गहलोत राज में पारित 2 विधेयक राज्यपाल ने लौटाए, गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर न्यायिक जांच के दिए आदेश
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में पास किए गए दो विधेयक राज्यपाल ने लौटा दिए हैं। राज्यपाल की ओर से विधेयक की जांच कराए जाने पर गंभीर अनियमितताएं पाई गई। राज्यपाल ने कहा कि नियमों और प्रावधानों को ताक में रखकर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रयास करना अपराध है।
जयपुर: पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में पास किए गए दो विधेयक राज्यपाल ने लौटा दिए हैं। गहलोत राज में पारित 2 निजी विश्वविद्यालयों के विधेयक विधानसभा में पास किए जाने के बाद राज्यपाल के पास भेजे गए थे। राज्यपाल की ओर से विधेयक की जांच कराए जाने पर गंभीर अनियमितताएं पाई गई। नियम विरुद्ध तैयार किए गए विधेयकों को राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी और शुक्रवार 18 जनवरी को वापस लौटा दिए। राज्यपाल ने कहा कि नियमों और प्रावधानों को ताक में रखकर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रयास करना अपराध है। राज्यपाल ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
तथ्य छिपाकर तैयार की गई पक्ष में रिपोर्टजोधपुर के व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय और करौली के सौरभ विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पूर्ववर्ती सरकार के समय विधेयक पारित किए गए थे। राज्यपाल की ओर से जांच करने पर पाया गया कि दोनों ही विश्वविद्यालय राज्य सरकार की ओर से तय नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं। इसके बावजूद भी पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने इन विधेयकों को पारित कर दिया। ना तो पर्याप्त एकल पट्टा शुदा जमीन है और ना ही पर्याप्त भवन का निर्माण होना पाया गया है। दोनों ही विश्वविद्यालयों के संस्थापकों की ओर से पुरानी बिल्डिंग को नया बताकर विश्वविद्यालय स्थापित करने की चेष्टा की गई। विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति और जांच समिति के सदस्यों की ओर से कई तथ्य छिपाए गए हैं। ऐसा करना घोर लापरवाही का काम है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति और जांच कमेटी की रिपोर्ट की जांच कराने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही अनियमितताएं बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
तय नियमों और प्रावधानों की उड़ाई धज्जियांराजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राज्यपाल अभिभाषण के बाद सदन में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इन दोनों विश्वविद्यालय विधेयक की जानकारी राज्यपाल के संदेश के माध्यम से विधायकों को दी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने दोनों विश्वविद्यालय के पारित विधेयक के बाद उनके पास मंजूरी देने का प्रस्ताव गया तो उन्होंने जोधपुर के व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय और करौली का सौरभ विश्वविद्यालय दोनों विश्वविद्यालयों की जांच कराई तो आश्चर्यजनक कमियां सामने आई है। उन्होंने अपने संदेश में विधायकों से कहा कि विधेयक में जिन प्रावधानों का जिक्र किया है धरातल पर वह नहीं पाए गए हैं। जबकि सरकार की ओर से गठित जांच समितियां ने बिना तथ्यों की जांच करें ही विश्वविद्यालयों के रिपोर्ट पक्ष में दे दी गई है जो कि गलत है।
इन 20 विधेयकों को राज्यपाल ने दी मंजूरी
1. महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ गवर्नेंस और सोशल साइंसेज विधेयक 2023
2. राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान विधेयक 2023
3. राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थाई अध्यापकों का आमेलन संशोधन) विधेयक 2023
4. राजस्थान विधियों निश्चरण विधेयक 2023
5. राजस्थान विनियोग संख्या तीन विधेयक 2023
6. राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक 2023
7. राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अद्य उपाय संशोधन विधेयक 2023
8. राजस्थान सिनेमा विनियम संशोधन विधेयक 2023
9. राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय जयपुर विधेयक 2023
10. कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023
11. उदयपुर विकास प्राधिकरण विधेयक 2023
12. मारवाड़ चिकित्सा विश्वविद्यालय विधेयक 2023
13. राजस्थान माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2023
14. राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023
15. राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय जोबनेर जयपुर विधेयक 2023
16. गांधी वाटिका न्यास विधेयक 2023
17. राजस्थान प्लेटफार्म आधारित गिग कर्मकार रजिस्ट्रेशन और कल्याण विधेयक 2023
18. राजस्थान अभिवृत्ति अभिधृति संशोधन विधेयक 2023
19. राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक 2023
20. महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक 2023
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