कैमरे पर बोला पिता: गोलियां नहीं चलाईं, लाठियों से मारा:मौत नहीं आई तब तक सिर में सरिया डालते रहे, लाठियों से पीट-पीटकर मर्डर
पुरानी रंजिश को लेकर भरतपुर में हुए हत्याकांड में आरोपियों का पिता सामने आया। मर्डर के बाद कैमरे आए पिता ने कबूल किया कि उसके बेटों ने ही तीनों को मार डाला। पिता यह भी दावा कर रहा है कि मेरे बेटों ने गोलियां नहीं चलाई। सरिया और डंडों से पीट-पीटकर मर्डर कर दिया। मामला गुरुवार शाम जिले के भुसावर थाने के पथैना गांव का है। तीन लोगों की हत्या के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है।
इस हत्याकांड के बाद को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं। कोई पुरानी रंजिश और लड़की की छेड़खानी का भी मामला बता रहा है, लेकिन पुलिस यह दावा नहीं कर रही है। जबकि बताया जा रहा है कि एक पक्ष के हेमू व किशन और दूसरे पक्ष के मोहन सिंह व सतेंद्र के बीच पहलवानी को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों पक्ष गांव में ही पहलवानी करते थे। पहलवानी के दौरान कई बार दोनों पक्षों में बहस हुई थी।

आरोपी पक्ष- पिता मोहन सिंह, छोटा बेटा सतेंद्र, बड़ा धर्मेंद्र जिसके गले में गोली लगी है। उसे देर रात जयपुर रेफर कर दिया गया।
पथैना में वर्चस्व की खूनी जंग
भरतपुर से दक्षिण-पश्चिम में धौलपुर रोड पर 77 किलोमीटर दूर है पथैना गांव। आबादी 10 हजार से ज्यादा है। जाटों का गांव है और यहां पुराने दौर से ही पहलवानी का शौक रहा है। लोग अखाड़ों में कुश्ती की प्रैक्टिस करते रहे हैं। गांव के ही विजेंद्र सिंह (50) और मोहन सिंह (55) भी अखाड़े में हाथ आजमाते रहे थे। दोनों के बीच अखाड़े की दुश्मनी घर तक पहुंच गई। श्रेष्ठ होने की जंग में विजेंद्र सिंह आगे निकल गया था। उसके दो बेटे पुलिस में नौकरी लग गए। एक बहू भी सरकारी टीचर बन गई थी। वर्चस्व की जंग में विजेंद्र का कद बढ़ गया था। ऐसे में मोहन सिंह और उसके युवा बेटों धर्मेंद्र (21) और सतेंद्र (17) विजेंद्र पर विजेंद्र सिंह और उसके बेटे हेमू (28), आरएसी में तैनात किशन (24) और भरतपुर पुलिस में तैनात यदुराज (30) भारी पड़ रहे थे। धर्मेंद्र और सतेंद्र के दिल दिमाग में यह तरक्की पैवस्त थी। दोनों परिवारों के बीच रंजिश थी है। एक साल पहले भी दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी।
आरोपी पक्ष- मोहन सिंह (55) मौके पर नहीं था। धर्मेंद्र (21) और सतेंद्र (17) पर आरोप है कि लाठी सरियों या फायरिंग से दोनों ने 3 लोगों का मर्डर कर दिया।
मृतक पक्ष – विजेंद्र सिंह (50) और उसके दो बेटों हेमू (28) और पुलिसकर्मी किशन (24) की मौत हो गई। तीसरा बेटा पुलिसकर्मी यदुराज (30) मामूली घायल हुआ।
गुरुवार शाम का क्या हुआ था
गुरुवार शाम करीब 4 बजे विजेंद्र सिंह के बेटे हेमू और किशन खेड़ली के बाजार गए थे। उसी बाजार में घूमने के लिए मोहन सिंह का बेटा धर्मेंद्र भी गया हुआ था। बाजार में हेमू और किशन का सामना हुआ धर्मेंद्र से। आरोप है कि हेमू और किशन ने धर्मेंद्र को भरे बाजार पीट दिया। गुस्से में तमतमाया धर्मेंद्र अपने घर लौटा और परिजनों को पिटाई के बारे में बताया। धर्मेंद्र, उसका भाई सतेंद्र और परिजन लाठी-डंडों से लैस होकर हेमू और किशन के घर की ओर बढ़े। वे उनके घर पहुंचते इससे पहले ही शाम 6 बजे के करीब हेमू और किशन उन्हें रास्ते में मिल गए।
बताया जा रहा है कि गोलियां हेमू और किशन की ओर से चलाई गई। क्योंकि इस परिवार के किशन व यदुराज पुलिस में हैं और हथियारों से फैंडली हैं। गोलियां चली तो बाजार में अफरा-तफरी मच गई। लोग घरों में दुबक गई। दरवाजे बंद कर लिए। झगड़े का पता चला तो हेमू और किशन का पिता विजेंद्र भी मौके पर पहुंच गया। आरोप है कि धर्मेंद्र और सतेंद्र ने तीनों पर जमकर लाठी-फरसे चलाए और बुरी तरह घायल कर दिया। पुलिस के मुताबिक यह जांच का विषय है कि धर्मेंद्र व सतेंद्र ने गोलियां चलाई या नहीं। घायल हेमू, किशन व उनके पिता विजेंद्र की मौत हो गई।

