कैलाश मेघवाल बीजेपी से निलंबित:बोले- अर्जुन मेघवाल जैसा भ्रष्ट व्यक्ति देश का कानून मंत्री कैसे हो सकता है; वसुंधरा खेमे को खत्म करने की साजिश
जयपुर
प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल पर निशाना साधा।
भाजपा ने बुधवार को विधानसभा के पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल को पार्टी से निलंबित कर दिया। दरअसल, मेघवाल ने एक सभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल को भ्रष्ट बताते हुए सवाल उठाए थे।
इधर, कैलाश मेघवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के नोटिस के दिए जवाब को सार्वजनिक किया। मेघवाल ने कहा- मुझे बीजेपी ने निकाला है, मैं चुनाव लड़ूंगा और बीजेपी उम्मीदवार को हजारों वोटों से हराऊंगा। उन्होंने कहा- मैंने पीएम नरेंद्र मोदी को लंबी-चौड़ी चिट्ठी लिखी है।
यही नहीं, विधायक कैलाश मेघवाल ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं पर हमला भी बोला है। मेघवाल ने कहा- अर्जुन मेघवाल जैसा भ्रष्ट व्यक्ति देश का कानून मंत्री कैसे हो सकता है। कैलाश मेघवाल ने यह भी कहा कि राजस्थान में भाजपा गुटों में बंटी हुई है। वसुंधरा राजे के खेमे को पूरी तरह समाप्त करने की साजिश की जा रही है।
कैलाश मेघवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को यह चिट्ठी लगी है, जिसमें उन्होंने कई मुद्दों को उठाया है।
अर्जुन मेघवाल भ्रष्ट अफसर रहे
कैलाश मेघवाल ने कहा- अर्जुन मेघवाल भ्रष्ट अफसर रहे हैं। उद्योग सेवा से लेकर कलेक्टर रहने तक अर्जुन मेघवाल ने कई भ्रष्टाचार किए। उन्होंने चूरू में कलेक्टर रहते हुए शहीद सैनिक की वीरांगना के कोटे की जमीन हाउसिंग बोर्ड से गलत लोगों को आवंटित की थी। इसकी शिकायत हुई और ACB ने मामला दर्ज किया। दो बार जांच हुई। दबाव में एफआर पेश की। सेशन कोर्ट जज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि इस केस में दबाव बनाया जा रहा है।
मेघवाल ने कहा- मैंने पीएम मोदी को भी अर्जुन मेघवाल को हटाने के लिए चिट्ठी लिखी है। अर्जुन मेघवाल ने चुनाव आयोग को झूठा एफिडेविट दिया। मेघवाल ने कहा- अर्जुन मेघवाल ने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के केस की जानकारी नहीं दी। चुनावी एफिडेविट में गलत जानकारी देना कानूनी अपराध है। इनके खिलाफ केस चल सकता है। मंत्री पद के साथ सांसदी जा सकती है।
अर्जुन मेघवाल जैसा भ्रष्ट व्यक्ति देश का कानून मंत्री कैसे है
कैलाश मेघवाल ने कहा- मैंने ये सारी बातें प्रधानमंत्री को लिख कर दी हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री जी इस पर एक्शन लेंगे। अर्जुन मेघवाल जैसे भ्रष्ट व्यक्ति को देश का कानून मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। जब ऐसे भ्रष्ट व्यक्ति को कानून मंत्री बनाया गया तो मैंने सबूत इकट्ठा करना शुरू किया और इसको हटाने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। एक भ्रष्ट व्यक्ति देश का कानून मंत्री कैसे हो सकता है।
अर्जुन मेघवाल ने महाराष्ट्र के नेता से टिकट के डेढ़ करोड़ लिए
कैलाश मेघवाल ने कहा- अर्जुन मेघवाल ने महाराष्ट्र के एक नेता से टिकट दिलवाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए लिए और उसे टिकट भी नहीं मिला। उसके बाद वह व्यक्ति कई पार्टी नेताओं के पास गया और पैसा वापस दिलवाने का आग्रह किया। ऐसे कई भ्रष्ट कारनामे अर्जुन मेघवाल ने किए हैं।
कैलाश मेघवाल ने जयपुर में पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों के सामने भाजपा के नोटिस के जवाब को सार्वजनिक किया।
मैं इस पार्टी का हीरो था जिसे जीरो बना दिया
मेघवाल ने कहा- मैं कभी इस पार्टी में हीरो था, आज मैं हीरो से जीरो हूं। आज बीजेपी चार यात्राएं निकाल रही है, कहीं एक भी जगह मुझे देख रहे हो। 2003 में और 2013 में जो यात्रा निकली, उसमें मुझे प्रमुखता दी गई थी। आज मुझे साइड लाइन कर दिया गया। मैं साइड लाइन नहीं रहूंगा।
उन्होंने कहा- अर्जुन मेघवाल की तुलना अंबेडकर जैसी महान हस्ती से की जा रही है जो पूरी तरह अनुचित है।
वसुंधरा खेमे को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा
