NATIONAL NEWS

ईसीबी में 18 नोन टीचिंग कार्मियों की भर्ती का मामला:तकनीकी शिक्षा विभाग ने दो साल बाद एसीबी को सौंपी जांच,चयन समिति सदस्य भी नपेंगे, प्राचार्य को लिखा-एक्शन लें

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

ईसीबी में 18 नोन टीचिंग कार्मियों की भर्ती का मामला:तकनीकी शिक्षा विभाग ने दो साल बाद एसीबी को सौंपी जांच,चयन समिति सदस्य भी नपेंगे, प्राचार्य को लिखा-एक्शन लें

तकनीकी शिक्षा विभाग ने दो साल बाद एसीबी को सौंपी जांच,चयन समिति सदस्य भी नपेंगे, प्राचार्य को लिखा-एक्शन लें|बीकानेर,Bikaner - Dainik Bhaskar

जिस प्राचार्य को जांच दी वे खुद भर्ती प्रक्रिया में शामिल।

बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज में 18 नोन टीचिंग कर्मचारियों को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच की सिफारिश दो साल बाद एसीबी से की है। साथ ही भर्ती प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के विरुद्ध भी जांच के आदेश कॉलेज प्राचार्य को दिए गए हैं, जबकि वे स्वयं भी भर्ती प्रक्रिया से जुड़े हुए थे।

ईसीबी में 18 नोन टीचिंग कर्मचारियों भर्ती में भ्रष्टाचार लेकर मुक्ता प्रसाद कॉलोनी निवासी सुरेंद्र कुमार ने 2018 में एसीबी में शिकायत की थी। एसीबी ने प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया नियुक्तियों में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार माना। एसीबी के तत्कालीन डीआईजी सवाई सिंह गोदारा ने 23 जुलाई 2021 को तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर दोनों ही मामलों में जांच करने के लिए अनुमोदन मांगा था। तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. मनीष गुप्ता ने पांच अप्रैल 23 को एसीबी डीआईजी को अनुमोदन जारी किया है। हैरत की बात ये है कि यह पत्र कर्मचारियों की दुबारा ज्वॉइनिंग से एक दिन पहले जारी किया गया।

इसके अलावा संयुक्त सचिव ने 12 अप्रैल को एक अन्य पत्र ईसीबी प्राचार्य को लिखकर इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों, अधिकारियों और लाभान्वित कार्मिकों के विरुद्ध विधि अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। दोनों पत्र के बाहर आने पर विभाग में खलबली मची हुई है। बता दें ये कर्मचारी वर्तमान में कोर्ट के आदेश पर ईसीबी में ही काम कर रहे हैं।

सरकार को भेजी रिपोर्ट में चयन समिति की गड़बड़ियां उजागर

  • इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्ष 2018 में 18 नोन टीचिंग पदों पर कर्मचारियों भर्ती में अनियमितताओं को लेकर तत्कालीन प्राचार्य जय प्रकाश भांभू ने राज्य सरकार को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी थी। उसके आधार पर 2021 में तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. मनीष गुप्ता और उपविधि परामर्शी गोपालाल शर्मा की कमेटी ने जांच की।
  • पांचवीं बीओजी की बैठक में चेयरमैन प्रो.एके गुप्ता सहित चार सदस्यीय चयन समिति का अनुमोदन किया था। बीओजी के मिनिट्स में स्पष्ट उल्लेख था कि भर्ती वित्तीय भार से संबंधित होने के कारण वित्त विभाग से इसकी सहमति ली जाए, लेकिन इस संबंध में कोई पत्र जांच कमेटी को नहीं मिला। सरकार की ओर से नामित व्यक्ति भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं था।
  • अभ्यर्थियों के चयन के लिए कमेटी की सिफारिश को कार्यवाही फाइल अथवा पत्रावली पर लिया ही नहीं गया। ना ही कभी सक्षम स्तर पर अनुमोदन कि लिए प्रस्तुत किया गया। अपितु प्राचार्य ने खुद के स्तर पर ही समस्त पदों पर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। जोकि सोसायटी के नियमों की अवहेलना है। इसके लिए कभी भी प्राचार्य को स्वयं के स्तर पर नियुक्ति की शक्तियां प्रदत्त नहीं की गई थी। यह बीओजी को प्रदत्त शक्तियों का अतिक्रमण माना गया।
  • नियुक्ति की शर्तों का सक्षम स्तर पर अनुमोदन का अभाव है। नियमों को हवाला भी नहीं दिया गया है।
  • कॉलेज की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड में भर्ती के नियम, प्रक्रिया एवं चयन समिति के नियम आदि विवरण उपलब्ध नहीं है। चयन समिति में अमित सोनी और चैनाराम को शामिल करने का फैसला प्राचार्य स्तर पर लिया गया था।
  • पदों की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, वेतनमान, सेवा शर्तों आदि का निर्धारण प्राचार्य के स्तर पर किया गया था। रिकॉर्ड में सोसायटी एवं सरकार के किसी आदेश का हवाला नहीं है।
  • नियुक्ति पत्र जारी करने से पूर्व सक्षम स्वीकृति का विवरण उपलब्ध नहीं है।
  • भर्ती प्रक्रिया में ऐसा कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसमें रोस्टर का पालन किया गया हो।

तकनीकी शिक्षा विभाग ने 18 नोन टीचिंग कर्मचारियों की भर्ती के मामले में चयन समिति और लाभान्वित कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए हैं। यह पत्र मुझे आज ही मिला है। इस संबंध में विधिक राय लेने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। वैसे विभाग निर्णय लेने में सक्षम है। -मनोज कुड़ी, प्राचार्य, बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज
ईसीबी के वर्तमान प्राचार्य भर्ती की पूरी प्रक्रिया से जुड़े हुए थे। कार्रवाई उनके विरुद्ध भी होनी चाहिए। रहा सवाल लाभान्वित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई का तो मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। -भगवान सिंह मेड़तिया, नोन टीचिंग कार्मिकों के लिए आंदोलन से जुड़े भाजपा नेता

आगे क्या : भर्ती के पांच साल बाद होगी चयन समिति की जांच
ईसीबी में 18 नोन टीचिंग कर्मचारियों की भर्ती के लिए 2018 में हुई थी। तत्कालीन प्राचार्य प्रो. एके गुप्ता की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया गया। समिति में तत्कालीन रजिस्ट्रार चेनाराम, विवि के प्रतिनिधि तत्कालीन बाड़मेर कॉलेज प्राचार्य संदीप रांकावत, राज्य सरकार के नोमिनी जोधपुर के रिछपाल सिंह शामिल थे। इसके अलावा वर्तमान प्राचार्य मनोज कुड़ी तब परीक्षा कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। इनके साथ और भी कई अधिकारी कर्मचारी लगाए गए थे। इन सभी के विरुद्ध अब जांच होगी।

क्या है मामला : ईसीबी में जुलाई 2018 में नॉन टीचिंग 18 कर्मचारी सहायक कुल सचिव, सहायक रजिस्ट्रार, सहायक लाइब्रेरियन, भंडार इंचार्ज सहित विभिन्न पदों पर लगाए थे। इनमें से एक कार्मिक की मृत्यु हो चुकी है। नियुक्तियों में अनियमितताओं की शिकायत राज्य सरकार से की गई थी। मार्च 2022 में नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए इन नोन टीचिंग कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। विभाग के फैसले के खिलाफ कर्मचारी हाई कोर्ट में चले गए। बिना किसी पूर्व नोटिस कर्मचारियों को निकालने को हाई कोर्ट ने अनुचित मानते हुए बर्खास्तगी पर रोक लगा दी।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!