्तुति हो चाहे शांति इंग्लिश एकेडमी एवं सेमूनो इंटरनेशनल टेक्नो स्कूल की प्रस्तुतियां हों, दर्शकों ने खुले मन से तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया।
हीरालाल सौभागमल रामपुरिया विद्या निकेतन तथा एनडी ज्ञानदीप की प्रस्तुतियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। जुबिलेंट अकेडमी, श्री सार्थक एकेडमी, शिव माध्यमिक विद्यालय, वर्धमान इंग्लिश एकेडमी, गिन्नी बाल निकेतन, जय गुरुकुल विद्यालय, शांति बाल निकेतन, अमर ज्योति विद्या मंदिर, राजकीय बोथरा बालिका विद्यालय, अरूणोदय विद्या मंदिर, नालंदा पब्लिक स्कूल, विक्टोरियस पब्लिक स्कूल, आदर्श शिक्षा निकेतन, विक्टोरियस कॉन्वेंट स्कूल, राजकीय बांठिया बालिका विद्यालय, गोपाल बाल मंदिर तथा इंद्रा विद्यालय द्वारा प्रस्तुत की गयी प्रस्तुतियां भी एक से बढ़कर एक रहीं।
पुरस्कार पाकर हर्षित हुआ बालमन
कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले सभी 311 विद्यार्थियों को करुणा साहित्य, पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। सभी सहभागी 29 करुणा क्लब स्कूल्स को स्मृति चिन्ह एवं करुणा साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में निर्धारित समय तक पहुंचने एवं कार्यक्रम समापन होने तक रूकने वाले स्कूल्स को तिरंगा दुपट्टा एवं डायरी प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी अतिथियों को तिरंगे दुपट्टे, करुणा साहित्य एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न जिम्मेदारियों में जुटे जैन पी जी महाविद्यालय के रोवर्स मयंक पंवार, आर्यन दावड़ा, इंद्रजीत सिंह, हिमांशु जोशी, कुशाल दैया, लक्ष्य सेवग, करण सिरोही, हेमंत सुथार एवं नरेंद्र जाट, राजकीय बोथरा बालिका विद्यालय की गाइड्स राजिका राजपुरोहित, माया भूटिया, ज्योति राजपुरोहित, हर्षिता राजपुरोहित, श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल की गाइड्स दिशा राजपुरोहित व दिव्या स्वामी तथा स्काउट्स आशीष जीनगर, शुभम आसदेव,महेश बाणिया, निर्मन्यु राजपुरोहित, विनायक राजपुरोहित, लोकेश बाणिया व कपिल बाणिया को भी प्रशस्ति पत्र एवं करुणा साहित्य भेंट कर प्रोत्साहित किया गया। डिसेंट किड्स की कक्षा 6 की छात्रा अश्लेषा खैरीवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत तिलक निकालकर किया।
जतनलाल दूगड़ का हुआ सेवा अभिनंदन
करुणा इंटरनेशनल संस्था के प्रणेता व समाजसेवी जतनलाल दूगड़ के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनका सेवा अभिनंदन किया गया। सेवा अभिनंदन के अंतर्गत शाल, मोतियों की माला एवं अभिनंदन पत्र से 9 विद्यालयों की तरफ से गिरिराज खैरीवाल, घनश्याम साध, प्रभुदयाल गहलोत, रमेश बालेचा, सौरभ बजाज, जितेन्द्र बालेचा, डॉ. नीलम जैन, अनुराधा जैन एवं मुकेश पांडेय ने सम्मान किया। अभिनंदन पत्र का वाचन डॉ. कुमार गणेश ने किया। अनुराधा जैन ने संस्कृत श्लोक के वाचन से श्री दूगड़ को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर श्री दूगड़ ने कहा कि इस सेवाभिनंदन लेख में उल्लेखित गुणों को आत्मसात करने का उनका प्रयास आगे भी जारी रहेगा।
इन सब के विशिष्ट सहयोग से ही स्पंदन ने किया प्रभावित
कार्यक्रम का कुशल मंच संयोजन राकेश कुमार जोशी ने किया। करुणा इंटरनेशनल संस्था, बीकानेर के कोषाध्यक्ष संपतलाल दूगड़, निदेशक शांतिलाल बोथरा, इंद्रा बालेचा, रामचंद्र आचार्य, भंवरी देवी, हरिनारायण आचार्य, मनोज सिंगला, मनोज आचार्य, कमलचंद बाणिया, राणसिंह राजपुरोहित, केवलचंद भूरा, सवाईसिंह राजपुरोहित, विनोद रामावत, महावीर जैन, इंद्राज प्रजापत, आशा शर्मा, कुमकुम गहलोत, सरिता उपाध्याय, वर्षा चौहान, गुनगुन सोनगरा, चित्रा मारु, काजल कंसारा, डोली दूगड़, अनिता भार्गव और पवन अग्रवाल इत्यादि ने विभिन्न व्यवस्थाओं को प्रभावी रूप से संपादित किया।
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