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गल्फ में अमेरिका का सामना करेगा ईरान:नेवी को दी लंबी दूरी तक वार करने वाली मिसाइलें; कहा- इलाके में US फोर्सेस का क्या काम

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गल्फ में अमेरिका का सामना करेगा ईरान:नेवी को दी लंबी दूरी तक वार करने वाली मिसाइलें; कहा- इलाके में US फोर्सेस का क्या काम

तस्वीर 2 अगस्त को गल्फ के विवादित आईलैंड पर किए गए ईरान के ड्रिल की है। - Dainik Bhaskar

तस्वीर 2 अगस्त को गल्फ के विवादित आईलैंड पर किए गए ईरान के ड्रिल की है।

ईरान ने गल्फ के होर्मुज पास में तैनात अपनी नेवी को ड्रोन और हजार किलोमीटर दूर तक वार करने वाली मिसाइलें दी हैं। इलाके में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी का हवाला देते हुए ईरान सेना के प्रवक्ता ने कहा- इलाके के देश अपने समुद्री रास्तों की सुरक्षा के लिए पूरी क्षमता रखते हैं।

दरअसल, अमेरिका ने पिछले दिनों होर्मुज पास से गुजरने वाले जहाजों में हथियारबंद सैनिकों की तैनाती की घोषणा की थी। इसकी वजह ईरान से जहाजों की सुरक्षा को बताया गया था। ईरान ने अमेरिका के इस एक्शन पर पलटवार करते हुए पूछा है- ओमान की खाड़ी और हिंद महासागर में अमेरिका का क्या काम है। वो किस मकसद से यहां मौजूद हैं।

ये तस्वीर अमेरिका ने शेयर की है जो अमेरिकी युद्धपोत USS बतान की है, ये फाइटर जेट, वॉरशिप और दूसरे एयरक्राफ्ट्स के साथ गल्फ की ओर बढ़ रहा है।

ये तस्वीर अमेरिका ने शेयर की है जो अमेरिकी युद्धपोत USS बतान की है, ये फाइटर जेट, वॉरशिप और दूसरे एयरक्राफ्ट्स के साथ गल्फ की ओर बढ़ रहा है।

होर्मुज पास से गुजरता है दुनिया का 20% तेल
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक ईरान ने होर्मुज पास में कई सौ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं। जो एक के बाद एक लगातार कई टारगेट पर हमला कर सकती हैं। होर्मुज पास वो इलाका है जहां से दुनिया का 20% तेल गुजरता है।

न सिर्फ ईरान बल्कि अमेरिका भी तेजी से इलाके में सैनिकों और हथियारों की तैनाती कर रहा है। अमेरिका ने अपना A-10 थंडरबोल्ट 2 वॉरप्लेन, F-16 और F-35 फाइटर जेट तैनात किए हैं। इसके अलावा अमेरिका के कई युद्धपोत भी इस इलाके में मौजूद हैं।

ईरान- अमेरिका जंग में भी नहीं हुई थी ऐसी तैनाती
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने ईरान से 1988 में हुई जंग के दौरान भी इस तरह इलाके में हथियारों को तैनात नहीं किया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका अब इलाके में सबसे ज्यादा एक्टिव दिख रहा है।

वहीं, बुधवार यानी 2 अगस्त को ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने गल्फ के विवादित आईलैंड पर मिलिट्री ड्रिल भी की थी।

अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका ने कुछ सैनिकों को ट्रेनिंग के लिए बहरीन भेज दिया है। (फाइल)

अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका ने कुछ सैनिकों को ट्रेनिंग के लिए बहरीन भेज दिया है। (फाइल)

ईरान ने ओमान की खाड़ी में कॉमर्शियल जहाज जब्त किया
अमेरिका और ईरान के बीच ओमान की खाड़ी में 2019 से जहाजों को जब्त करने को लेकर विवाद चल रहा है। दरअसल, 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से न्यूक्लियर डील खत्म कर ली थी। इसके बाद दोनों देश अलग-अलग जगहों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आते हैं।

गल्फ में होर्मुज पास भी उनमें से एक है।अब अधिकारियों का कहना है कि F-16 गल्फ में जहाजों को एयर कवर देगा। इस फैसले से गल्फ में ईरान को चुनौती देने के लिए अमेरिकी सेना की मौजूदगी भी बढ़ेगी।

दरअसल, अमेरिका ने पिछले महीने ईरान पर ओमान की खाड़ी में एक कॉमर्शियल जहाज पर कब्जा करने के आरोप लगाए थे। US नेवी ने दावा किया था कि उसने ईरान को 2 कॉमर्शियल तेल के टैंकर रिचमंड वोयेजर को जब्त करने से रोका। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी नेवी ने बताया कि बाहमास के झंडे वाले 2 टैंकर गल्फ ऑफ ओमान से गुजर रहे थे। तभी ईरान की नेवी वेसल ने उस पर हमला कर दिया।

वहीं ईरान के मुताबिक, उसे कोर्ट से टैंकर को जब्त करने के ऑर्डर मिले थे। ईरान ने दावा किया कि ओमान की खाड़ी में एक टैंकर उनके वेसल से टकरा गया था। इस वजह से वेसल में सवार 5 क्रू मेंबर्स घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें उसे जब्त करने का आदेश मिला था।

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