इस खूनी जंग में तीन लोगों की मौत हो गई। शवों को भरतपुर आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है।
एडिशनल एसपी चंद्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि खूनी जंग में विजेंद्र, उसके बड़े बेटे हेमू (28) और छोटे बेटे किशन (24) की मौत हो गई। किशन RAC में तैनात था। धर्मेंद्र (21) की गर्दन में गोली लगी है। सभी घायलों को एंबुलेंस से भुसावर अस्पताल पहुंचाया गया। देर रात भरतपुर आरबीएम अस्पताल लाया गया। आरबीएम से इलाज के लिए जयपुर रेफर कर दिया गया। हमले में तीन लोगों की मौत हो गई जिनका शव भरतपुर मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया।

मॉर्च्युरी के अंदर जमा भीड़।
मोहन सिंह बोला- मेरे बेटों ने लाठियों से मार डाला
इस घटना के बाद आरोपियों धर्मेंद्र-सतेंद्र के पिता मोहन सिंह ने कहा कि बच्चों में पुरानी रंजिश है। मृतक किशन ने 1 महीने पहले मेरे बेटे की पिटाई कर दी थी। गुरूवार को तीनों बाजार में आए और फिर से मेरे बेटे धर्मेंद्र को पीट दिया। इन लोगों के पास बदूंकें थीं तो गोलियां बरसानी शुरू कर दी। मेरे बच्चों के पास न तो बंदूक थी और न गोलियां। मैं भगवान की कसम खाकर कह रहा हूं…मेरे बच्चों ने तो इन्हें लट्ठ से मार दिया। फिलहाल पुलिस ने मोहन सिंह को हिरासत में ले लिया है और धर्मेंद्र और सतेंद्र भी पुलिस की निगरानी में हैं।
सतेंद्र ने बताया किस बात का था विवाद
आरोपी सतेंद्र ने बताया कि हेमू, किशन और यदुराज पहलवानी करते हैं। मैं और मेरा भाई धर्मेंद्र भी पहलवानी करते हैं। इसलिए दोनों पक्षों में बेमतलब की झड़प होती रहती है। कोई जमीन की या किसी और बात की रंजिश नहीं है। बस दुश्मनी है। गुरुवार को भी किसी पुरानी मारपीट की बात को लेकर झगड़ा शुरू हुआ था।
आईजी बोले- लड़की का मामला होता तो शिकायत दर्ज कराते
आईजी गौरव श्रीवास्तव बोले इस मामले में लड़की से छेड़छाड़ का पुराना मामला बताया जा रहा है। लेकिन ऐसा होता तो मृतक पक्ष के दो युवक पुलिस में थे। जिनमें से किशन की मौत हो चुकी है, यदुराज घायल है। उनकी तरफ से शिकायत दी जाती तो कानूनी कार्रवाई हो सकती थी। लेकिन पुलिस को इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली। जिन लोगों की मौत हुई है उनके सिर फटे हैं।
फिलहाल तीन मौतों के बाद पथैना गांव की गलियों में सन्नाटा है। भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी इलाके का दौरा किया है और पुलिस को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों परिवारों के बीच ऐसी दुश्मनी रही है कि पहले से अंदेशा था कि ये लोग कभी आमने-सामने हुए तो कुछ बुरा होगा। ऐसा ही हो भी गया।

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