बीकानेर, 23 नवम्बर। समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ अर्चना शर्मा ने कहा कि महिलाओं, बालक-बालिकाओं, दिव्यांगजन और वृ़द्धजनों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। इस वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध रूप से कार्य कर रही है।
डॉ शर्मा ने बुधवार को सर्किट हाउस में स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ बैठक में यह बात कही। डॉ शर्मा ने कहा कि समाज के इन वर्गों के सामने आ रही समस्याएं को दूर करने के लिए नीतिगत प्रयासों के तहत बोर्ड का पुनगर्ठन किया गया है। बोर्ड का प्रयास रहेगा कि सभी फ्लैगशिप व जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले। इसके लिए नियमित रूप से विभाग और अधिकारियों से फीडबैक लिया जा रहा है। स्वयं सेवी संगठनों की इन वर्गों के उत्थान में सरकार के साथ अहम भागीदारी की सराहना करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। एनजीओ संवेदनशीलता के साथ बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। स्वयं सेवी संगठन बोर्ड को इन वर्गों के उत्थान के लिए नए सुझाव भिजवाएं जिससे आगामी बजट में इन प्रस्तावों को शामिल करवाया जा सके।
डॉ शर्मा ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, महिला अधिकारिता, बाल अधिकारिता व अन्य सम्बंधित विभागों से कार्य का फीडबैक लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डॉ शर्मा ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में महिला तस्करी रोकने की दिशा में सतर्कता बढाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिला उत्थान के लिए समाज कल्याण विभाग महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के विपणन के लिए प्लेटफार्म तैयार करवाएं। उन्होंने कहा कि अधिक संवेदनशीलता की आवश्यकता वाले तबके के कल्याण के लिए सम्बंधित विभाग समन्वय करते हुए कार्य करें।
समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि नशामुक्ति व नवजीवन योजना के तहत पात्रों के पुनर्वास के लिए काम किया जाए। साथ ही इस दिशा में जागरूकता की भी आवश्यकता है। उन्होंने सभी एनजीओ से अपनी आवश्यकतानुसार लिखित में सुझाव व प्रस्ताव भेजने की बात कही। इस अवसर पर विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार ने जिले की प्रगति से अवगत करवाया । बैठक में बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी, समाज कल्याण अधिकारी वाजिद खान, सुनीता गौड़, गजेन्द्र सिंह सांखला, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की मंजू नांगल सहित एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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