कैलाश मेघवाल ने कहा- राजस्थान में भाजपा कई गुटों में बंटी हुई है और एक गुट है जो वसुंधरा राजे को पूरी तरह अनदेखा कर रहा है। भाजपा ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी तरह गुटों में बंटी है। वसुंधरा राजे के समर्थकों को चुन-चुन कर बाहर किया जा रहा है। मैं वसुंधरा जी के खेमे में माना जाता हूं और वसुंधरा जी के खेमे को पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। वसुंधरा राजे क्या निर्णय लेती हैं, वह जानें, लेकिन मैंने अपना स्टैंड ले लिया है। सीपी जोशी, राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया गुटबाजी कर रहे हैं। मैंने पीएम को लिखी चिट्ठी में विस्तार से सब कुछ लिखा है। मैंने लिखा है, कौन गुटबाजी कर रहा है कैसे कर रहा है, सब कुछ लिखा है। पार्टी को गड्ढे में डाला गया है।
सीपी जोशी और राठौड़ आयातित नेता
कैलाश मेघवाल ने कहा- बीजेपी में आयातित नेता हावी हैं। सीपी जोशी NSUI से आए हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ जनता पार्टी से आए हैं। दोनों का ही भाजपा की विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। ये सुविधा की राजनीति करने आए हुए लोग हैं।
सीपी जोशी पुराना कांग्रेसी
मेघवाल ने कहा- यह सीपी जोशी पुराना कांग्रेसी है। वल्लभनगर सीट पर वह अपना कैंडिडेट लाया और उसकी जमानत जब्त हुई।
राजस्थान बीजेपी का स्वास्थ्य ठीक नहीं
मेघवाल ने कहा- राजस्थान भाजपा का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए देश के सारे नेताओं को यहां लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर जेपी नड्डा और बड़े-बड़े मंत्रियों को यहां पर उतरा जा रहा है। सारे पदाधिकारियों को राजस्थान में लगाया जा रहा है। अगर हालत ठीक होते तो हिंदुस्तान की पूरी सरकार राजस्थान में क्यों उतर रही है?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कैलाश मेघवाल।
गहलोत अच्छा काम करते हैं तो तारीफ करता हूं
मेघवाल ने कहा- अशोक गहलोत अच्छा काम करते हैं तो तारीफ करता हूं। राजस्थान में भाईचारे की राजनीति रही है और इस भाईचारे की राजनीति में मेरे सबसे अच्छे संबंध हैं। कोई ऐसा नहीं है जिससे मेरे रिश्ते खराब हों।
अनुशासन भंग के आरोपों में किया निलंबित
बीजेपी की प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया- प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने शाहपुरा (भीलवाड़ा) के विधायक कैलाश मेघवाल को अनुशाासन भंग के आरोपों में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इस सारे प्रकरण को बीजेपी की प्रदेश अनुशासन समिति को आगे की कार्यवाही के लिए सौंपा है।
सभा में अर्जुन मेघवाल को बताया था भ्रष्ट
कैलाश मेघवाल ने 27 अगस्त को भीलवाड़ा जिले में एक सभा में अर्जुन मेघवाल को भ्रष्ट बताते हुए सवाल उठाए थे। इस पर बीजेपी ने 29 अगस्त को नोटिस जारी करके 10 दिन में जवाब मांगा था। कैलाश मेघवाल ने इसका जवाब भेज दिया। मेघवाल के जवाब के बाद उन्हें आज निलंबित कर दिया गया।
इसलिए मेघवाल ने कही साइड लाइन करने की बात
वसुंधरा राजे को इस बार पार्टी ने चेहरा नहीं बनाया है। उन्हें किसी चुनावी कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया। वसुंधरा समर्थक ज्यादातर नेता मुख्यधारा से दूर हैं, उन्हें पद नहीं दिए गए। उनके कट्टर समर्थक रहे देवी सिंह भाटी पार्टी से बाहर हैं। राजे समर्थक पूर्व मंत्री रोहिताश्व कुमार को बयानबाजी के कारण पार्टी से बाहर किया था। पूर्व विधायक विजय बंसल भी बीजेपी से बाहर हैं। लंबे समय से वसुंधरा राजे समर्थक नेता अंदरूनी तौर पर नाराज चल रहे हैं।
सतीश पूनिया के अध्यक्ष रहते शुरू हुआ टकराव
सतीश पूनिया के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही वसुंधरा समर्थक नेताओं से टकराव शुरू हो गया था। पूनिया के वक्त से ही वसुंधरा समर्थक नेताओं को दरकिनार किए जाने के आरोप लगने शुरू हो गए थे। वसुंधरा समर्थक विधायकों ने विधानसभा में बोलने का मौका नहीं दे जाने का आरोप लगाया था। कैलाश मेघवाल, कालीचरण सराफ और प्रताप सिंह सिंघवी ने बीजेपी विधायक दल की बैठक में साइड लाइन करने का मुद्दा उठाया था। उसके बाद से वसुंधरा समर्थक विधायकों को भी बोलने का मौका दिया जाने लगा था।
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