बीकानेर, 29 सितम्बर। एक ऐसा मंदिर जहां चुहे ही चुहे और इस बीच देवी का दर्शन, देश भर के 1000 मूक बधिर बच्चे देशनोंक के करणी माता मंदिर में यह दृश्य देखकर आश्चर्य मे पड़ गये। अलग अलग क्षेत्रों से आए इन बच्चों के शिक्षकों ने करणी मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष बादल सिंह से जानकारीयां लेते हुए बच्चों को यहंा पर चुहों की होने की कहानी तथा करणीमाता की महिमा बताई।
इस शिविर के मुख्य संयोजक लोकेश कावड़िया ने बताया कि जूनागढ़ से रवाना होकर सभी मेहमान, कार्यकर्ता देशनोक पहुंचे जहां पर सरदारमल मोहनलाल सोनी परिवार तथा सुन्दर लाल दुग्गड़ के आतिथ्य में सभी ने स्वागत भोज लिया फिर माता करणी के दर्शन किये। इस दौरान मीसो अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष पुष्पवीर जैन, कार्यक्रम संयोजक वीर विजयसिंह डागा सहित सहयोगी संस्थाओं प्रतिनिधि भी यात्रा मे साथ रहे ।
कार्यक्रम के संयोजक वीर विजय सिंह डागा ने बताया की सभी मेहमानों ने अश्व अनुसंधान केंद्र एवं कैमल फार्म की भी विजित की। अश्व अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने सभी अतिथियों को अश्व अनुसंधान केंद्र की oori जानकारी तथा घोड़े के रख रखाव, ब्रीडिंग, स्वास्थ्य सहित विभिन्न तंत्र जानकारियां दी साथ यह भी बताया की यह गुड़सवारी की स्वय ट्रेनिंग लेकर दूसरों को भी दे सकते हे, isme bolane sunane ki jaayada आवश्यकता नहीं रहती क्योंकि पशु भी भावनाएं समझता है। इस ट्रेनिंग को रोजगार के रूप में लेकर अपना जीवन यापन कर सकते है ।
मीडिया प्रभारी राजकुमार गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि महावीर इन्टरनेशनल सर्विस आॅर्गनाइजेशन व अनाम प्रेम मुम्बई के द्वारा बीकानेर मे डागा गेस्ट हाऊस मे चल रहे स्वरोजगार प्रशिक्षण हेतु देशभर से आये एक हजार दिव्यांग बच्चों को आज बीकानेर का दर्शन करवाया गया। इन बच्चों की दर्शन यात्रा सुबह 7 बजे ही डागा गेस्ट हाऊस से लगभग 26 बसों मे रवाना होकर होटल लक्ष्मी निवास पहुंची जहां पर हेरिटेज होटल कर्मचारीयों ने सभी दिव्यांगों को तिलक लगाकर स्वागत किया तथा ग्रांड हेरिटज होटल स्तर का नाश्ता किया। नाश्ते के दौरान होटल के विशाल बगीचे में बच्चे अपने अपने शिक्षकों के सान्निध्य मे झूमते नाचते भी रहे। इसके बाद बच्चों लक्ष्मी निवास के महल देखा और इतिहास के बारे जाना। वहां से रवाना होकर सभी जूनागढ़ पहुंचे जहां पर बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धी कुमारी ने सभी बच्चों का शीलत पेय पदार्थो से स्वागत किया। फिर बच्चों जूनागढ़ किला देखा। किले के अन्दर स्वर्ण महल, बादल महल, जनानी ढ्योढी, राजसी ठाटबाट के कपड़े, राजा महाराजाओं की अस्त्र शस्त्र सहित विभिन्न ऐतिहासिक महत्व की प्रदर्शित वस्तुऐं देखकर अभिभूत हो गये।
दिव्यांग बच्चों को स्वागत करते हुए विधायक सिद्धी कुमारी ने बीकानेर के लिए इस तरह के अनूठे आयोजकों और सहयोगी संस्थाओं, कार्यकत्र्ताओं का बीकानेर का मान बढ़ाने के लिए साधूवाद दिया तथा बच्चों की इशारों की भाषा, दैनिक जीवन चर्या तथा आयोजित हो रहे प्रशिक्षण के बारे में प्रतिनिधियों और प्रशिक्षकों से जानकारी ली।
आयोजन के सह सचिव संतोष बांठिाया ने बताया कि बीकानेर पहुंचकर बच्चों ने पुनः 7 बजे प्रशिक्षण कार्यशाला मे हिस्सा लिया तथा रात्रि नो बजे से रात्रि भोज के बाद दिव्यांगों के हिसाब से तैयार की गई सांस्कृतिक संध्या से मनोरंजन किया गया।
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