कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में बड़ा आरोप:थरूर खेमे ने कहा- UP, पंजाब और तेलंगाना में वोटिंग के दौरान गड़बड़ी हुई
कांग्रेस पार्टी को आज नया अध्यक्ष मिलेगा। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए 24 साल बाद हुए चुनाव के वोटों की गिनती सुबह 10 बजे शुरू हो गई है। चुनाव के लिए देशभर की सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में बैलेट बॉक्स भेजे गए थे। इन्हें नई दिल्ली के 24 अकबर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय (AICC) लाया गया है। यहीं सारे वोट गिने जा रहे हैं। शाम 4 बजे तक नतीजे आने के आसार हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने हैं। काउंटिंग के दौरान थरूर समर्थन सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और मतदान के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया। सोज ने कहा- हमने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है। इधर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि खड़गे 90% से ज्यादा वोटों से जीत रहे हैं।
अपडेट्स…
- राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने कहा- सोनिया गांधी 22 वर्ष तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं हैं। उन्होंने PM पद नहीं स्वीकारा। 30 साल से यह परिवार किसी पद पर नहीं आया। सिर्फ संगठन की ज़िम्मेदारी संभाली थी, वो भी छोड़ दी। इसका दुख हम सबको है। राहुल जी अगर इसे संभालते, तो एक नया मैसेज जाता।
- मल्लिकार्जुन खड़गे के मतगणना एजेंट गौरव गोगोई ने कहा- यह एक ऐतिहासिक क्षण है,हमें गर्व है कि हमने इतने लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराया। खड़गे साहब और शशि थरूर का कहना है कि जो भी अध्यक्ष बने, वे सभी के साथ विचार-विमर्श करेंगे और निश्चय ही सोनिया गांधी या गांधी परिवार के परामर्श को सुनेंगे।
नतीजों से तय होगा कांग्रेस का 65वां अध्यक्ष
इस चुनाव में जो भी जीतेगा, वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वां नेता होगा। इनमें से कई नेता एक से ज्यादा बार भी अध्यक्ष रह चुके हैं। अगर खड़गे जीतते हैं तो वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता होंगे। बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।
आखिरी बार 1998 में वोटिंग से हुआ था चुनाव
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।
ऐसे हो रही AICC प्रेसिडेंट इलेक्शन की काउंटिंग
17 अक्टूबर को वोटिंग के बाद देशभर में बनाए गए बूथों से मतपेटियां AICC मुख्यालय भेजी गई थीं। बुधवार को काउंटिंग शुरू होने से पहले मतपत्रों को आपस में मिक्स कर दिया गया, ताकि यह पता न चल सके कि किस उम्मीदवार को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं। इसके बाद वोटों की छंटनी की गई। इस प्रक्रिया के बाद 50-50 मतपत्रों के बंच बनाकर उनकी काउंटिंग की जा रही है। इस दौरान हर बंच की गिनती का रिकॉर्ड रखा जा रहा है।
36 पोलिंग स्टेशन पर 67 बूथों में हुई थी वोटिंग
कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) ने चुनाव में 36 पोलिंग स्टेशनों पर 67 बूथ बनाए थे। सबसे ज्यादा 6 बूथ UP में थे। हर 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया था। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स ने कर्नाटक के बेल्लारी में वोट डाला था। यहां यात्रा के कैंप पर एक कंटेनर में अलग से बूथ बनाया गया था।
कर्नाटक के बेल्लारी में डेलिगेट्स के साथ लाइन में खड़े होकर राहुल गांधी ने वोट डाला था।
काउंटिंग से पहले खड़गे और थरूर ने दिए दोस्ताना बयान
1. शशि थरूर- कांग्रेस की किस्मत का फैसला कार्यकर्ता करेंगे। कांग्रेस में परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है। मैंने खड़गे जी से बात की है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। परिणाम कुछ भी हो, हम सहयोगी बने रहेंगे।
2. मल्लिकार्जुन खड़गे- यह हमारे आंतरिक चुनाव का हिस्सा है। हमने एक-दूसरे से जो कुछ भी कहा वह मैत्रीपूर्ण ही है। हमें मिलकर पार्टी बनानी है। थरूर ने मुझे फोन किया और शुभकामनाएं दीं और मैंने भी उन्हें मुबारकबाद दी है।
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